Book Title: Aayaro Taha Aayar Chula
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha

View full book text
Previous | Next

Page 49
________________ १७४ आयार-चूला १ : बीयं अज्झयणं १३-अह पुणेवं जाणेज्जा–पुरिसंतरकडे, (बहिया णीहडे) अत्तहिए, परिभुत्ते', आसेविए पडिलेहिता, पमज्जित्ता, तो संजयामेव ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेजा। बहिया निस्सारिय-उवस्सय-पदं १४-से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण जाणेजा-- अस्संजए भिक्खु-पडियाए उदगप्पसूयाणि कंदाणि वा, मूलाणि वा (तयाणि वा?)', पत्ताणि वा, पुप्फाणि वा, फलाणि वा, बीयाणि वा, हरियाणि वा ठाणाओ ठाणं साहरति, बहिया वा णिण्णक्खु । तहप्पगारे उवस्सए अपुरिसंतरकडे, '( अबहिया णीहडे ) अणत्तहिए, अपरिभुत्ते, अणासेविते णो ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेजा। १५-अह पुणेवं जाणेज्जा-पुरिसंतरकडे, (बहिया णीहडे ) अत्तहिए, परिभुत्ते, आसेविए पडिलेहित्ता, पमज्जित्ता, तओ संजयामेव ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा० चेतेज्जा। १६-से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्ज पुण उवस्सयं जाणेज्जा अस्संजए भिक्खू-पडियाए पीढं वा, फलगं वा, णिस्सेणि वा, उद्हलं वा ठाणाओ ठाणं साहरइ, बहिया वा णिण्णक्खु । तहप्पगारे उवस्सए अपुरिसंतरकडे, ( अवयिा णीहडे ) अणत्तहिए, अपुरिभुत्ते, अणासेविए० णो ठाणं वा सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेजा। १७-अह पुणेवं जाणेज्जा-पुरिसंतरकडे ( बहिया णीहडे) अत्तहिए, परिभुत्ते, आसेविए पडिलेहित्ता, पमजित्ता, तो संजयामेव ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेजा। १-यद्यप्ययमत्र प्रतिषु नोपलभ्यते, तथापि ३३१५५ सूत्रमनुसृत्यासावश युज्यते ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113