Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir S65 21-0 For Private and Personal Use Only Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir // अथ श्रीवाजसनेयसंहितामंत्राणामकाराद्यनुक्रमणिका // अ० मं० अ० मं० / अशुरै शुष्टे .... .... 5 7 अक्षराजाय॑कितवम् .... 30 18 अग्मय गृहप॑तये .... 10 अशुनाते अशु: .... 20 27 अग्मआयूषि .... {36/26 अग्मयेत्त्वामह्यम् .... 7 अशुश्चमे .... .... 18 19 अमयेकव्यवाहनाय .... 2 29 अग्मयेनीकवतेप्रथमजान 27 अन्कमै .... .... 3/47 अग्मऽइन्द्रवरुण.... .... 33 48 अग्मयेनीकवठेरोहिताजिदं 29 अन्ददग्निः .... .... {53 // अग्मयेकुटरून् .... .... 24 23 अमयेपीानम् .... .... असन्नमीमदन्त.... .... 3| 51 अग्मयेगायत्राय .... 29 60 अग्मयस्वाहासोमाय .... 22 For Private and Personal Use Only Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मं० / अ.का. 1 कलाककालाकाकाकाक। अग्मयेस्वाहासोमायस्वाहे०२२ 27 अग्मिपृथुधर्मणएं .... 10 29 अग्मिवत्राणि .... .... अग्माँऽ३इपत्नीवन्त् .... 810 अग्निप्रियेषु .... .... 12 117 अग्निश्चपृथिवी .... अग्मावग्मिश्चरति .... 5/ 4 अग्मिमद्यहोतारम् .... { | |अग्मिचमऽआप॑श्च .... 18 अग्मिन्तम्मन्ये..... .... 15 41 अग्निरसिम्मजन्मना .... 1866 अग्निश्चमइन्द्रश्च .... अग्मिन्दूतम्पुरोदधे .... 22| 17 |अग्मिषिल्पवमान 26/ 9 अग्मिश्चमेघर्मश्च .... अग्निम्युनज्म्मि .... 18 51 अग्निरेकाक्षरेण .... 931 अग्मिष्वात्तापितर.... अग्निस्तोमैन .... 22 15 अग्मियॊतिर्कोतिरमि 3 9 अग्मिष्वात्तानृतुमतः / अग्निहृदयेन .... .... 39 8 अमिोतिषाज्योतिष्मान् 1340 अग्मिस्तिग्मेन.... .... 17 अग्मि होतारम्मन्न्ये .... 15 47 अमिवतावादेिवता 14 20 अग्नीषोमयोरुर्जितिम् अग्मिपशुरासीत् .... 23 17 अग्निर्मू दिवः .... {36 | 34 अग्मेऽअच्छावदेहनः v00 mm MMS For Private and Personal Use Only Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मं० / , م ه ه अग्नेऽअङ्गिर .... 12 8 अग्मेनय .... .... .... {4. अग्मेरीकम् .... .... अग्नेगृहपते .... .... 2 27 अग्मेपत्नीरिहावह .... 26 20 अग्मे नित्रम् .... .... 5 अग्मजातान्प्रणुदान 15 1 अग्नेपर्वस्व .... .... 838 अग्मेवोपनगृहस्य .... अग्मेतमद्याचम् ..... {16 4 अग्मैपावकारोचिो .... 17, 8 अग्मेवाजजिद्धाजम् .... अग्मेतवश्रवः .... 12 १०६/अग्नेप्रेहिप्रथम अग्मेवाजस्य .... .... अग्मेत्वन्नः .... ..... {36/ अग्मेब्रह्मगृभ्णीष्व ..... 1 18 अग्मेवोत्रम् .... .... अग्मेत्वपुरीष्य .... 12 59 अग्नेभ्यावर्तिन् .... .... 12/ 7 अग्मेव्रतपतेव्रतश्चरिष्यामि अग्मेत्वसुजागृहि .... 4 14 अग्नेयत्तेदिवि .... .... 12 48 अग्मेव्रतपतेव्रतर्मचारिपन् अग्मेदब्धायर .... .... 2/20 अग्नेयत्तेशुक्रम.... .... 12 | 104 अग्मेव्रतपास्त्वे .... .... अग्मेदिवोऽअर्णम् .... 12/ 49 अग्नेयुक्ष्व .... .... 13 36 अग्मेशद्धमहते .... ... ه ه ه م ه For Private and Personal Use Only Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. अ.का. //////////////////////////////////////////////////////////////////// अ० म० अग्नेसहस्वपृतना .... 937 अच्छायमति .... .... 27/ 14 अत्रतिरुपमुत्तमम् .... अग्मेसहस्राक्ष .... .... 17/ 17 अच्छिन्नस्यते .... .... 7/14 अथैतानष्टौ अग्नेस्तनूरैसि .... ..... 1.6 15 अजस्रमिन्दुम् .... .... 13 43 अर्दब्धेभिर अग्नेस्वाहाकृणुहि 27/ 22 अजारेपिशङ्गिला .... 22 56 अदितिौरदितिरम् अग्ने पक्षतिर्वायो 14 4 अजीजनोहिपर्वमान 22 18 अदितिष्ठादेवी? अग्मेबृहन्नुषसा .... 12 13 अजोह्यग्नेरजनिष्ट .... 13 51 अदित्यास्त्वक.... अग्रेणीरसि .... ..... 6/ 2 अतिनिहोअतिस्त्रिधः 27/ 6 अदित्यास्त्वापृष्ठे अङ्गान्यात्मन् .... .... 19 93 अतिविश्वालं .... .... 12 84 अदित्यास्त्वामूर्धन् अङ्गिरसोनई .... .... 19/50 अत्यन्न्याँरअगानान्याम् 5 42 अदित्यैरास्नासि.... .... अचिकृदट्टषा .... ..... 38 22 अपितरोमादयध्वम् .... 2 31 अदित्यैरास्नासीदाण्यै .... For Private and Personal Use Only Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit www.kcbatrth.org अ० मं० / अदित्यैरास्नास्यदितिष्ठे 11 59 अधिपत्न्यसि .... .... 15 14 अनुत्त्वारथोऽअनुमय अदित्यैव्युन्दनमसि .... 2 2 अध्यवोचदधिवक्ता .... 16 5 अनुनोऽद्यानुमति .... 34 अश्रमस्यकेतवः .... 840 अध्वर्योऽअदिभिः .... 20 31 अनुवीरैरनुपुष्यास्म.... 26 अङ्ग्य क्षीरंव्यपिबत् .... 