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आचार मीमांसा १०३ को उनकी बिना अनुमति के ग्रहण करना चोरी है। अपनी योग्यता और आवश्यकता से अधिक संग्रह तथा संचय को भी चोरी ही कहा गया है। दूसरे के यश का अपहरण भी चोरी है। दूसरे की कृति की अनुकृति करना भी चोरी है। चोरी के हजारों प्रकार हो सकते हैं। समाज विरुद्ध और राष्ट्र विरुद्ध कार्य करना भी चोरी है।
जैन धर्म के आचार-शास्त्र में, चोरी को तृतीय अव्रत भी कहा गया है, और सप्त प्रकार के कुव्यसनों में भी इसकी परिगणना की है। व्यवहार-जीवन की शुद्धि के लिए भी चोरी का त्याग आवश्यक है। व्यापार में आय-चोरी और व्यय-चोरी की जाती है। किसी भी प्रकार की चोरी हो, जैन आचार्यों ने उसको अनाचार कहा है, उसका निषेध किया है, उसे अकर्म माना है। आज की परिस्थिति में सब से बड़ी और विकट समस्या कर-चोरी तथा कर-वञ्चना की है। जनता और सरकार दोनों के सिर दर्द की दवा नहीं हो पा रही है। क्योंकि चोरी के मूल को नहीं पकड़ा जा रहा है। चोरी का मूल है, असन्तोष एवं धन-लोभ।
अदत्तादान का अर्थ है-बिना दी वस्तु का ग्रहण करना। इसी को सामान्य भाषा में चोरी कहते हैं। श्रावक के लिए उस चोरी का त्याग आवश्यक है, जिस कारण राज्य दण्ड भोगना पड़े। समाज में अविश्वास उत्पन्न हो। प्रतिष्ठा को धक्का लगे। स्थूल चोरी किस प्रकार की होती है ? उत्तर में कहा गया है, कि किसी के घर में सेंध लगाना। किसी की गांठ काटना। आज की भाषा में किसी की जेब काटना। किसी का ताला तोड़ना। किसी को लूटना। किसी के घर या दुकान पर डाका डालना। किसी का धन लेकर न लौटाना। आवश्यकता से अतिरिक्त वस्तुओं का संग्रह करके रखना। अपने पास की वस्तु का अनुचित उपयोग करना भी एक प्रकार की चोरी है। श्रावक चोरी का त्याग भी दो करण एवं तीन योग से करता है। अदत्तादान के पाँच अतिचार :
१.स्तेय आहृत २. तस्कर प्रयोग ३. राज्य विरुद्ध कर्म ४. कूट तोल-कूट मान ५. तत्प्रतिरूक व्यवहार
(क) चोरी का माल लेना, स्तेन आहृत अतिचार है। चोरी की वस्तु कम मूल्य में मिल जाती है। अतः व्यक्ति लोभवश ले लेता है। अधिक मूल्य से बेच देता है। श्रावक द्वारा चोरी का माल खरीदने से चोरी को प्रोत्साहन मिलता है।
(ख) चोरी करने की प्रेरणा देना। चोर की सहायता करना। तस्कर अर्थात् चोर को शरण देना। डाकू, लुटेरा और चोर का पक्ष करना।
(ग) राज्य विरुद्ध कार्य करना। प्रजा के हित में जो नियम बने हैं, उन्हें भंग करना। कर चुराना। बिना अनुमति पर-राज्य की सीमा को पार कर लेना, राज्य निषिद्ध वस्तुओं
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