Book Title: Aayaro Taha Aayar Chula
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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णिसोहिया-सत्तिक्कयं
२९५ भूयाई, जीवाइं, सत्ताई समारब्भ समुद्दिस्स कीयं पामिच्चं अच्छेज्जं अणिसह अभिहडं आहटु चेतेति । तहप्पगाराए णिसीहियाए पुरिसंतरकडाए वा अपुरिसंतरकडाए वा, (बहिया णीहडाएं वा अणीहडाए वा), अत्तट्ठियाए वा अणत्तट्टियाए वा, परिभुत्ताए वा अपरिभुत्ताए वा, आसेवियाए वा अणासे वियाए वा णो ठाणं वा, सेज्जं वा,
णिसीहियं वा चेतेजा। समण-माहणाइ-समुद्दिस्स-णिसीहिया-पदं ७-से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण णिसीहियं जाणेजाबहवे समण-माहण-अतिहि-किवण-वणीमए पगणिय-पगणिय समुद्दिस्स पाणाई, भूयाई, जीवाइं, सत्ताई समारब्भ समुहिस्स कीयं पामिच्चं अच्छेज्जं अणिसटुं अभिहडं आहटु चएइ। तहप्पगाराए णिसीहियाए पुरिसंतरकडाए वा अपुरिसंतरकडाए वा, (बहिया णीहडाए वा अणीहडाए वा), अत्तट्ठियाए वा अणत्तट्टियाए वा, परिभुत्ताए वा अपरिभुत्ताए वा, आसेवियाए वा अणासेवियाए वा णो ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेजा। ८-से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्ज पुण णिसीहियं जाणेज्जा
बहवे समण-माहण-अतिहि-किवण-वणीमए समुद्दिस्स पाणाडं, भूयाई, जीवाइं, सत्ताई समारब्भ समुहिस्स कीयं पामिच्चं अच्छेज्जं अणिसट्ठ अभिहडं आहटु चेएइ। तहप्पगाराए णिसीहियाए अपुरिसंतरकडाए, (अवहिया णीहडाए), अणत्तट्टियाए, अपरिभुत्ताए, अणासेवियाए णो ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेजा।
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