Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
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(१५) पण्णवणा पय-
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तु सा छल्ली, जा यावऽण्णा तहाविहा ।।७७|| जस्स खंधस्स कट्ठाओ छल्ली बहलतरी भवे । अणंतजीवा उसा छल्ली, जा यावऽण्णा तहाविहा ।।७८।। जीसे सालाए कट्ठाओ छल्ली बहलतरी भवे । अणंतजीवा उ सा छल्ली, जा यावऽण्णा तहाविहा ॥७९।। ६ जस्स मूलस्स कट्ठाओ छल्ली तणुयतरी भवे । परित्तजीवा उ सा छल्ली, जा यावऽण्णा तहाविहा ।।८०|| जस्स कंदस्स कट्ठाओ छल्ली तणुयतरी भवे । परित्तजीवा उ सा छल्ली, जा यावऽण्णा तहाविहा ।।८१॥ जस्स खंधस्स कट्ठाओ छल्ली तणुयतरी भवे । परित्तजीवा उ सा छल्ली, जा यावऽण्णा तहाविहा ।।८।। जीसे सालाए कट्ठाओ छल्ली तणुयतरी भवे । परित्तजीवा उ सा छल्ली, जा यावऽण्णा तहाविहा ।।८३।। ७-चक्कागं भज्जमाणस्स गंठी चुण्णघणो भवे । पुढविसरिसेण भेएण अणंतजीवं वियाणाहि ||८४।। गूढछिरागं पत्तं सच्छीरं जं च होति णिच्छीरं । जं पि य पणट्ठसंधिं अणंतजीवं वियाणाहि ||८५।। ८ पुप्फा जलया थलया य वेंटबद्धा य णालबद्धा य । संखेज्जमसंखेज्जा बोधव्वाऽणंतजीवा य : ॥८६||,जे केइ नालियाबद्धा पुप्फा संखेज्जजीविया भणिता । णिया अणंतजीवा, जे यावऽण्णे तहाविहा ।।८७|| पउमुप्पलिणीकंदे अंतरकंदे तहेव झिल्ली य । एते ॥ अणंतजीवा एगो जीवो भिस-मुणाले ॥८८|| पलडू-ल्हसणकंदे य कंदली य कुसुंबए। एए परित्तजीवा, जे यावऽण्णे तहाविहा ।।८९।। पउमुप्पल-नलिणाणं सुभगसोगंधियाण य । अरविंद-कोकणाणं सववत्त-सहस्सवत्ताणं ॥९०|| वेट बाहिरपत्ता य कण्णिया चेव एगजीवस्स । अब्भितरगा पत्ता पत्तेयं केसरा मिंजा॥९१॥ वेणु णल इक्खुवाडिय मसमा सइखू य इक्कडेरंडे । करकर सुंठि विहुंगुं तणाण तह पव्वगाणं च ॥९२।। अच्छिं पव्वं बलिमोडओ य एगस्स होति जीवस्स। पत्तेयं पत्ताई पुप्फाई अणेगजीवाई९३|| पुस्सफलं कालिंग तुंबं तउसेलवालु वालुंकं । घोसाडयं पडोलं तिंदूयं चेव तेंदूसं ॥९४|| विटं समसं-कडाइं एयाइं होति एगजीवस्स। पत्तेयं पत्ताई सकेसरमकेसरं मिजा ।।९५|| सप्फाए सज्जाए उव्वेहलिया य कुहण कंदुक्के । एए अणंतजीवा कंडुक्के होति भयणा उ ।।९६।। ९ जोणिपब्भूए बीए जीवो वक्कमइ सो व अण्णो वा । जो वि य मूले जीवो सोविय पत्ते पढमताए॥९७|| सव्वो वि किसलओ खलु उग्गममाणो अणंतओ भणिओ। सो चेव विवहंतो होइ परित्तो अणंतो वा ॥९८॥ १० समयं वक्वंताणं समयं तेसिं सरीरनिव्वत्ती। समयं आणुग्गहणं समयं ऊसास-नीसासे ॥९९|| एकस्स उजं गहणं बहूणं साहारणाण तं चेव । जं बहुयाणं गहणं समासओ तं पि एगस्स ॥१००|| साहारणमाहरो साहारणमाणुपाणगहणं च । साहारणजीवाणं साहारणलक्खणं एयं ॥१०१|| जह अयगोलो धंतो जाओ तत्ततवणिज्जसंकासो । सव्वो अगणिपरिणतो निगोयजीवे तहा जाण ॥१०२॥ एगस्स दोण्ह तिण्ह व संखेज्जाण व न पासिउं सक्का । दीसंति सरीराई णिओयजीवाणऽणताणं ॥१०३|| ११ लोगागासपएसे णिओयजीवं ठवेहि एक्कक्कं । एवं भवेज्जमाणा हवंति लोया अणंता उ॥१०४||लोगागासपएसे परित्तजीवं ठवेहि एक्केक्कं । एवं मविज्जमाणा हवंति लोया असंखेज्जा ॥१०५॥ पत्तेया पज्जत्ता पयरस्स असंखभागमेत्ता उ। लोगाऽसंखाऽपज्जत्तगाण साहारणमणंता॥१०६।। [एएहिं सरीरेहिं पच्चक्खं ते परूविया जीवा। सुहुमा आणागेज्झा चक्खुप्फासंण ते एंति ॥४॥] [पक्खित्ता गाहा] जे यावऽण्णे तहप्पगाराः ५५. १ ते समासओ दुविहा पण्णत्ता।तं जहा-पज्जत्तगा य अपज्जत्तगाय। २ तत्थ णं जे ते अपज्जत्तगाते णं असंपत्ता। ३ तत्थ णं जे ते पज्जत्तगा तेसिं वण्णादेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखोज्जाइं जोणिप्पमुमुहसयसहस्साइं । पज्जत्तगणिस्साए अपज्जत्तगा वक्कमंति-जत्थ एगो तत्थ सिय संखेज्जा सिय असंखेज्जा सिय अणंता । एएसिणं इमाओ गाहाओ अणुगंतव्वाओ। तं जहा- कंदा य १ कंदमूला य २ रुक्खमूलाइ ३ यावरे। गुच्छा य ४ गुम्म ५ वल्ली य ६ वेलुराणि ७ तणाणि य ८॥१०७|| पउमुप्पल ९-१० संघाडे ११ हढे य १२ सेवाल १३ किण्हए १४ पणए १५। अवएय १६ कच्छ १७ भाणी १८ कंडुक्केक्कूणवीसइमे
१९॥१०८॥ तय-छल्लि-पवालेसुय पत्त-पुप्फ-फलेसुय। मूलऽग्ग-मज्झ-बीएसुजोणी कस्सय कित्तिया ? ॥१०९|| सेत्तं साहारणसरीरबादरवणस्सइकाइया । से म त्तं बादरवणस्सइकाइया । से तं वणस्सइकाइया । से तं एगिदिया। [सुत्तं ५६. बेइंदियजीवपण्णवणा] ५६. १ से किं तंबेदिया ? बेदिया (? से किं तं ॥
बेइंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवण्णा ? बेइंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवण्णा) अणेगविहा पन्नत्ता । तं जहा - पुलाकिमिया कुच्छिकिमिया गंडूयलगा मोलोमा
णेउरा सोमंगलगा वंसीमुहा सूइमुहा गोजलोया जलोया जलोउया संखा संखणगा घुल्ला खुल्ला वराडा सोत्तिया मोत्तिया कलुया वासा एगओवत्ता दुहओवत्ता reko
श्री आगमगुणमंजूषा-९४४5 555555555555555555$$O OR
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