Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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Page 82
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यनोवतपितरोजीवायुनमावलपितरत्स्वधायैनमोवपितरोघोरायनौवह पितरोमुन्न्यवेनमावलपितरतपितरोनमोवोगृहान पितरोदत्तसुतोव-पितरो दिष्म्मत पितरोधासऽआधुत्त // 32 // आधत्त / पितरोगभङ्कुमारम्पु वरस्रजम् // यथेहपुरुषोसत् // 33 // ऊर्जुम्वहन्ती // ऊर्जम्बर्हन्ती / रमृतङ्कृतम्पय-कीलालंपरिस्रुतम् // स्वधास्त्थेतर्पयतमेपितृन् // 34 // [6] इतिश्रीवाजसनेयसंहितायांद्वितीयोऽध्यायः // 2 // श्रीवेदपुरुषा यनमः // अनुवाक्सूत्रम् // समिधाग्निम्, भूर्भुवःस्वश्चतुष्का, वग्निज्यों तिर्दै, उपप्रयन्तषडिशति, भूर्भुवः स्वःश्चतस्रो, गृहामात्तिस्रः, प्रघासिनः For Private and Personal Use Only

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