Book Title: Aayaro Taha Aayar Chula
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
View full book text
________________
आयार-चूला १ : पढमं अज्झयणं ३-जं च णो संचाएजा भोत्तए वा पायए वा, से' तमायाय एगंतमवक्कमेजा, एगंतमवक्कमेत्ताअहे झाम-थंडिलंसि वा, अहि-रासिसि वा, किट्ट'-रासिंसि वा, तुस-रासिंसि वा, गोमय-रासिसि वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि पडिलेहिय-पडिलेहिय पमज्जिय
पमजिय, तओ संजयामेव परिवेजा। ओसहि-आदि-पढ़ ४-से भिक्खू वा भिक्खुणी वा गाहावइ-कुलं पिंडवाय-पडियाए
अणुपविट्टे समाणे, सेज्जाओ पुण ओसहीओ जाणेज्जाकसिणाओ, सासिआओ, अविदल-कडाओ, अतिरिच्छच्छिन्नाओ, अव्वोच्छिन्नाओ, तरुणियं वा छिवाडि, अणभिक्कताऽभज्जियं" पेहाए-अफासुयं अणेसणिज्जं ति
मन्नमाणे लाभे संते णो पडिगाहेजा। ५-से भिक्खू वा भिक्खुणी वा 'गाहावइ-कुलं पिंडवायपडियाए अणुपविटे' समाणे, सेज्जाओ' पुण ओसहीओ जाणेजाअकसिणाओ, असासियाओ, विदल-कडाओ, तिरिच्छच्छिन्नाओ, वोच्छिण्णाओ, तरुणियं वा छिवाडि, अभिक्कंतं भज्जियं पेहाए-फासुयं एसणिज्जं ति मन्नमाणे लाभे संते पडिगाहेजा।
१-सेत्त° (अ, च, छ)। २-किट्टि (छ)। ३-पंडिल्ल (अ )। ४- जाओ (क, ब, छ)। ५- क्कत भज्जियं (क, च); °क्रतम मज्जियं (घ)। ६-से जाओ (क, ग, छ, व)। (अ, दुवृत्तौ न्मियंति)।

Page Navigation
1 ... 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113