1973 अनडान्वय.... .... 14 10 अनेयदेकम्मनस .... 40 अन्य संभृतलं.... .... 31 17 अनड्राहमन्न्वारभामहे 35 13 अन्तरग्मेरुचात्वम् .... 12 अभ्द्य स्वाहा .... .... 22 25 अनाधृष्टापुरस्तात् .... 37/ 12 अन्तरामित्रावरुणा .... 29 अद्यादेवाऽउदिता ..... 33 42 |अनाधृष्योजातवेदार 27 7 अन्तश्चरतिरोचना ..... 3 अधायानर .... .... 19 69 अनुतेशुष्म॑म् .... .... 33 67 अन्तस्तेद्यावापृथिवी.... 7 अधाह्यग्नेकतो ..... 15 45 अनुत्तमातेमघवन् .... 33 79 अन्धन्तमप्रविशन्ति.... {40 अधिनऽइन्द्रेषाम् .... 33 47 अनुत्त्वामातामन्यताम् 420 अन्धस्थान्धः .... .... For Private and Personal Use Only Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ0 में अ.का. अपितेषुत्रिषु .... .... .000000000000000000000000000000000 अन्नपतेऽनस्य .... .... 11 83 अपान्त्वेमन्त् .... .... अन्नात्परिघुतोरसम् .... 19/75 अपाम्पृष्ठमंसि .... .... {14} 30 अपेतवीतविर्चसर्पता .... 12 अन्न्यदेवाहु सम्भवात् 10 10 अपाम्पेरु .... .... 6/10 अपेतोयन्तु अन्यदेवाहुर्विद्याया 40 13 अपाम्फेनेननमुंचे .... 19/ 7 अपोअद्यान्वचारिषम् .... अन्न्यवापोर्द्धमासानास 24 37 अपारसम् .... .... 9/ 3 अपोदेवामधुमतीलं .... 10 अन्न्यावौअन्न्याम् .... 12 88 अपाघमपकिल्विषम् .... 35/ 11 अपोदेवीरुपैसृज .... 11 अन्वग्मिरुषसा.... .... 11, 17 अपातामश्विनाधर्मम् 38 13 अप्रैस्वतीमश्विना .... 34 अन्न्दिनुमतेत्वम् .... 34 8 अपधिमदभिशस्ति .... 33 95 अप्स्वग्मेसधिष्टवसा .... 12 अपश्यंगोपाम् .... .... 37 17 अपामिदन्ययनम् .... 17/ 7 अप्स्वन्तरमृतम्.... .... अपाङ्गभन्त .... .... 13, 30 अपारम्पृथिव्यै .... 1 26 अर्वोभ्युग्मि समिधा .... 15 . 4 For Private and Personal Use Only Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobaith.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ०/ मं / अभिगोत्राणिसहसा .... 17/ 38 अभ्यादधामिसमिधम.... 20 24 अयमिह.... .... .... अभित्यन्देवसविता .... 4 25 अभ्यावर्तस्वपृथिवी .... 12/103 अयमुत्तरात् .... .... अभित्त्वांशुरनोनुमो .... 27/ 35 अधिरसिनायसि .... 11 10 अयमुपयर्वाग्वसुर .... अभिधाऽअसिभुवनमसि 22/ 3 अमीषाञ्चित्तम् .... .... 17/44 अयन्तेयोनिविय अभिप्रवन्तसमनेव .... 17/ 96 अमुत्रभूयात् .... .... 27 9 अयन्दक्षिणाविश्वकर्मा अभिभूरसि .... .... 10/ 28 |अमेवनल्सुहवा.... .... 26/ 24 तस्य॒मन ....... .... अभियज्ञङ्ग्रणीहिन 26 21 अयममिपुरीष्यः .... 3 40 अयन्दक्षिणाविश्वकर्मा अभिमम्महिमादिव॑म् .... 38/17 अयममि संहस्रिणः .... 15/ 21 तस्यरथस्वनश्च.... .... अभीषण .... .... {36 अयममिर्गृहपतिर .... 3/39 अयन्नोऽअमि..... ..... अभ्यर्षतसुष्टुतिम् .... 17 98 अयमग्निर्वीरमिदं .... 15/ 52 अयम्पश्चाढिश्वव्य॑चातस्यचक्षुः१३ 22 //////////////////////////////////////////////////////////////////// For Private and Personal Use Only Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ. मं० / अ.का. संहि. अ० म० अयम्पश्चाद्विश्वव्य॑चात अर्द्धमासापरूपि.... 23 41 अष्टादन्दशूकाएं ..... स्यस्थप्रोतलं .... .... अर्मेब्भ्योहस्तिपतम् .... 30 11 अवौचामकवये.... .... अयम्पुरोभुवः.... 13 54 अर्यमणम्बृहस्पतिम् .... 927 अश्मन्नूजम् .... .... / अयम्पुरोहरिकेशर 15/ 15 अर्वाञ्चोऽअद्या .... .... 33 51 अश्म॑न्वतीरीयते अयवाम्मित्रावरुणा 7 9 अवतत्यधनुष्टम् ..... 16 13 अश्माचमे अयंवेन... ..... 7/16 अवपतन्तीरवदन् .... 12 91 अश्यामतङ्कामम् .... अयसहस्रमृषिभिर .... 33 83 अवभृथनिचुम्पुण .... 17/57 अश्वत्थेवः .... .... अग्नि) ..... 12 47 अवरुदमदीमावदेवम् 358 अश्वस्तूपर? .... .... अर्थेतस्थ.... .... .... 10. 3 अवसृष्टापरीपत .... 17 45 अश्वस्यत्त्वा अद्धऋचे रुस्थानाम् .... 19/ 25 अविनमेष .... .... 19 90 अश्वावतीम् ..... M2 For Private and Personal Use Only Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मं० / 3 अश्ववितीर्गोमतीदं .... 34 40 अश्विभ्याम्पच्यस्व .... 10 31 असुन्वतन्तमयजमानम् 12 अश्विनकृतस्यते .... 20/35 अश्विभ्याम्पिन्न्वस्व .... 38 4 असुव्नामतेलोका 40 अश्विनागोभिः ..... 20/73 अश्विभ्याम्प्रातल्सवनम् 19 26 असौयस्ताम्र .... .... अश्विनाधर्मम् .... 38 12 अश्वोघृतेन .... .... 29 10 असोयासेना .... .... अश्विनातेजसा.... .... 20 80 अढियुत्सुपृतना .... 