Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandie मंहि. अ० मे. अ.का. चन्द्रमाऽअप्स्वन्तरा .... 33 90 जनिष्ठाऽउग्रः .... .... 33 64 |तन्त्वांशोचिष्ठ .... .... चन्द्रमामनस... .... 31 12 जवोजस्तै 9 तन्त्वांसमिद्भिः .... चितित्रुहोमि .... .... 17/78 जिह्वामभद्रम् 6 तंयज्ञम्बहिषि चित्पतिर्मा ...... 1 1 जीमूतस्येवभवति ..... 29 38 तंवादस्म.... .... .... चित्रन्देवानाम् .....{ जुषाणोबर्हिः .... .... 2039 तचक्षुर्देवहितम् .... 36 चिदसितयां ..... 12 53 ज्यैष्ठ्चम .... .... .... 17/ 84 ततोविराडजायत चिदसिमनासि.... .... 4 19 ज्योतिरसि .... .... 5 35 तत्सवितुर्वरेण्यम् ..... चोदयित्रीसुनृतानाम्.... 20/85 तम्पनीभिर जनयत्वैत्त्वा .... .... 1 22 तम्प्रत्ना ...... .... 7 12 तत्सूर्यस्य जनस्यगोपा. .... .... 15 27 तत्वायामि __.... .... 136 तश्विना For Private and Personal Use Only

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