Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai

View full book text
Previous | Next

Page 25
________________ (१५) पण्णवणा पय-१ [१४] 555555555555EFOXO! C%;5555555555%%%%%%%% 明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐听听听听FO दिट्ठिवाओ य ६॥१२६।। दव्वाण सव्वभावा सव्वपमाणेहिं जस्स उवलद्धा । सव्वाहिं णयविहीहिं वित्यारसइ त्ति णायव्वो ७॥१२७।। दसण-णाण-चरित्ते तवविणए सव्वसमिइ-गुत्तीसु । जो किरियाभावरुई सो खलु किरियारुई णाम ८॥१२८॥ अणभिग्गहियकुदिट्ठी संखेवरुइ ति होइ णायव्यो । अविसारओ पवयणे अणभिग्गहिओ य सेसेसु ९॥१२९|| जो अत्थिकायधम्मं सुयधम्म खलु चरित्तधम्मं च । सद्दहइ जिणाभिहियं मे धम्मरुइत्ति नायचो १०॥१३०॥ परमत्थसंथवो वा यदिद्रपरमत्थसेवणा वा वि । वावण्ण-कुदसणवज्जणा य सम्मत्तसद्दहणा ॥१३१।। निस्सकिय १ निक्कंखिय २ निव्वितिगिच्छा ३ अमूढदिट्ठी ४ य । उववूह ५ थिरीकरणे ६ वच्छल्ल ७ पभावणे ८ अट्ठ॥१३२।। सेत्तं सरागदंसणारिया।१११. से किं तं वीरागदसणारिया ? वीयरागदसणारिया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा। उवसंतकसायवीयरायदंसणारिया खीणकसायवीरारायदंसणारिया। ११२. से किं तं उवसंतकसायवीरायदंसणारिया ? उवसंतकसायवीयरायदंसणारिया दुविहा पण्णत्ता। तं जहा पढमसमयउवसंतकसायवीरायदंसणारिया अपढमसमयउवसंतकसायवीयरायदंसणारिया, अहवा चरिमसमयउवसंतकसायवीयरायदंसणारिया य अचरिमसमयउवसंतकसायवीयरायदंसणारिया य । ११३. से किं तं खीणकसायवीयरायदंसणारिया ? खीणकसायवीयरायदंसणारिया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा छउमत्थखीणकसरयवीयरागदंसणारिया य केवलिखीणकसायवीयरागदसणारिया य । ११४. से किं तं छउमत्थखीणकसायवीयरागदसणारिया ? छउमत्थखीणकसायवीयरागदंसणारिया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा-सयंबुद्धछउमत्थखीणक सायवीयरागदसणारिया य बुद्धबोहियछ उमत्थखीणकसायवीयरागदंसणारिया य।११५. से किं तं सर्यबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरागदंसणारिया ? सयंबुद्धछउमत्थरखीणकसायदीयरागदसणारिया दविहा पण्णत्ता। तं जहा पढम-समयसयं बुद्धछउमत्थखीणक सायवीयरागदंसणारिया य अपढमसमयसयं बुद्धछ उमत्थखीणक सायवीयरागदंसणारिया य, अहवा चरिमसमयसयंबुद्धछ उमत्थखीणक सायवीयरागदंसणारिया य अचरिमसमयसयं बुद्धछ उमत्थखीणक सायवीयरागदंसणारिया य । से तं सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरागदसणारिया । ११६. से किं तं बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरागदंसणारिया ? बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरागदंसणारिया दुविहा पण्णत्ता । तंजहा- पढमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरागदंसणारिया य अपढमसमयबुद्धबोहियछ उमत्थखीणकसायवीयरागदसणारिया य, अहवा चरिमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरागदसणारिया य अचरिमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरागदसणारिया य । से तं बुद्धबोहियछ उमत्थखीणक सायवीयरागदं सणारिया । से तं छ उमत्थखीणक सायवीयरागदंसणारिया । ११७. से किं तं केवलिखीणकसायवीतरागदसणारिया ? केवलिखीणकसायवीतरामदसणारिया दुविहा पण्णत्ता । ते जहा- सजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागदसणारिया य अजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागदसणारिया य! ११८. से कितं सजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागदसणारिया ? सजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागदंसणारिया है दविहा पण्णत्ता ! हं जहां पढमसमयसजोगिकेवलि-खीणकसायवीतरागदेसणारिया य अपढमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायबीसरागदंसणारिया य, अहवा चरिमसमयसजोगिके वलिखीणकसायवीतरागर्दसणारिया य अचरिमसमयसजोगिके वलिखीणकसायधीतरागर्दसणारिया य । से तं सजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागदसणारिया। ११९.से किं तं अजोगिकेवलिखीणक-सायवीतरागदसणारिया ? अजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागदसणारिया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा पढ़मसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागदसणारिया य अपढमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागदसणारिया य, अहवा चरिमसमयअजोगिके वलिखीणक सायवीतरागदंसणारिया य अचरिमसमयअजोगिके वलिखी-णक सायवीतरागदंसणारिया य । से त्तं अजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागदंसणारिया। सेत्तं केवलिखीणकसायवीतरागदसणारिया। से तं खीणकसायवीतरागदसणारिया । सेत्तं वीयरायदंसणारिया। से तं दसणारिया । १२०. से किं तं चरित्तारिया ? चरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा सरागचरित्तारिया य वीयरागचरित्तारिया य । १२१. से किं तंज २ सरागचरित्तारिया ? सरागचरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता । तं जहा सुहमसंपरायसरागचरित्तारिया य बायरसंपरायसरागचरित्तारिया य । १२२. से किं तं 乐乐乐乐乐乐乐乐乐明明 Sonvirrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrr M.jainelibrary.ors) -nnn hournimurrierrrrrrrrrrrirururrrrrronow


Page Navigation
1 ... 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181