Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० म० अ.का. 09000. अस्मेरुद्रामेहना .... 33 50 अह्नपारावतान् .... 24 25 आग्रयणश्चमे अस्मेवोऽअस्मिन्द्रियम् 922 अर्हतमसि .... .... 1 9 आघायेऽअग्निम् ..... अस्यप्रत्नामनु .... .... 3/16 आकूतिमग्निम्.... .... 11 66 आच्याजानु .... .... अस्याजसंसह .... .... 33, 1 आकूत्यैप्रयुज .... .... 4 7 आच्छच्छन्दः.... .... अस्येदिन्द्रोवावृधे .... 33 97 आकृष्णेनरजसा ....{ 34 आजवन्ति .... .... अहः केतुना ..... .... 37/21 आक्रन्दयबलमोज 29/ 56 |आजिंघकलशम् .... अहरहरप्रयावम् .... 1175 आक्रम्यवाजिन् .... 11 19 आजुह्वानईड्यः अहानिशंभवन्तुन .... 36/ 11 आगत्यवाज्यानम् .... 11/18 |आजुह्वानसुप्रतीक / अहाव्यग्नेहवि) .... ..... 20/79 आर्गन्मविश्ववेदसम्.... 3/38 आजुह्वान सरस्वती .... अहिरिवभोग..... .... 29/ 51 आग्नेय कृष्णीवर .... 29| 58 आतम्भज .... .... For Private and Personal Use Only

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