Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
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(१५) पण्णवणा लेस्सापयं १७ - उद्देसक ४
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सुत्ताई १२३३-३८. ३ रसाहिगारो] १२३३. कण्हलेस्साणं भंते ! केरिसिया आसाएणं पण्णत्ता ? गायमा ! से जहाणामए णिबे इ वा णिंबसारे इ वा णिंबछल्ली इ वा णिबफाणिए इ वा कुडए इ वा कुडगफले इ वा कुडगछल्ली इ वा कुडगफाणिए इ वा कडुगतुंबी इ वा कडुगतुम्बीफले ति वा खारतउसी इ वा खारतउसीफले इ वा देवदाली इ वा देवदालिपुप्फे इ वा मियवालुंकी इ वा मियवालुंकीफले इ वा घोसाडिए इ वा घोसाडइफले इ वा कण्हकंदए इ वा वज्जकंदए इ वा । भवेतारूवा ? गोयमा ! णो इणढे समढे, कण्हलेस्सा णं एत्तो अणिद्वतरिया चेव जाव अमणामयरिया चेव अस्साएणं पण्णत्ता। १२३४. णीललेस्साए पुच्छा । गोयमा ! से जहाणामए भंगी ति वा भंगीरए इ वा पाढा इ वा चविता इ वा चित्तामूलए इ वा पिप्पलीमूलए इ वा पिप्पली इ वा पिप्पलिचुण्णे इ वा मिरिए इ वा मिरियचुण्णे इ वा सिंगबेरे इ वा सिंगबेरचुण्णे इ वा । भवेतारूवा ? गोयमा ! णो इणढे समढे, णीललेस्सा णं एत्तो जाव अमणामतरिया चेव अस्साएणं पण्णत्ता।१२३५. काउलेस्साए पुच्छा। गोयमा ! से जहाणामए अंबाण वा अंबाडगाण वा माउलुंगाण वा बिल्लाण वा कविट्ठाण वा भट्ठाण वा फणसाण वा दालिमाण वा पारेवयाण वा अक्खोलाण वा चोराण वा बोराण वा तेंदुयाण वा अपिक्काणं अपरियागाणं वण्णेणं अणुववेताणं गंधेण अणुववेयाणं फासेणं अणुववेयाणं । भवेतारूवा? गोयमा! णो इणढे समढे, जाव एत्तो 'अमणामयरिया चेव काउलेस्सा अस्साएणं पण्णत्ता । १२३६. तेउलेस्सा णं पुच्छा । गोयमा ! से जहाणामए अंबाण वा जाव तेंदुयाण वा पिक्काणं -परियावण्णाणं वण्णेणं उववेताणं पसत्थेणं जाव फासेणं जाव एत्तो मणामयरिया चेव तेउलेस्सा अस्साएणं पण्णत्ता। १२३७. पम्हलेस्साए पुच्छा । गोयमा ! से ॐ जहाणामए चंदप्पभा इ वा मणिसिलागा इ वा वरसीधू इ वा वरवारुणी ति वा पत्तासवे इ वा पुप्फासवे इ वा फलासवे इ वा चोयासवे इवा आसवे इ वा मधूइ वा मेरए 3 इ वा कविसाणए इवा खज्जूरसारए इ वा मुद्दियासारए इ वा सुप्पिक्खो यरसे इ वा अट्ठपिट्ठणिट्ठिया इ वा जंबूफलकालिया इ वा वरपसण्णा इ वा आसला मासला
पेसला ईसी ओट्ठावलंबिणी ईसिंवोच्छेयकडुई ईसी तंबच्छिकरणी उक्कोसमयपत्ता वण्णेणं उववेया जाव फासेणं, आसायणिज्जा वीसायणिज्जा पीणणिज्ज विहणिज्जा दीवणिज्जा दप्पणिज्जा मयणिज्जा सविदिय-गायपल्हायणिज्जा । भवेतारूया ? गोयमा ! णो इणढे समतु, पम्हलेस्सा णं एत्तो इट्टतरिया चेव जाव मणामतरिया चेव अस्साएणं पण्णत्ता । १२३८. सुक्कलेस्सा णं भंते ! केरिसिया अस्साएणं पण्णत्ता ? गोयमा ! से जहाणामए गुले इ वा खंडे इ वा सक्करा इ वा मच्छंडिया इ वा पप्पडमोदए इ वा भिसकंदे इ वा पुप्फुत्तरा इ वा पउमुत्तरा इ वा आयंसिया इ वा सिद्धत्थिया इ वा आगासफालिओवमा इ वा अणोवमाइ वा । भवेतारूवा ? गोयमा ! णो इणढे समढे, सुक्कलेस्साणं एत्तो इठ्ठतरिया चेव कंतत्तरिया चेव पियतरिया चेव मणामयरिया चेव अस्साएणं पण्णत्ता। सुत्ताई १२३९-४१.४-९गंधाहिगाराइ अहिगारछक्कं ] १२३९. कति णं भंते ! लेस्साओ दुब्भिगंधाओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! तओ लेस्साओ दुब्भिगंधाओ पण्णत्ताओ। तं जहा किण्हलेस्सा णीललेस्सा काउलेस्सा। १२४०. कति णं भंते ! लेस्साओ सुब्भिगंधाओ पण्णत्ताओ? गोयमा! तओ लेस्साओ सुब्मिगंधाओ पण्णत्ताओ। तं जहा तेउलेस्सा पम्हलेस्सा सुक्कलेस्सा। १२४१. एवं तओ अविसुद्धाओ तओ विसुद्धाओ, तओ अप्पसत्थाओ तओ पसत्थाओ, तओ संकिलिट्ठाओ तओ असंकिलिट्ठाओ, तओ सीयलुक्खाओ तओ निद्भुण्हाओ, तओ दुग्गइगामिणीओ तओ सुगइगामिणीओ। [सुत्तं १२४२.१० परिणामहिगारा] १२४२. कण्हलेस्साणं भंते ! कतिविधं परिणामं परिणमति ? गोयमा ! तिविहं वा नवविहं वा सत्तावीसतिविहं वा एक्सीतिविहं वा बेतेयालसतविहं वा बहुं वा बहुविहं परिणाम परिणमति । एवं जाव सुक्कलेसा। [सुत्तं१२४३.११ पदेसाहिगारो] १२४३. कण्हलेस्सा णं भंते ! कतिपदेसिया पण्णत्ता ? गोयमा ! अणंतपदेसिया पण्णत्ता । एवं जाव सुक्कलेस्सा। [सुत्तं १२४४. १२ अवगाहाहिगारो] १२४४. कण्हलेस्सा णं भंते ! कइपएसोगाढा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जपएसोगाढा पण्णत्ता । एवं जाव सुक्कलेस्सा। [सुत्तं १२४५. १३ वग्गणाहिगारो] १२४५. कण्हलेस्सा णं भंते ! केवतियाओ वग्गणाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अणंताओ वग्गणाओ पण्णत्ताओ । एवं जाव सुक्कलेस्साए। [सुत्तं १२४६. १४ ठाणाहिगारो] १२४६. केवतिया णं भंते ! कण्हलेस्साठाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा कण्हलेस्साठाणा पण्णत्ता । एवं जाव सुक्कलेस्साए।
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#श्री आगमगुणमंजूषा-
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