Book Title: Acharang Sutram Pratham Shrutskandh
Author(s): Vikramsenvijay
Publisher: Bhuvan Bhadrankar Sahitya Prachar Kendra

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Page 14
________________ SVERRE उपधानश्रुताख्यं नवममध्ययन-अष्टष्वध्ययनेषु प्रतिपादितोऽर्थः श्री वर्धमानस्स्वामिना स्वत एवाचीर्ण इति प्रथम उद्देशकः यादृग् विहारो भगवत आसीत् द्वितीय उद्देशकः यादृग् भगवतो वसतिरासीत् तृतीय उद्देशकः ये भगवतः परीषहा अभूवन् । चतुर्थ उद्देशकः क्षुत्पीडायां विशिष्टाभिग्रहावाप्ताहारेण चिकित्सेदिति । EXARBAS

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