33 20 असौयोवसपैतिर अश्विनानमुंचे .... 20 59 अपांढासिसहमाना .... 13 26 अस्कन्नमद्य .... .... अश्विनापिवताम् .... 20/ 90 अष्टौव्यख्यत् .... .... 34 24 अस्ताव्यग्मि .... .... अश्विनाभेषजम् .... 20 64 असख्याता ..... 2064 असङ्ख्यातासहस्राणि 16 54 |अस्माकमिन्द्रः .... अश्विाहविः .... .... 2067 असवेस्वाहावसंवेस्वाहा 22 30 अम्मात्वमधिजात: अश्विभ्याञ्चक्षुः .... 1989 असंयमोऽअस्यादित्य? 29 14 अस्मिन्महत्यर्णवे .... 白白白色白白白哈哈哈哈哈哈哈哈哈哈哈哈哈令令99999999999 For Private and Personal Use Only Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० म० अ.का. 09000. अस्मेरुद्रामेहना .... 33 50 अह्नपारावतान् .... 24 25 आग्रयणश्चमे अस्मेवोऽअस्मिन्द्रियम् 922 अर्हतमसि .... .... 1 9 आघायेऽअग्निम् ..... अस्यप्रत्नामनु .... .... 3/16 आकूतिमग्निम्.... .... 11 66 आच्याजानु .... .... अस्याजसंसह .... .... 33, 1 आकूत्यैप्रयुज .... .... 4 7 आच्छच्छन्दः.... .... अस्येदिन्द्रोवावृधे .... 33 97 आकृष्णेनरजसा ....{ 34 आजवन्ति .... .... अहः केतुना ..... .... 37/21 आक्रन्दयबलमोज 29/ 56 |आजिंघकलशम् .... अहरहरप्रयावम् .... 1175 आक्रम्यवाजिन् .... 11 19 आजुह्वानईड्यः अहानिशंभवन्तुन .... 36/ 11 आगत्यवाज्यानम् .... 11/18 |आजुह्वानसुप्रतीक / अहाव्यग्नेहवि) .... ..... 20/79 आर्गन्मविश्ववेदसम्.... 3/38 आजुह्वान सरस्वती .... अहिरिवभोग..... .... 29/ 51 आग्नेय कृष्णीवर .... 29| 58 आतम्भज .... .... For Private and Personal Use Only Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० म०॥ आतत्तइन्द्रायवः 28 आत्वाहार्षमम् .... .... 12 11 आनोभद्रा? आतिथ्यरूपम् .... 14 आदित्यङ्गब्भम.... .... 13 41 आनौमित्रावरुणा .... आतिष्ठन्तम्परी .... 22 आदित्यनः .... 29/ 8 आनौयज्ञन्दिवि .... आतिष्ठत्रहन् .... 33 आधुत्तपितर .... 2 33 आनोयज्ञम्भारती .... आतून इन्द्रहें 65 आन्'इडाभिई .... " आन्त्राणिस्थाली .... आतेवत्स? .... ११५आनइन्द्रोदूरात् 2048 आपतयेत्त्वा .... .... आत्मनेमे .... आनन्द्रोहरिभिर .... 2049 |आपयेस्वाहा .... .... आत्मन्नुपस्थे .... ..... 19/ 92 आनऽएतुमन: .... 3/54 आफ्वस्व.... ......... आत्मानन्ते .... 29 17 आनासत्यात्रिभिः .... 27 47 आप॑श्चित् ........ आत्त्वाजिघम्मि.... .... 11 23 आनोनियुद्भिः .... 27/ 28 |आपोऽअस्मान्मातर // //////////////////////////////////////////////////////////// 4 // // For Private and Personal Use Only Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org संहि. मं. अ. आपोदेवीलं ..... .... 12 35 आयदिषेनृपतिम् .... 33 11 आयोष्वासदने .... .... आपोहयत् .... .... 132| 25 आर्यन्तुन पितरः आरात्रिपार्थिवम् ..... अपोहिष्ठामयोभुवः .... {36, 30 सोम्यासः .... .... 58 आरोदसीअपृणत् ..... आप्यायस्वमदिन्तमरूं 12 ११४/आयातमुप॑ ..... .... आवाचोमध्यमरुहत् आप्यायस्वसमैतुते .... 12 112 आयात्विन्द्रः .... .... | 47 आवायोभूषसुचिपा .... आब्रह्मन्ब्राह्मण? .... 22 22 आयासायस्वाहा .... 39| 11 |आविर्मा ........ आमन्टैरिन्द्र .... .... 20 53 आयुम्मॆपाहि .... .... १४|१७|आविश्वतः .... .... आमावाजस्यप्रसव .... 9/19 |आयुर्यज्ञेने .... .... {||आदिवासई .... आमूरजप्रत्यावर्तय .... 29/ 57 आयुष्मान्नग्मे .... .... 35/ 17 आशुशिशानलं ....... .... 3 6 आयुष्यंवर्चस्यम् .... 34 50 आशुस्त्रिवृद्धान्त आयङ्गौ? For Private and Personal Use Only Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मं० / आश्रावयेति .... .... 19/ 24 इडामग्ने .... .... .... 12 51 इन्द्रऽआसान्नेता .... 17 आसन्दीरुपम् .... .... 19 16 इडायास्त्वापदे .... .... 34 15 इन्द्रन्दुः कवष्यलं .... 20 आसीनासहं .... .... 19 63 इडेन्तेहव्ये .... .... 843 इन्द्रन्दैवीविशः .... आसुतेसिंञ्चत.... ..... 33 21 इदापलं.... ..... ..... 6 17 इन्द्रम्विवाद .... .... आसुष्वर्यन्ती .... .... 29 31 इदमुत्तरात् ..... 13 57 इन्द्रःसुत्रामास्वान् .... आहम्पित्रन् .... .... 19 56 इदम्पितृभ्यः .... .... 19/68 इन्द्रसुत्रामाहृदयेन.... इच्छन्तित्वा .... .... 34 18 इदम्मेब्रह्म .... .... 32 16 इन्द्रगोमनिहायाहि .... इड एहिं .... .... .... 136 27 इदंविष्णुविचक्रमे .... 515 इन्द्रघोषस्त्वा .... ..... इडाभिरग्मिरीड्य: .... 21 14 इदष्टहविः ....... .... 17/48 इन्द्रमरुत्त्वइह .... .... इडाभिर्भशानाप्नोति .... 19 29 इन्दुर्दक्ष .... .... 