Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मं० / अ० म० / अ.का साह 31 होतायक्षत्सुरेतसम् .... 21 31 होतायक्षदश्विनौसरस्वती 21 42 होतायक्षहुरोदिशः .... 21 होतायक्षत्सुरेतसन्त्वष्टारम् 28 32 होतायक्षदिडाभिरिन्द्रम् 28 11 होतायक्षदेच्या .... .... { 21 होतायक्षत्स्वाहाकृतीरग्मिम् 28 34 होतायक्षदिन्द्रस्वाहा 28 12 होत्यक्षदर्हिरूपणम्प्रदा 21 33 होतायक्षदग्मिस्वाहा 21 40 होतायक्षदिडेडितलं .... 21 32 होतायक्षदर्हिषीन्द्रम् .... 28 होतायक्षदग्मिस्विष्टकृतम्२१ 47 होतायक्षदिन्द्रमृषभस्य॑ 21 45 होतायक्षद्वनस्पतिम् .... { s होतायक्षदश्विनौछार्गस्य 21 41 होतायक्षदिडेन्यमीडितम् 28 26 होत्यक्षदनस्पतिमभिहि 21, 46 होत्यक्षदश्विनौछार्गस्य / होतायक्षदुषेदिन्द्रस्य .... 28 6 होतायक्षव्यचस्वतील.... 28 28 ___हविषऽआ .... 21 43 होत्यक्षदोजोनवीर्यम् 28 5 होतायक्षनराशसम् .... 28 31 al इयं शुक्लयजुर्वेदान्तर्गतवाजसनेयीमाध्यंदिनीयशाखिनाम् संहिताया अध्यायमंत्राणां संख्यया सहिताकारादिवर्णानुक्र मणिका न्यग्रोध ( वलसाड ) पुरनिवासिना शुक्लावटंककल्ल्याणजीतनुजवल्लभरामशर्मणा संकलिता / For Private and Personal Use Only

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