Book Title: Agam 04 Samvao Chauttham Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 44
________________ सोहम्मीसाणेस् कप्पेस् पढमे पत्थडे पढमावलियाए एगमेगाए दिसाए बावठिं-बावहिँ विमाणा पन्नत्ता, सव्वे वेमाणियाणं बावढि विमाणपत्थडा पत्थडग्गेणं पन्नत्ता । बावहिमो समवाओ समत्तो । 0 मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधितः सम्पादित्तश्च बावहिमो समवाओ समत्तो 0 0 तेवहिमो-समवाओ 0 [१४१] उसभे णं अरहा कोसलिए तेसहिँ पुव्वसयसहस्साइं महारायवासमज्झावसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । __ हरिवासरम्मवासेसु मणुस्सा तेविट्ठिए राइंदिएहिं संपत्तजोव्वणा भवंति, निसेहे णं पव्वए तेविहिं सूरोदया प0 एवं नीलवंतेति । तेवद्विमो समवाओ समत्तो 0 0 मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधितः सम्पादित्तश्च तेवहिमो समवाओ समत्तो 0 0 चउसहिमो-समवाओ 0 [१४२] अहमिया णं भिक्खपडिमा चउसट्ठीए राइदिएहिं दोहि य अट्ठासीएहिं भिक्खासएहिं अहासत्तं [अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्च सम्मं काएण फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए आराहिया यावि] भवइ । चउसद्धिं असुरकुमारावाससयसहस्सा पन्नत्ता, चमरस्स णं रण्णो चउसद्धिं सामाणियसाहस्सीओ प० । सव्वेविं णं दधिम्हा पव्वया पल्ला-संठाण-संठिया सव्वत्थ समा दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं उस्सेहेणं चउसढ़ि-चउसद्धिं जोयणसहस्साइं पन्नत्ता । सोहम्मीसाणेसं बंभलोए य-तिस् कप्पेस चउसद्धिं विमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता | सव्वस्सवि य णं रणो चाउरंतचक्कवट्टिस्स चउसट्ठिलट्ठीए महग्घे मुत्तामणिमए हारे पन्नत्ते । 0 चउसहिमो समवाओ समत्तो 0 0 मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधितः सम्पादित्तश्च चउसहिमो समवाओ समत्तो 0 0 पणसहिमो-समवाओ 0 [१४३] जंबुद्दीवे णं दीवे पणसहिं सूरमंडला पन्नत्ता । थेरे णं मोरियपत्ते पणसट्ठिवासाई अगारमज्झावसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । समवाओ-६५ सोहम्मवडेंसयस्स णं विमाणस्स एगमेगाए बाहाए पणसटुिं-पणसद्धिं भोमा पन्नत्ता । पणसहिमो समवाओ समत्तो 0 [दीपरत्नसागर संशोधितः] [43] [४-समवाओ]

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