18 53 इन्द्रमिद्धरौं .... .... For Private and Personal Use Only Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir www.kcbatrth.org संहि. अ० मं० / अ.का. इन्द्रवायुइमेसुता .... { 56 इन्द्रस्य॒स्युरसीन्द्रस्य .... 5/30 इन्द्रायाहिधियेषित .... इन्द्रवायूबृहस्प्पतिम् .... 33, 45 इन्द्रस्यौजस्थ .... .... 37 6 इन्द्रायांहिवृत्रहन .... इन्द्रवायूसुसन्दशा .... 33 86 इन्द्राँग्मीऽअपादयम् .... 33 93 इन्द्रायायेन्र्दुम् .... .... इन्द्रेश्चमरुतश्च .... .... 8 55 इन्द्राग्मीऽअव्यथमानाम् 14 11 इन्द्रेमम्प्र॒तराम् .... .... इन्द्रश्चसम्माद .... .... 837 इन्द्राग्नी आर्गतम् .... 7 31 इन्द्रेहिमस्त्य .... .... इन्द्रस्यकोड: .... .... 25 8 इन्ांग्मीमित्रावरुणा .... 33 49 इन्द्रोविश्वस्य .... इन्द्रस्यरूपम् .... .... 19 91 इन्द्राग्ग्न्यो पतिः .... 25 5 इन्द्रोत्रम् ..... इन्द्रस्यवोमरुताम् .... 29 54 इन्ायत्त्वा .... .... { 43 इन्धानास्त्वा .... इन्द्रस्यवज्रोसि .... ....{ /21 इन्द्रायाहिचित्रभानो .... 20 87 इयन्तेयज्ञिया .... .... इन्द्रस्यवृष्णः .... .... 17 41 इन्द्रााहितूतुजान .... 20 89 इयंवेदिपरः .... . For Private and Personal Use Only Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ01 में० / अ0/ मं इयत्यग्रंऽआसीत् .... 37 5 इमम्मे .... .... .... 21 1 इमामेऽअमऽइष्ट .... .... इयंदस्यायुः .... .... 10 25 इमध्साहस्रम् .... .... 13 42 इमारुद्राय .... इयमुपरि.... ..... .... 13 58 इमस्तनमूजस्वन्तम् 17 87 इमौतॆपक्षावजरौ इरज्यनग्ने ..... 12 १०९इममूंर्णायुम् .... .... 13 50 इषमूर्जमहमित? इरावतीधेनुमती .... 516 |इमाऽऽत्वापुरूवसई .... 33 81 |इषश्चोर्जश्च इमजीवेब्भ्य:.... .... 35/ 15 इमान्तेधिय॑म् .... .... 33 29 इपिरोविश्वव्यचा इमन्देवा ..... .... { 3 इमागिरऽआदित्येभ्य: 34 54 इषेत्वोर्जेत्या इमन्नौदेवर ..... .... 11 8 इमातैवाजिन् .... .... 29 16 इपिन्न्वज्जै. इमम्माहिसीरेकशफम् 13 48 इमानुकम्भुवना .... 25 46 इषेरायेरमस्व इमम्माहिसीर्द्विपाद॑म् 13, 47 इमामगृभ्णन्शना .... 22 2 इष्कारमध्वरस्य॑ .... For Private and Personal Use Only Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मे. अ.का. इष्कृतिमिवर .... .... 12 83 ईशानायपरस्वतस् .... 24 28 उत्थायवृहती .... इष्टोऽअग्मिराहुतलं ..... 1857 ईशावास्यमिदम् .... 40 1 उत्सक्थ्याऽअव.... .... इष्टोयज्ञ ..... .... 18 56 उच्छुक्माऽओषधीनाम् 12 82 उत्सादेभ्य: .... .... ..... 851 उत्तनोहिर्बुध्न्यः .... 34 53 उक्ता सञ्चराऽएता .... / इहैवाग्मेऽअधि .... .... 27/ 4 उतम्मास्य .... .... 915 ऊक्ता संञ्चराऽएतार ईडितोदेवैर्हरिवाम् .... 20 38 उतेदानीम् .... ..... 34 17/ सुनासीरीयो ईदृक्षासऽएतादृक्षास.... 17 84 उत्क्राममहते .... .... 11 21 उक्थेभिर्वृत्रहन्तमा ईदृान्याहङ्क .... .... 17/ 81 उत्तानायाम .... .... 34 14 उखाङ्कणोतु ईड्यश्चासि ... .... 29| 3 |उत्तिष्ठन्नोजसा .... .... 839 उक्षासमुद्र) ..... ईन्तिासहं .... .... 29, 21 उत्तिष्ठब्रह्मणस्प्पते ..... 34 56 उग्रलोहितेन .... For Private and Personal Use Only Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मं० / उग्रश्र्श्वभीमच उर्दुत्वाविश्वे ..... ..... 3. 3. उपत्त्वाग्ने ..... .... उग्राविघनिना .... .... 33 61 उदॆनमुत्तरान् .... .... 17 64 उपनमूनवः .... .... 33 उचातेजातमन्धसर .... 26/ 16 |उदेषाम्बाहू .... .... 11 82 उपप्रयन्तोऽअध्वरम् .... उदकमीत् .... 11 22 उदाभञ्च .... .... .... 17/ उपप्रागाच्छसनम् .... 29 उदग्नेतिष्ठ 13 12 उद्दिवस्तभानाम् उपप्रागात्परमम् .... 29 उदीचीमारोह 10 13 उद्धर्षयमघवन् .... .... 17/ 42 उपा .... 17 42 उपप्रागात्सुमन्मेधा .... 25 उदीरतामवर .... .... 19 49 उद्धध्यस्वाग्ने .... .... 104 उपयामगृहीतोसिध्रुवोसि 7 उर्दुतिष्ठ .............. 11 41 उदयन्तमसस्परि ..... |उपयामहीतोसिप्रजाप॑तये 23 24 उर्दुत्तमम् .... .... .... 12 12 उन्नतऋषभ: .... .... 24 7 उपयामहीतोसिबृहस्पतिउदुत्यञ्जातवेदसम् .... |उपज्मन्नुप॑ ..... .... 17/ 6/ सुतस्य .... .... . For Private and Personal Use Only Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मं० / अ० मं० / अ.का. उपयामगृहीतोसिमर्धवेत्वा 7 30 उपयामगृहीतोस्याश्विनम् 19 8 उभान्भ्यान्देव .... .... 19 उपयामगृहीतोसिसावित्रोसि० 7 उपश्वासयपृथिवीम् .... 