Book Title: Aayaro Taha Aayar Chula
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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बीयं अभयणं
सेज्जा
पढमो उद्देसो
उवस्सयएसणा-पदं
१ - से भिक्खू वा भिक्खुणी वा अभिकंखेज्जा उवस्सयं एसित्तए', अणुपविसित्ता गामं वा, जगरं वा, खेडं वा, कव्वडं वा, मडंबं वा, पट्टणं वा, आगरं वा, दोणमूहं वा, णिगमं वा, आसमं वा, सण्णिवेसं वा०, रायहाणि वा,
सेज्जं पुण उवस्सयं जाणेज्जा
सअंडं सपाणं सबीयं सहरियं सउस सउदयं सउत्तिंग-पणगदग-मट्टिय मक्कडा ० संताणयं ।
तहप्पगारे उवस्सए णो ठाणं वा, सेज्जं वा, निसीहियं वा चेतेज्जा |
२ - से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण उवस्सयं जाणेजाअप्पंड अप्पपाणं "अप्पबीयं अप्पहरियं अप्पोसं अप्पुदयं अप्पुत्तिंग पणग-ग-मट्टिय-मक्कडा ० संताणगं । तहप्पगारे उवस्सए पडिलेहित्ता, पमज्जित्ता, तओ संजयामेव ठाणं वा, सेज्जं वा, निसीहियं वा चेतेज्जा |
अस्सिपडियाए - उवस्सय-पदं
३ - सेज्जं पुण उवस्सयं जाणेज्जा---
अस्सि पडियाए एगं साहम्मियं समुद्दिस्स पाणाई, भूयाई, जीवाई, सत्ताइं समारम्भ समुद्दिस्स कीयं पामिच्चं अच्छेज्जं अणिसङ्कं अभिहडं आहट्टु चेतेति ।

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