Book Title: Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai

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Page 1803
________________ Foot0555555555555555 (४३) उत्तरऽज्झयणं (चउत्थं मूलसुत) अ, ३६ ४ ५) 555555页55555520 DSC明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐乐乐乐乐GO जहन्निया||१८४।। १६३७. पलिओवमा उ तिन्नि उक्कोसेण वियाहिया । पुव्वकोडीपुहत्तेणं, अंतोमुहत्तं जहन्निया ।।१८५।। १६३८. कायठिई थलयराणं; अंतरं तेसिमं 卐 भवे । कालं अणंतमुक्कोस, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं ॥१८६।। १६३९. एएसिं वण्णओ चेव गंधओ रस-फासओ। संठाणादेसओ वा वि विहाणाइं सहस्ससो॥१८७।। १६४०. चम्मे उ लोमपक्खी य तइया समुग्गपक्खी य । विततपक्खी य बोद्धव्वा पक्खिणो य चउव्विहा ॥१८८॥ १६४१. लोएगदेसे ते सव्वे, न सव्वस्थ वियाहिया। एत्तो कालविभागं तु तेसिं वोच्छं चउब्विहं ॥१८९।। १६४२. संतइं पप्पऽणाईया अपज्जवसिया वि य । ठिई पडुच्च साईया सपज्जवसिया वि य॥१९०॥ 卐 १६४३. पलिओवमस्स भागो असंखेज्जइमो भवे । आउठिई खहयराणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥१९१।। १६४४. असंखभागो पलियस्स उक्कोसेण उ साहिओ। पुव्वकोडिपुहत्तेणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ।।१९२।। १६४५. कायठिई खहयराणं; अंतरं तेसिमं भवे । कालं अणंतमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं ।।१९३।। १६४६. एएसिं वण्णओ चेव गंधओ रस-फासओ। संठाणादेसओ वा वि विहाणाइं सहस्सासो॥१९४|| १६४७. मणुया दुविहभेया उते मे कित्तयओ सुण । समुच्छिमा य मणुया गब्भवक्वंतिया तहा ॥१९५।। १६४८. गब्भवक्कंतिया जे उ तिविहा ते वियाहिया । अकम्म-कम्मभूमा य अंतरद्दीवया तहा ।।१९६।। १६४९. पन्नरस-तीसइविहा भेयाय अठ्ठवीसइं। संखा उ कमसो तेसिं इइ एसा वियाहिया ॥१९७|| १६५०. सम्मुच्छिमाण एसेव भेओ होइ आहिओ। लोगस्स एगदेसम्मि ते सव्वे वि वियाहिया ॥१९८|| १६५१. संतइं पप्पऽणाईया अपज्जवसिया वि य। ठिइं पडुच्च साइया सपज्जवसिया वि य ॥१९९|| १६५२. पलिओवमाइं तिण्णि उ उक्कोसेण वियाहिया। आउठिई मणुयाणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ।।२००|| १६५३. पलिओवमाइं तिण्णि उ उक्कोसेण वियाहिया। पुव्वकोडिपुहत्तेणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया॥२०१।। १६५४. कायठिई मणुयाणं; अंतरं तेसिमं भवे । अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं ॥२०२।। १६५५. एएसिं वण्णओ चेव गंधओ रस-फासओ। संठाणादेसओ वा वि विहाणाइं सहस्ससो॥२०३।। १६५६. देवा चउव्विहा वुत्ता, ते मे कित्तयओ सुण । भोमेज्ज वाणमंतर जोइस वेमाणिय तहा ।।