29 55 उभावामीन्द्राग्नी .... 3 उपयामगृहीतोसिशुशम्मासि 8 8 उपहूताइह .... .... 3 43 उभेसुश्चन्द्र उपयामगृहीतोसिहरिरसि 811 उपहूतापितरः .... 19 57 उशन्तस्त्वा 1 उपयामगृहीतोसीन्द्राय 722 |उपहृतोद्यौष्पितोपमान 2 11 उरुविष्णो उपायामगृहीतोस्यग्मयत्वा 847 उपह्वरेगिरीणाम् .... 26 15 उशिक्त्वन्देव .... उपयामगृहीतोस्यन्त 7 4 उपाव॑सृजत्मन्यो .... 29 35 उशिक्पावकः .... उपयामगृहीतोस्यश्विभ्याम् 20 33 उपावीरस्युपंदेवान् .... 6 7 उशिगसि उपयामगृहीतोस्याग्रयणएं 7/20 उपस्मैिगायतान् .... 33 62 उषस्तच्चित्रम् .... उपयामगृहीतोस्यादत्येभ्य+८ 1 उभावितम् .... .... 34| 28 उपासानक्तम् .... For Private and Personal Use Only Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उसावेतम् 000000000000000000000000000000000 9 ऋतर्वस्त.... .... ..." उषासानक्ता .... .... 20 41 ऊर्ध्वामैना .... .... 26 ऋतञ्चम .... .... उपेजह्वी .... .... .... 21 17 ऊर्ध्वाऽअस्यसमिधः .... 27/ 11 /ऋतहसत्यम् .... .... 4 33 ऊर्ध्वामारोह .... .... 10 14 ऋतर्जिच.... 18 9 ऊर्बोर्भवप्रति .... ..... ......... 13 13 ऋतयेस्तेन ऊर्गस्याङ्गिरस्यूर्णम् .... 4 10 ऋक्मामयोः .... ऊर्जवहन्ती 36 1 ऋतवस्ते .... .... .... उ नपातम् .... .... 12108 ऋचेत्त्वा .... .... ऋतवस्थ.... .... ऊर्जीनपातम् .... .... 27 44 ऋचोनामांम्मि .... 18 67 ऋत_सत्यच .... .... ऊर्ध्व ऊषुणः .... ... 11 42 ऋजवेत्त्वा ..... .... 37 10 ऋतावानम्महिषम् .... ऊचमैनम् .... ..... 23 27 ऋजीतेपरी .... .... 29 49 ऋतावानवैश्वानरस्य .... 26 6 2 34 ऋचंवाचम् .... For Private and Personal Use Only Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ.का. ऋताषाऋतामा .... 18 एतानाथ .... .... 18 60 एधौस्येधिषीमहि .... ऋतुथेन्द्रः .... .... 20 65 एतन्तैदेवसवितस् ..... 2 12 एनाविश्वान्यर्यऽआ.... 26 कगित्था 33 87 एतदसधस्थ .... .... 18 59 एनावोऽअग्निम् एकयाच .... 27 33 एतत्तरुद्रार .... .... 3 61 एभिन्नॊऽअझै .......... एकयास्तुवत .... 14 28 एताऽअर्षन्ति .... 17/ 93 एवश्छन्दः .... .... ..... 25 42 एताऽउवाँसुभगा .... 29 5 एवेदिन्द्रम् .... .... एकसम्मैस्वाहा .... ..... 22 34 एताऽऐन्द्रामा..... .... 24 8 एपछाग: .... एकाचमे ... .... .... 1024 एतावद्रूपम् .... .... 19 31 एषतॆगायत्रः .... .... एजंतुदर्शमास्य ...... 828 एतावानस्य ..... .... 31 3 एषतेनिते .... एण्यौमण्डूकः .... 24 36 |एदममगन्म .... .... 4 1 एषतेंद्र .... For Private and Personal Use Only Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir म० अ० मे / एषवस्तोम: 心心心心心心心心心心心心心心999999999999999 .... .... 34 48 ओषधयाँप्रति .... .... 11 48 कयात्वनऽऊत्या .... एषस्य॑वाजी .... .... 9 14 ओषधयल्सम् .... .... 12/ 96 कयौनश्चित्र .... .... पातेऽअग्ने .... .... .... 2 14 ओषधीप्रति .... .... 12 77 कल्पन्तान्ते .... .... 35 2 14 आषधाल एषातेशुको .... 4 17 ओषधीरिति ..... .... 12 78 कवष्योन? .... .... एषावाँसासत्या .... 9 12 क स्विदेकाकी.... .... {3 कस्त्वाच्छयति.... .... एषोर्हदे॒वः ..... 32 4 ककुभरूपम् ..... .... 849 कस्त्वायुनक्ति .... .... एषु .... .... .... 26 13 |कत्य॑स्यविष्ठाः .... .... 23 57 कस्त्वाविमुञ्चति ऐन्द्र पाण) .... ..... 6 20 कदाचनप्रयुच्छसि .... 8 3 कस्त्वासत्य: .... .... ओजश्चमे ....... .... 18 3 कदाचनस्तरीरसि ...... { काईमरे .... .... ओमासश्चर्षणीधृतर .... 7 33 कन्याइव .... .... .... 17/ 79 काण्डात्काण्डात् For Private and Personal Use Only Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि मंः / अ। मै० / अ.का. 11 00000000000000000000000000000000 कामकामदुघे .... .... 12 12 कुम्भोवनिष्टु? .... .... 19 87 कोऽअस्यव्वेदभुवनस्य कायस्वाहा .... .... 22 20 कुर्वन्नेवेहकम्माणि .... 40 2 कोदात्कस्म्माऽअदात् कारैिसि.... .... .... 6 28 कुलायिनीतवती .... 14 2 कोसिकतमः .... काव्ययोराजानेषु ..... 33 72 कुविदङ्ग .......... .... { 3 क्रमध्वमग्मिनाना काविदासीत् .... .... 123 36 कृणुष्वपाजलं .... .... 13 9 कन्यादमुग्मिम्... .... किस्वित्सूर्यसमम्.... 23 47 कृष्णग्रीवास् .... .... 13 क्षत्रस्य॑त्त्वा किविदासीत् .... 17/ 18 कृष्णाभौमा .... .... 24 10 क्षत्रस्य॒योनिरसि किस्विद्धनकः .... 17 20 कृष्णोस्याखरेष्ठः ....... 2 1 क्षत्रस्योल्वमसि.... कुक्कुटोऽसि ...... .... 