Book Title: Agam 04 Samvao Chauttham Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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[२५] दुओणयं जहाजायं कितिकम्म बारसावयं ।
चउसिरं तिगुत्तं च दुपवेसं एगनिक्खमणं ।।। [२५] विजया णं रायहाणी दुवालस जोयणसयसहस्साइं आयामविक्खंभेणं पन्नत्ता, रामे णं बलदेवे द्वालस वाससयाई सव्वाउयं पालित्ता देवत्तं गए, मंदरस्स णं पव्वयस्स चूलिआ मूले द्वालस जोयणाई विक्खंभेणं पन्नत्ता जंबूदीवस्स णं दीवस्स वेइया मूले दुवालस जोयणाइं विक्खंभेणं पन्नत्ता सव्वजहण्णिओ राई दुवालसमुहुत्तिआ पन्नत्ता, एवं दिवसोऽवि नायव्वो ।
सव्वट्ठसिद्धस्स णं महाविमाणस्स उवरिल्लाओ थूभिअग्गाओ दुवालस जोयणाई उड्ढे समवाओ-१२
उप्पतिता ईसिपब्भारा नामं पुढवी पन्नत्ता, ईसिपब्भाराए णं पुढवीए दुवालस नामधेज्जा पन्नत्ता तं जहा- ईसित्ति वा ईसिपब्भारत्ति वा तणूइ वा तण्यतरित्ति वा सद्धित्ति वा सिद्धालएत्ति वा मुत्तीति वा मुत्तालएत्ति वा बंभेत्ति वा बंभवडेंसएत्ति वा लोकपडिपूरणेत्ति वा लोगग्गचूलिआइ वा ।।
इमीसे णं रयणप्पभाए पढवीए अत्थेगइयाणं नेरइयाणं वारस पलिओवमाइं ठिई पन्नत्ता, पंचमाए पढवीए अत्थेगइयाणं नेरइयाणं बारस सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता ।
असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं बारस पलिओवमाई ठिई पन्नत्ता ।
सोहम्मीसाणेस् कप्पेस् अत्थेगइयाणं देवणं बारस पलिओवमाई ठिई पन्नत्ता, लंतए कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं बारस सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता,
जे देवा महिंद महिंदज्झयं कंबुं कंबुग्गीवं पुखं सुपंखं महापुंखं पुंडं सुपुंड महापुंडं नरिंद नरिंदकंतं नरिंदुत्तरवडंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसि णं देवाणं उक्कोसेणं बारस सागरोवमाई ठिई पन्नत्ता, ते णं देवा बारसण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा, तेसि णं देवाणं बारसहिं वाससहस्सेहिं आहारट्ठे समप्पज्जइ ।
संतेगइआ भवसिद्धिया जीवा जे बारसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिनिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्संति ।
बारसमो समवाओ समत्तो । 0 मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधितः सम्पादित्तश्च बारसमो समवाओ समत्तो 0
0 तेरसमो-समवाओ 0 [२६] तेरस किरियाठाणा पन्नत्ता तं.-अट्ठादंडे अणट्ठादंडे हिंसादंडे अकम्हादंडे दिद्विविप्परिआसिआदंडे मुसावायवत्तिए अदिन्नदाणवत्तिए अज्झत्थिए माणवत्तिए मित्तदोसवत्तिए मायावत्तिए लोभवत्तिए ईरियावहिए नामं तेरसमे,
सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु तेरस विमाणपत्थडा पन्नत्ता, सोहम्मवडेंसगे णं विमाणे णं अद्धतेरसजोयणसयसहस्साइं आयामविक्खंभेणं पन्नत्ते एवं ईसाणवडेंसगे वि,
जलयरपंचिदियअतिरिक्खजोणिआणं अद्धतेरस जाइकुलकोडीजोणीपमुहसयसहस्सा पन्नत्ता, पाणाउस्स णं पुवस्स तेरस वत्थू पन्नत्ता ।
गब्भवक्कंतिअ पंचेदिअतिरिक्खजोणियाणं तेरसविहे पओगे पन्नत्ते तं जहासच्चमणपओगे मोसमणपओगे सच्चामोसमणपओगे असच्चामोसमणपओगे सच्चवइपओगे मोसवइपओगे [दीपरत्नसागर संशोधितः]
[13]
[४-समवाओ]
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