Book Title: Aayaro Taha Aayar Chula
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha

View full book text
Previous | Next

Page 53
________________ १७८ आयार-चूला १ : वीयं अज्झयणं अह भिक्खू उच्चावयं मणं णियच्छेजा-एते खलु अगणिकायं उज्जालेंतु वा मा वा उज्जालेंतु, पज्जालेंतु वा मा वा पज्जालेंतु, विज्झातु वा मा वा विज्झातु । अह भिक्खूणं पुबोवदिवा 'एस पइन्ना, एस हेऊ, एस कारणं, एस उवएसो, जं तहप्पगारे (सागारिए?) उवस्सए णो ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेज्जा। २४-आयाण मेयं भिक्खुस्स गाहावईहिं सद्धिं संवसमाणस्स, इह खलु गाहावइस्स कुंडले वा, गुणे वा, मणी बा, मोत्तिए वा, "हिरण्णे वा", 'सुवण्णे वा', कडगाणि वा, तुडियाणि वा, तिसरगाणि वा, पालंबाणि वा, हारे वा, अद्धहारे वा, एगावली वा, मुत्तावलो वा, कणगावली वा, रयणावली वा, तरुणियं वा कुमारि अलंकिय-विभूसियं पेहाए, अह भिक्खू उच्चावयं मणं णियच्छेज्जा-एरिसिया वा सा णो वा एरिसिया-इति वा णं वूया. इति वा णं मणं साएज्जा। अह भिक्खूणं पुबोवदिहा 'एस पइन्ला, एस हेऊ, एस कारणं, एस उवएसो', जं तहप्पगारे (सागारिए ?) उवस्सए णो ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेज्जा। २५-आयाण मेयं भिक्खुस्स गाहावईहिं सद्धिं संवसमाणस्स, इह खलु गाहावइणीओ वा, गाहावइ-धूयाओ वा, गाहावइ१- (अ) ३-तिसराणि ()।

Loading...

Page Navigation
1 ... 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113