________________
११. भाषा-विज्ञान में शब्दार्थ विचार
भाषा-विज्ञान, भाषा के वैज्ञानिक अध्ययन पर आधारित है। यह भाषा की प्रकृति, विकृति और परिष्कृति से उस प्रकार संबद्ध नहीं, जैसे व्याकरण है। व्याकरण, भाषा वैज्ञानिक के लिए अध्ययन की सामग्री प्रस्तुत करता है। भाषा-विज्ञान संकलित सामग्री के आधार पर विश्लेषण प्रस्तुत करके वैज्ञानिक निष्कर्ष निकालकर, भाषा विज्ञान के सिद्धान्त अथवा नियमों का निरूपण करता है। इस प्रकार भाषा विज्ञान विश्लेषण और सिद्धान्त निरूपण की पद्धति से आगे बढ़ता है। भाषा विज्ञान का सीधा अर्थ है, भाषा का विज्ञान, और विज्ञान का अर्थ है, विशिष्ट ज्ञान। भाषा विज्ञान, भाषा का विशिष्ट ज्ञान है। इसमें भाषा सम्बन्धी सभी प्रकार की विशेषताओं का वैज्ञानिक दृष्टि से निरूपण किया जाता है। भाषा विज्ञान के प्रधान अंग इस प्रकार हैं
१. वाक्य विज्ञान (Syntax) २. रूप विज्ञान (Morphology) ३. ध्वनि विज्ञान (Phonetics) ४. अर्थ विज्ञान (Semantics)
इन प्रमुख शाखाओं के अतिरिक्त भाषा विज्ञान में, भाषा की उत्पत्ति, भाषाओं का वर्गीकरण, भाषिक भूगोल, भाषा काल-क्रम विज्ञान, लिपि विज्ञान, मनो भाषा विज्ञान, समाज विज्ञान, शैली विज्ञान और भू-भाषा विज्ञान आदि का भी अध्ययन किया जाता है।
(क) वाक्य-विज्ञान-इसमें वाक्यों का स्वरूप, वाक्यों का परस्पर संबन्ध, शब्द एवं पदों का परस्पर सम्बन्ध, और क्रम आदि का वैज्ञानिक दृष्टि से विचार किया जाता है। वाक्य विज्ञान में, व्याकरण का ज्ञान भी आवश्यक है।
(ख) रूप-विज्ञान-रूप विज्ञान का सम्बन्ध वाक्यों को बनाने वाले शब्दों एवं पदों के स्वरूप अथवा रचना के अध्ययन से है। इसको पद विज्ञान भी कहते हैं। पद विज्ञान के अर्न्तगत प्रकृति तथा प्रत्यय आदि भाषा का रूपात्मक विवेचन रहता है।
(ग) ध्वनि-विज्ञान-ध्वनि विज्ञान के तीन विभाग होते हैं१. ध्वनि यन्त्रों का अध्ययन २. ध्वनियों का अध्ययन ३. ध्वनियों के परिवर्तन के नियमों का अध्ययन
(घ) अर्थ-विज्ञान-अर्थ-विज्ञान का स्वरूप विवेचन करते हुए डॉ. मंगलदेव शास्त्री ने लिखा है, कि "अर्थति, इति अर्थःशब्द-प्रयोगः।" शब्द का प्रयोग अर्थ को प्रकट करने के लिए ही किया जाता है। भाषा के संबन्ध में मौलिक सिद्धान्त है। अर्थ-विज्ञान का विषय उसी अर्थ के सम्बन्ध में वैज्ञानिक पद्धति से विचार करना है। शब्द और अर्थ का क्या संबन्ध है? शब्दार्थ में प्रकृति एवं प्रत्यय आदि क्या सहायता करते हैं? शब्दों के अर्थ में परिवर्तन कैसे हो जाते हैं ? इस प्रकार की अर्थ विषयक समस्त जिज्ञासा का समाधान,
८९
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org