Book Title: Agam 04 Samvao Chauttham Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 79
________________ वोक्कसियपेज्जदोसं च वारिसेणं गयं सिद्धि ।। [३५२] जंबद्दीवे णं दीवे भरहे वासे आगमेस्साए उस्सप्पिणीए सत्त कुलकरा होत्था (तं जहा)- | [३५३] मित्तवाहणे सुभूमे य सप्पभे य सयंपभे । दत्ते सहमे सुबंधू य आगमेस्साण होक्खति ।। [३५४] जंबुद्दीवे णं दीवे भरहे वासे आगमिस्साए ओसप्पिणीए दस कुलगरा भविस्संति त जहा- विमलवाहणे सीमंकरे सीमंदरे खेमंकरे खेमंधरे दढधणू दसधणू सयधणू पडिसूई संमुइत्ति जंबुद्दीवे णं दीवे भरहे वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए चउवीसं तित्थगरा भविस्संति तं जहा - | [३५५] महापउम्मे सूरदेवे सुपासे य सयंपभे । सव्वाणभई अरहा देवउत्ते य होक्खति ।। [३५६] उदए पेढालपुत्ते य पोट्टिले सतएति य । मुणिसुव्वए य अरहा सव्वभावविदू जिणे ।। [३५७] अममे निक्कसाए य निप्प्लाए य निम्ममे । चित्तउत्ते समाही य आगमिस्साए होक्खड़ ।। [३५८] संवरे अणियट्ठी य विजए विमलेति य । देवोववाए अरहा अनंतविजए ति य ।। [३५९] एए वुत्ता चउवीसं भरहे वासम्मि केवली । आगमेस्साण होक्खंति धम्मतित्थस्स देसगा ।। पइण्णग समवाओ [३६0] एतेसि णं चउवीसाए तित्थगराणं पुव्वभविया चळवीसं नामधेज्जा भविस्संति होत्था (तं जहा)- | [३६१] सेणिय सुपास उदए पोट्टिल अणगारे तह दढाऊ य| कत्तिय संखे य तहा नंद सनंदे सतए य बोद्धव्वा ।। [३६२] देवई च्चेव सच्चइ तह वासुदेव बलदेवे । रोहिणि सुलसा चेव तत्तो खलु रेवई चेव ।। [३६३] तत्तो हवइ मिगाली बोद्धव्वे खल तहा भयाली य । दीवायणे य कण्हे तत्तो खल् नारएचेव ।। [३६४] अंबडे दारुमडे य साई बुद्धे य होइ बोद्धव्वे । उस्सप्पिणी आगमेस्साए तित्थगराणं तु पुव्वभवा ।। [३६५] एतेसि णं चउवीसाए तित्थगराणं चउवीसं पियरो भविस्संति चउवीसं मायरो भविस्संति चउवीस पढमसीसा भविस्संति चउवीसं पढमसिस्सिणीओ भविस्संति चउवीसं पढमभिक्खादा भविस्संति चउवीसं चेइयरुक्खा भविस्संति, जंबुद्दीवे ण दीवे भरहे वासे आगमेस्साए उस्सप्पिणीए बारस चक्कवट्टी भविस्संति (तं जहा) - | __ [३६६] भरहे य दीहदंते गूढदंते य सुद्धदंते य । सिरिउत्ते सिरिभई सिरिसोमे य सत्तमे ।। [दीपरत्नसागर संशोधितः] [78] [४-समवाओ]

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