________________ मधुराजाका उसके साथ सकल संयमग्रहण 292, शूद्र गोपालद्वारा मनोहारी जिनपूजा 292; श्रावक धर्मको स्वीकार करनेवाला बकरा 293; श्रावक धर्मको स्वीकार करनेवाला चण्डकर्मा चाण्डाल 294; अहिंसाव्रती यमपाश चाण्डाल के साथ राजकन्याका विवाह तथा आधे राज्यकी प्राप्ति 294; अपनी माताके पितासे उत्पन्न स्वामी कार्तिकंयका मुनिधर्म स्वीकार 295; चण्ड चण्डालका अहिंसाव्रत स्वीकार 296; नाच-गानसे आजीविका करनेवाले गरीब किसान बालकोंका मुनिधर्म स्वीकार 256; मूल व अनुवाद नोभागमभाव मनुष्यों में धर्माधर्म मीमांसा क्षेत्रको दृष्टिसे दो प्रकारके मनुध्योंमें धर्माधर्म मीमांसा गोत्रमीमांसा कुलमीमांसा जातिमीमांसा वर्णमीमांसा ब्राह्मणवर्णमीमांसा विवाहमीमांसा चारित्रग्रहणमीमांसा श्राहारग्रहणमीमांसा समवसृतिप्रवेशमीमांसा गृहस्थोंके आवश्यक कर्मोकी मीमांसा जिनदर्शन-पूजाधिकारमीमांसा 31.0 324 335 343 364 w 400 404 429 439 442 449 '