Book Title: Aayaro Taha Aayar Chula
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
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आयार-चूला १ : पढमं अज्झयणं णो तत्थ' बहवे समण-माहण -अतिथि-किवण-वणीमगा उवागता° उवागमिस्संति, अप्पाइण्णावित्ती, पण्णस्स मिक्खमण-पवेसाए, पण्णस्स वायण-पुच्छणपरियट्टणाणुपेह-धम्माणुओगचिंताए। सेवं णच्चा तहप्पगारं पुरे-संखडि वा, पच्छा-संखडि वा,
संखडि संखडि-पडियाए अभिसंधारेज गमणाए । खीरिणी-गावी-पदं ४४-से भिक्खू ग भिक्खुणी वा गाहावइ-कुलं "पिंडवायपडियाए° पविसिउकामे सेज्जं पुण जाणेज्जा--- . खीरिणीओ गावीओ खीरिजमाणीओ पेहाए; असणं वा ४ उवसंखडिजमाणं पेहाए, पुरा अप्पजूहिए, सेवं णच्चा णो गाहावइ-कुलं पिंडवाय-पडियाए णिक्खमेज वा, पविसेज वा। से त मायाए एगंतमवक्कमेज्जा, एगंतमवक्कमेत्ता
अणावायमसंलोए चिट्ठेजा। ४५-अह पुण एवं जाणेजा
खीरिणीओ गावीओ खीरियाओ पेहाए, असणं वा ४ उवक्खडियं पेहाए, पुरा पजूहिए, से एवं गच्चा तओ संजयामेव गाहावइ-कुलं पिंडवायपडियाए णिक्खमेज वा, पविसेज वा ।
१-जत्थ (अ, क, च, छ, ब)। २-° पेहाए (क, ब); पेहा (च)। ३-खोरिणियाओ (क, घ, च, छ, ब)। ४-उक्खडि° (अ, घ, क, छ, ब, चू)।

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