1 16 केतुङ्कण्वन् ... .... 29 37 क्षत्रेणाग्ने? ....... .... कुतस्त्वमींन्द्रम् .... ..... 33 27 केष्वन्त पुरुषर ..... 23 51 क्षपोर्राजन् .... For Private and Personal Use Only Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ. मं. .... .... खड्गोवैश्वदेव .... .... 24 40 गोत्रभिदम् .... .... 17/ 38 घृताच्य॑सि गणानान्त्वा .... .... 23 19 गोभिन्नसोम .... .... 20 66 घृतेनसीता .... .... गन्धर्वस्त्वा .... .... 2 3 गोमदूषणासत्या .... 20 81 घृतेनाक्तौ गर्भोऽअस्योषधीनाम् 12 37 ग्रहांऽऊर्जाहुतय .... 9 4 घृतेनाञ्जन्त्सम्पथ? .... गर्भादेवानाम् .... 37 14 ग्रीष्मेणऋतुना.... .... 21 24 चक्षुपरपिता .... .... गायत्रञ्छन्द ..... 38 6 घम्मॆतत्ते .... .... .... 38 21 चतस्रश्चमे गायत्रीत्रिष्टुप् .... .... 23 33 घृतंघृतपावानर .... 619 /चतु:सक्तिर्नाभि .... 38 गायत्रेणत्वा 1 27 घृतम्मिमिक्षे .... .... 17/88 चतुस्त्रिशतन्तवलं .... गावऽउपविता .... .... मृतवतीभुवनानाम् .... 34 45 चतुत्रिदशवाजिनः.... गृहामार्निभीत .... .... 3 41 घृताचीस्थदं .... .... 2 19 चत्वारिशृङ्गात्रयः .... 17 //////////////////////////////////////////// //////// // ////>> For Private and Personal Use Only Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandie मंहि. अ० मे. अ.का. चन्द्रमाऽअप्स्वन्तरा .... 33 90 जनिष्ठाऽउग्रः .... .... 33 64 |तन्त्वांशोचिष्ठ .... .... चन्द्रमामनस... .... 31 12 जवोजस्तै 9 तन्त्वांसमिद्भिः .... चितित्रुहोमि .... .... 17/78 जिह्वामभद्रम् 6 तंयज्ञम्बहिषि चित्पतिर्मा ...... 1 1 जीमूतस्येवभवति ..... 29 38 तंवादस्म.... .... .... चित्रन्देवानाम् .....{ जुषाणोबर्हिः .... .... 2039 तचक्षुर्देवहितम् .... 36 चिदसितयां ..... 12 53 ज्यैष्ठ्चम .... .... .... 17/ 84 ततोविराडजायत चिदसिमनासि.... .... 4 19 ज्योतिरसि .... .... 5 35 तत्सवितुर्वरेण्यम् ..... चोदयित्रीसुनृतानाम्.... 20/85 तम्पनीभिर जनयत्वैत्त्वा .... .... 1 22 तम्प्रत्ना ...... .... 7 12 तत्सूर्यस्य जनस्यगोपा. .... .... 15 27 तत्वायामि __.... .... 136 तश्विना For Private and Personal Use Only Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 2055 33 80 तन्तुनारायस्पोण तदस्यरुपममृतम् .... 19 81 तनूपाभिषा तमिन्द्रम्पशव.... .... | 7 |तमीशानञ्जगतलं .... तदेततन्नै ति ..... 40 5 तस्तुरिपम 27/ 20 तत्त्विाध्यङ् .... .... तदेवाग्मिस्तत् .... ...... 32 1 तन्नोवात .... 25/ 17 तमुत्त्वापाथ्य .... .... तद्विसिहं .... .... 34 44 तन्मित्रस्य / .... 33 38 तरणिर्विश्वदर्शतलं .... तद्विष्णोल्परमम् 1557 तवभ्रमास .... .... 13 तनूनपाच्छुचित्रतलं .... 21 13 तप॑सेकौलालम्.... .... 30 7 तववायवृतस्पते .... 27 तनूनपात्पर्थः.... .... 29/ 26 तपसेस्वाहा ..... 39 12 तवशरीरम् .... .... तनूनपादसुरर .... .... 27/ 12 तप्तायनीमे .... .... 5 9 तवायम् .... .... .... तनूपाऽअग्ने .... .... 3 17 तमिद्गर्भम् .... .... 1730 तस्म्माऽअरङ्गमामवलं ..... तप॑श्चतपस्यश्व .... 60 : : For Private and Personal Use Only Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ.का. 99999台冷冷冷99999999999999999999990 अ० मं० / तस्म्मादश्श्वा .... .... 31 8 तानासत्या .... .... 2074 तेऽअस्ययोषणे.... तस्म्माद्यज्ञासर्वहुतऽऋचः 31 7 तान्पूर्वया .... .... 25 16 तेऽआचरन्ती .... तस्माद्यज्ञात्सर्वहतर ताभिषा .... .... 2075 |तऽआयजन्त A संभृतम् .... .... 31 6 तिरश्चिन: .... .... 33/74 तेज-पशूनाम् .... तस्य॑व॒यम् .... .... 20 52 तिस्रइडा.... ..... 21 19 तेजोसितेज तस्यास्तसत्यसंवसर .... 4 18 |तिस्रोधा.... .... .... 2063 तेजोसिशुक्र .... ताऽअस्यसूददोहसर.... { 12) 6. तिस्रोदेवी हि.... ..... 27/ 19 तेनोऽअवन्तर .... ताऽउभौचतुर : पदों..... 23 20 तिस्रोदेवीर्हविषा ..... 20 43 तेहिपुत्रासलं .... तासवितु: .... .... 17/74 तीव्रान्घोपान .... .... 29/ 44 त्रयादेवा? .... .... तानआवौढम् .... .... 20 83 तुभ्यन्ताऽअङ्गिरम् .... 12 116 त्रातारमीन्द्रम् .... For Private and Personal Use Only Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मं०॥ त्रिशद्धामविर .... 3 ८व्यविश्चम , .... .... 1836 त्वन्नोऽअग्मेतव.... .... त्रिधाहितम् .... .... 17/ 92 व्यायुषुञ्जमर्दो .... 3 62 त्वन्नोऽअमेवरुणस्य .... त्रिपादूर्ध्व: .... .... 31 4 त्वम॑ग्मऽईडितः .... 