Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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Page 62
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० म० हविर्धानंयदश्विना .... 19 18 हिर॑ण्ण्यशृङ्गोय- .... 29 20 होत्यक्षत्पेशस्वतील .... न हविष्म॑तीरिमा? .... 6 23 हिर॑ण्ण्यहस्तर .... .... 34 26 होतायक्षत्प्रचेतसा .... 28 हस्तआधार्यसविता .... 11 11 हृदेत्त्वा .... .... .... { 27 29 होतायक्षप्रजाप॑तिम् .... हिङ्कारायस्वाहा .... 22/ 22 7 हेमन्तेनैऋतुना.... .... 21 27 होतायक्षत्समिधाग्निम् 21 हिमस्यत्वा .... .... 17/ 5 होताध्वर्युरावया .... 25 28 होतायक्षत्समिधानम्महत् हिरण्मयेन .... .... 40/ 17 होतायक्षत्तनूनपातमुद्भिदम् 28 25 होतायक्षसमिधेन्द्रम् .... 28 हिरण्यगर्भसम् .... { होत्यक्षत्तनूनपातमृतिभि२८| 2 होत्यक्षत्सरस्वतीम्मेषस्य॑ 21 हिरण्यपाणिलं.... .... 34| 25 होत्यक्षत्तनूनपात् .... 21/ 30 होतायक्षत्सुपेशसासुशिल्पे 28 हिरण्ण्यपाणिमूतये .... 22 10 होत्यक्षत्तिस्रः..... .... { 24 2. होत्यक्षत्सुपेशसई .... हिर॑ण्ण्यरूपाऽउपस.... 10/ 16 होत्यक्षत्त्वष्टौरमिन्द्रम् 28 9 होत्यक्षदपिम्पूषण्वन् For Private and Personal Use Only

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