Book Title: Aayaro Taha Aayar Chula
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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आयार-चूला १ : वीय अज्झयणं (बहिया णोहडे वा अणीहडे वा ) अत्तट्ठिए वा अणत्तहिए वा, परिभुत्ते वा अपरिभुत्ते वा, आसेविते वा अणासेविते
वा णो ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेजा । समण-माहणाइ-समुद्दिस्स-उवस्सय-पदं ७-से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण उवस्सयं जाणेजाबहवे समण-माहण-अतिहि-किवण-वणीमए पगणिय-पगणिय समुहिस्स' पाणाई, भूयाई, जीवाइं, सत्ताई 'समारम्भ समुद्दिस्स कीयं पामिच्चं अच्छेज्जं अणिसट्ठ अभिहडं आहट्ट चएइ। तहप्पगारे उवस्सए पुरिसंतरकडे वा, अपुरिसंतरकडे वा ( बहिया णीहडे वा अणीहडे वा ) अत्तट्टिए वा अणत्तहिए वा, परिभुत्ते वा अपरिभुत्ते वा, आसेविए वा अणासेविए
वा णो ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा चेतेजा। ८-से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण उवस्सयं जाणेजाबढे समण-माहण-अतिहि-किवण-वणीमए समुस्सि पाणाई, भूयाई, जीवाई, सत्ताई समारब्भ समुद्दिस्स कीयं पामिच्चं अच्छेज्ज अणिसह अभिहडं आहटु चेएइ । तहप्पगारे उवस्सए अपुरिसंतरकडे '( अवहिया णीहडे ) अणत्तहिए अपरिभुत्ते अणासेविए णो ठाणं वा सेज्जं वा णिसीहियं वा चैतेज्जा। ९-अह पुणेवं जाणेजा-पुरिसंतरकडे, ( बहिया णीहडे )
अत्तट्ठिए, परिभुत्ते, आसेविए पडिलेहित्ता, पमज्जित्ता, तओ संजयामेव ठाणं वा, सेज्जं वा, णिसीहियं वा
चेतेज्जा। १-समुस्सि तं चैव भाणियन्त्र (घ, च)।

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