1966 त्वंयविष्ठ .... .... त्रिवृदेसि.... .... .... 15, ९त्वमग्नेयुभिलं .... ..... 11 27 त्वत्सोमपितृभिः .... त्रीणित आहुई .... 29 15 त्वम॑ग्नेप्रथम: .... .... 34 | 12 त्वत्सोमप्रचिकितई .... ....... .... 34 43 | त्वममेव्रतपा? .... .... 4 16 त्वयाहिन: .... .... त्रीणिशता ..... .... 33/ 7 त्वमङ्गप्रशशिषलं .... 6/27 त्वष्टातुरीप: .... .... त्रीन्समुद्रान ..... ..... 13 31 त्वीन्द्रप्रतिष्व .... 33 66 त्वष्टादधच्छुक्म त्र्यम्बकंयजामहे .... 360 त्वमिमाऽओषधीलं .... 34 22 त्वष्टावीरन्देवकामम् व्यवयोगायत्रै .... .... 24 12 त्वमुत्तमास्योषधे .... 12 101 त्वाममेऽअङ्गिरसर त्रीणिपदा For Private and Personal Use Only Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ.का. अ. मं० त्वाममेपुष्करा .... .... 15 22 |दक्षिणामारोह .... .... 10/ 11 दिवोाविष्णउत त्वाममेयजमाना .... 12 28 दधिक्राणः .... .... 23 32 दीक्षायैरूपम् .... .... त्वाममेवृणुते ..... .... 27 3 दस्रायुवाकवलं.... .... 33 58 दीर्घायुस्त .... त्वामद्यऋर्षे .... 21 61 दिग्ब्भ्य स्वाहा .... 39 2 दुरोदेवीदिशः.... वामिद्धिहामहे 27 37 दिव:पृथिव्या? हव्हस्वदेवि .... वाङ्गन्धर्वाः ..... 12 98 दिवस्परि .... दृतेदृहमा .... त्वाञ्चित्रस्रवस्तमदं ..... 15 31 दिविधाऽइमम् .... .... 38 11 दृदृहमामित्रस्य वाहिमन्द्रतम् ..... 33 13 दिविपृष्ठ .... .... 33 92 दृशानोरुक्म.... त्वेऽअग्मेस्वाहुतलं .... 33 41 दिविविष्णु) .... .... 2 25 दृष्ट्वापरिसृतः .... दष्ट्राब्भ्याम् .... .... 11 78 दिवोमूर्द्धासि .... .... 1854 दृष्ट्वारूपे .... .... For Private and Personal Use Only Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मं० / 100000 देवकृतस्यैनसर ..... 813 दे॒वस्य॑सवितुम॑तिम् .... देवंदैवव? .... .... 33 91 देिवश्रुतौ .... | 91 देवश्रुतौ .... .... .... 517 देवस्याहसवितु:सवे : 1 देवंबर्हि सरस्वती .... 21 48 देवसवित ..... .... 11 , देवहूय॑ज्ञआर्च .... 17 देवंबहिरीन्द्रम् .... .... 28 12 दिवंसवितरेषत् .... .... 539 देवांगातुविदल.... ..... 8 देवंबर्हिवयः .... .... 35 देवस्त्वसिवितस् .... 11 63 देवादे॒वानांभिषा .... 21 देवंबर्हिर्धारितीनाम् ५७/देवस्यचेततलं .... .... 22| 11 देवादैव्याहोतारा .... देवंबर्हिर्धारितीनान्दे देवस्य॑त्वासवितु प्रसवे {16 || | वीन्द्र 56 31 96 3018 3727 देवंबहिर्वारितीनान्देव मीन्द्रम्खयो. .... 28 For Private and Personal Use Only Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. मैं. अ० म० अ.का. 15 - द्रम्खयोधसम् देवादैघ्याहोतारादेवमी देवीजोष्ट्रीवसुधिती .... { 2018 देवीस्तिस्रस्तिस्रोदेवी 130 .... 28 40 देवीजोष्ट्रीसरस्वतील .... 21 51 देवेननोमनसा.... .... 34 देवानाम्भद्रासमतिः .... 25 15 देवीद्यावापृथिवी .... 37 3 देवेभ्योहि देवान्दिवमगन्.... .... 860 देवीरापऽपृषवं .... .... 826 देवोऽअग्मि स्विष्टकृत् / देवायज्ञमतन्वत .... 19 12 देवीरापल्शुद्धा .... .... 6/13 देवोऽअग्मिविष्टकृद्दे देवासोहि .... ..... 33 94 देवीरापोऽअपानपात् .... 6 27/ वीन्द्रम् .......... देवी उपासानक्ता .... 28 37 देवीार इन्द्रम् .... .... 28 13 देवोऽअग्मि स्विष्टकृद्दे देवीऽउपासानक्तेन्द्रम् .... 28 14 |देवीरोऽअश्विना .... 21 49 / वमीन्द्रम्बयोधसम.... 28 देवीऽउपासाऽअश्विना 21 50 देवी रोवयोधसम् .... 28 36 देवोदेवैः .... .... 26 देवीऊर्जाहुतीदुर्घ ..... | देवीस्तिस्रस्तिस्रोदेवी: 2818 |देवोनराशसः .... 28 ܐܞ܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀܀. For Private and Personal Use Only Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir و K देवोवनस्पतिः द्याम्मालेखी ..... .... 543 द्रनसर्पिरसुति .... देव्योवम्यर 4 द्युभिरक्तुभिदं .... .... 34 30 दारोदेवीरन्वस्य .... देहिमेददामिते..... .... 3/50 द्यौ शान्तिः .... .... 36/ 17 |द्विपदायाश्चतुष्पदालं.... देव्या अध्वर्युवस्त्वा .... 23 42 द्यौरासीत् .... ..... 23 24 देविरूपेचरतर .... देव्यामिमाना .... 42 द्यौस्तैपृथिव्यम्.... ... 23 43 देस्तृतीऽअशृणवन् देव्यायधत्रे .... द्यौस्तैपृष्ठम् ..... .... 11 20 धन्वनागा? .... देव्यावश्वयूं .... .... मद्रप्सचस्कन्द ..... .... 13 5 धर्तादिव? .... देव्याहोताराऽऊर्ध्वम् .... 27/ 18 दविणोदा .... .... 26/ 22 धाताराति) देव्याहोताराप्रथमा .... 