२०४।। १६५७. दसहा उ भवणवासी, अट्ठहा वणचारिणो । पंचविहा जोइसिया, दुविहा वेमाणिया तहा ॥२०५|| १६५८. असुरा नाग सुवण्णा विज्जू अग्गी य आहिया । दीवोदहि दिसा वाया थणिया भवणवासिणो ॥२०६।। १६५९. पिसाय भूय जक्खा य रक्खसा किन्नरा य किंपुरिसा । महोरगा य गंधव्वा अट्टहा वाणमंतरा ||२०७।। १६६०. चंदा सूरा य नक्खत्ता गहा तारागणा तहा । दिसाविचारिणो चेव पंचहा जोइसालया ॥२०८॥ १६६१. वेमाणिया उ जे देवा दुविहा ते वियाहिया । कप्पोवगा य बोद्धव्वा कप्पाईया तहेव य॥२०९।। १६६२. कप्पोवगा बारसहा-सोहम्मीसाणगा तहा। सणंकुमार माहिंदा बंभलोगा य लंतगा ॥२१०|| १६६३. महासुक्का सहस्सारा आणया पाणया तहा। आरणा अच्चुया चेव इइ कप्पोवगा सुरा ॥२११|| १६६४. कप्पाईया उजे देवा दुविहा ते वियाहिया। गेवेज्जाऽणुत्तरा चेव जेवेग्गा नवविहा तहिं।।२१२॥ १६६५.हेट्ठिमाहेट्ठिमा चेव हेट्ठिमामज्झिमा तहा। हेट्ठिमाउवरिमा चेव, मज्झिमहेट्ठिमा तहा ।।२१३।। १६६६. मज्झिमामज्झिमा चेव मज्झिमाउवरिमा तहा । उवरिमाहेट्ठिमा चेव उवरिमामज्झिमा तहा ।।२१४।। १६६७. उवरिमाउवरिमा चेव इइ गेवेज्जगा सुरा । विजया वेजयंता य जयंता अपराजिया ॥२१५|| १६६८. सव्वट्ठसिद्धगा चेव पंचहाऽणुत्तरा सुरा। इइ वेमाणिया एए णेगहा एवमादओ॥२१६॥ १६६९. लोगस्स एगदेसम्मि ते सव्वे परिकित्तिया। एत्तो कालविभागं तु तेसिंवोच्छं चउव्विहं ।।२१७॥ १६७०. संतई पप्पऽणाईया अपज्जवसिया वि य । ठियं पडुच्च साईया सपज्जवसिया वि य ॥२१८।। १६७१. साहीयं सागरं एक्कं उक्कोसेण ठिई भवे । भोमेज्नाण, जहन्नेणं दसवाससहस्सिया ॥२१९|| १६७२. पलिओवममेगं तु उक्कोसेण ठिई भवे । वंतराणं, जहन्नेणं दसवाससहस्सिया।।२२०॥ #. १६७३. पलिओवमं तु एगं वासलक्खेण साहियं । पलिओवमट्ठभागो जोइसेसु जहन्निया ।।२२१।। १६७४. दो चेव सागराइं उक्कोसेण वियाहिया । सोहम्मम्मि, है जहन्नेणं एगं तु पलिओवमं ॥२२२॥ १६७५. सागरा साहिया दोण्णि उक्कोसेण वियाहिया। ईसाणम्मि, जहन्नेणं साहियं पलिओवमं ।।२२३॥ १६७६. सागराणि य सत्तेव उक्कोसेण ठिती भवे । सणंकुमारे, जहन्नेणं दोन्नि ऊ सागरोवमा ।।२२४।। १६७६. साहिया सागरा सत्त उक्कोसेण ठिई भवे । माहिदम्मि, जहन्नेणं साहिया दोन्नि सागरा ॥२२५|| १६७८. दस चेव सागराई उक्कोसेण ठिती भवे । बंभलोए, जहन्नेणं सत्त ऊ सागरोवमा ।।२२६।। १६७९. चोइस उ सागराइं उक्कोसेण ठिती भवे। Mero555555555555555555555555 श्री आगमगणमंजूषा - १६८४55555555555555555555555OOR MONOFFFFFFFFFFFFFFFF5f5ff5$FFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFFF5SQON Aperienadee iww.jainelibrary.org

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