Book Title: Aayaro Taha Aayar Chula
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha

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Page 41
________________ १६६ आयार-चूला १ : पढमं अज्भयणं 3 १४१ - तत्थ खलु इमा पढमा पिंडेसणा-- असंसट्टे हत्थे असंस मत्ते । तहप्पगारेण असंसण हत्थेण वा मत्तेण' वा, असणं वा, पाणं वा, खाइमं वा, साइमं वा सयं वा णं जाएजा, एसणिज्जं ति मणमाणे लाभे संते परो वा से देना - फासूयं पडिगाहेजा - पढमा पिंडेसणा । १४२ - अहावरा दोच्चा पिडेसणा-संसट्टे हत्थे संसट्टे मते । 1 "तहप्पगारेण संसट्टेण हत्थेण वा मत्तेण वा असणं वा ४ सयं वा णं जाएज्जा, परो वा से देना - फासूयं एसणिज्जं ति मणमाणे लाभे संते पडिगाहेज्जा - दोच्चा पिडेसणा | १४३ - अहावरा तच्चा पिंडेसणा - इह खलु पाईणं वा, पडीणं वा, दाहिणं वा, उदीणं वा संतेगइया सड्ढा भवंति -गाहावई वा, " गाहावइणीओ वा, गाहावइ - पुत्ता वा गाहावइ-धूयाओ वा, गाहावइ - सुहाओ वा, धाईओ वा, दासा वा, दासीओ वा, कम्मकरो वा कम्मकरीओ वा । S तेसिं च णं अण्णतरेसु विरूव-रूवेसु भायण-जाएसु उवणिक्खित्तपुव्वे सिया, तं जहा --- थालंसि वा, पिढरंसि वा, सरगंसि वा, परगंसि वा, वरगंसि वा । अह पुणेवं जाणेज्जा - असंसट्टे हत्थे संसट्टे मत्ते, संसट्टे वा हत्थे असंसट्टे' मत्ते । सेय पsिग्गहधारी सिया पाणिपडिग्गहए वा, से पुव्वामेव आलोएज्जा आउसो ! त्ति वा भगिणि! ति वा एएगं तुमं १- मत्तएण ( अ, छ, ब ) । २- पिढरगसि ( अ, च), पिठरगति (घ), पिठरंसि ( ब ) 1 ३ - सट्ठे वा (क, च ) । ४० पडिग्गहिए (छ, ब ) 1

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