Book Title: Aayaro Taha Aayar Chula
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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आयार-चूला १ : बीयं अज्झयणं १३-अह पुणेवं जाणेज्जा–पुरिसंतरकडे, (बहिया णीहडे)
अत्तहिए, परिभुत्ते', आसेविए पडिलेहिता, पमज्जित्ता, तो
संजयामेव ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेजा। बहिया निस्सारिय-उवस्सय-पदं १४-से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण जाणेजा--
अस्संजए भिक्खु-पडियाए उदगप्पसूयाणि कंदाणि वा, मूलाणि वा (तयाणि वा?)', पत्ताणि वा, पुप्फाणि वा, फलाणि वा, बीयाणि वा, हरियाणि वा ठाणाओ ठाणं साहरति, बहिया वा णिण्णक्खु । तहप्पगारे उवस्सए अपुरिसंतरकडे, '( अबहिया णीहडे ) अणत्तहिए, अपरिभुत्ते, अणासेविते णो ठाणं वा, सेज्जं
वा, णिसीहियं वा चेतेजा। १५-अह पुणेवं जाणेज्जा-पुरिसंतरकडे, (बहिया णीहडे )
अत्तहिए, परिभुत्ते, आसेविए पडिलेहित्ता, पमज्जित्ता, तओ
संजयामेव ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा० चेतेज्जा। १६-से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्ज पुण उवस्सयं जाणेज्जा
अस्संजए भिक्खू-पडियाए पीढं वा, फलगं वा, णिस्सेणि वा, उद्हलं वा ठाणाओ ठाणं साहरइ, बहिया वा णिण्णक्खु । तहप्पगारे उवस्सए अपुरिसंतरकडे, ( अवयिा णीहडे ) अणत्तहिए, अपुरिभुत्ते, अणासेविए० णो ठाणं वा सेज्जं वा,
णिसीहियं वा चेतेजा। १७-अह पुणेवं जाणेज्जा-पुरिसंतरकडे ( बहिया णीहडे)
अत्तहिए, परिभुत्ते, आसेविए पडिलेहित्ता, पमजित्ता, तो
संजयामेव ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेजा। १-यद्यप्ययमत्र प्रतिषु नोपलभ्यते, तथापि ३३१५५ सूत्रमनुसृत्यासावश युज्यते ।

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