29 32 द्रापेऽअन्धसस्प्पते .... 16 47 धाना करम्भः.... .... देव्याहोताराभिषा .... 21 18 दुपदादिव .... .... 20 20 धानानारूपम् به For Private and Personal Use Only Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ.का. नभश्चनभस्यश्च HTETनावन्तम् ........ 20| 29 धुवासिंधरुणा ........ 13/16 |नत्त्वावा अन्न्यः धान्यमसि .... .... 1 20 वैवासिंघरुणेत .... 13 34 नदीभ्यःपौअिष्ठम् धामच्छदग्मि..... .... 1876 ध्रुवासिंधवोयम् .... 5 धामन्तेविश्वम्.... ..... 17/ 99 टवोसिंपृथिवीम् नमआशर्वे .... धूम्रान्वसन्तायार्लभते 24 11 नक्तोषासा .... ....{ 10 नमऽउष्णीषिणे धूम्राबभ्रुनीकाशार .... 24/18 नक्षत्रेभ्यर .... .... 22/ 28 नम कपर्दिने धूरसि .... .... .... 1 8 नतंविदाथ .... .... 17 31 नमस्कूयाय .... धृष्टिरसि .... .... .... 117 नतासि .... .... 34 51 नमस्कृत्स्नाय .... ध्रुवक्षितिध्रुवयोनिलं .... 14 1 नतस्य॑प्रतिमाअस्ति .... 32 3 नमस्पण्णीय .... ध्रुवसदन्त्वा .... .... 9/ 2 |नतेंदूरेपरमा .... .... 34 19 नमल्पाऱ्यांय :... For Private and Personal Use Only Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 0000..... 0000000000000000000000 नमः शम्भवे 40 नमस्तऽआयुधाया .... 16/ 14 नमोमित्रस्य॑ .... .... नमः शंभवाय ... .... 16/ 41 नमस्तक्षब्भ्यम् .... .... 16 27 नमोरोहिताय .... .... नमशुष्क्याय.... .... 1645 नमस्तेऽअस्तु .... .... 36 21 नोव पितरर..... .... नमस्श्वभ्यः 28 नमस्तेरुद्रमन्यवै .... 16 1 नमोवञ्चते नमः सभाब्भ्य: 24 |नमस्तेहरसे {36 3. नमोवन्न्याय .... .... नम:सिकत्याय 16 43 नमोगणेभ्यः .... .... 16/25 नमोवात्याय नमसुतेनिकते .... 12 63 नमौज्येष्ठाय .... 16 32 नमाविसृजभ्यः नमल्सेनाभ्यस् .... .... 16/26 नोवृष्णवे ..... .... 16 36 नमोबज्योय .. नमल्सोभ्याय .... ..... 16/ 33 नोवलुशाय .... .... 16/ 18 नमोस्तुनीलग्रीवाय .... नमस्रुत्याय .... .... 16/ 37 नमोबिल्मिने .... .... 1635 नमोस्तुरुदेब्भ्योयेन्तरिक्षे 2000000000000000000000000000000000 For Private and Personal Use Only Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० म० / अ.का. संहि. नमोस्तुरुद्रेभ्योयेदिवि 61 64 नवनिरस्तुवत 29 नाशयित्रीवलासस्या.... नमोस्तुरुद्रेभ्योयेपृथिव्याम् 16) 66 नवविश्शत्यास्तुवत .... 14 31 निक्रमणन्निषदनम् .... 25 नमोस्तुमपेभ्यः .... 13 6 नवाएतत् .... .... { 2616 नियुत्वान्वायवा ..... 27 नमोहिर॑ण्ण्यबाहवे .... 16/ 17 नहितेषाममा .... .... 3 32 निवेशनल्संगमन .... 12 नोव्हस्वार्य ..... .... 16/30 नहिस्पशमविदन् .... 33/60 निषसादघृतव्रतरं .... { 30 जनयत्पर.... .... .... 20 82 नानाहिवान्देवहितम्.... 19/ 7 निहोताहोतृषदने .... नराशसप्रति ..... 20 37 नाभापृथिवा..... .... 11 76 नीलग्रीवास्शितिकंठा नराशसस्यमहिमानम् 29, 27 नाभिर्मेचित्तम् .... .... 20 9/ सर्वा? नर्मायपुंश्चलूम् .... 30 20 नाभ्याआसीत् .... .... 31 13 नीलग्रीवारशितिकंठादिवम् 16 56 नवदशभिरस्तुवत ..... 14 30 |नाय॑स्तेपल्यः .... 23, 36 नृत्तायसूतम् ......... 30 6 For Private and Personal Use Only Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मं० / पंचस्वन्त: नृषदेवेद.... .... .... परमस्याल्परावतः .... 11 72 परित्वाग्मेपुरम् .... .... पंचदिशोदेवी.... .... 17/ 54 |परमेष्ठीत्वासादयतुदिवस्पृष्ठेज्यो परिद्यावापृथिवी पंचनद्यल्सरस्वती .... 34 11 तिष्मतीम् ..... 55 58 परिनोरुद्रस्य ...... 23 52 परमेष्ठीत्त्वासादयतुदिवस्पृष्ठेट्य परिमाग्मेदुश्चरितात् प्रथपथर. 34 42 चस्वतीम् .... 1564 परिवाजपतिएं .... पर्य-पृथिव्याम् .... 18 36 परमेष्ठयभिधीतर .... 854 परिवीरसिपरित्वा पय॑साशुक्रममृतम् ..... 19/ 84 परस्याऽअधि .... .... 11 71 |परीतोपिञ्चता .... .... पयसोरूपम् .... .... 19 23 परितेदूडम .... पारतडभा .... .... 3 36 |परीत्यभूतानि .... .... पयसोरतः .... .... 30/ 28 परितेधन्वन .... .... 16/ 12 /परीमेगामनेषत परमृत्योऽअनु .... .... 35 7 परित्वागिर्वणः ....... 5 29 परोदिवापरऽएना 2000 For Private and Personal Use Only Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ.का. संहि. अ० मं० / पर्वमानलं.. .... .... 19 42 पाहिनोऽअग्मएकया.... 27 43 पुनर्न पितर .. १०॥पवित्रैणपुनीहि .... 1940 पितानोऽसिपितान.... 37 20 पुनर्मनपुनरायु: .... पवित्रेस्थोवेष्णव्यौ ..... { : पितुन्नुस्तोषम् .... .... 34 7 पुनस्त्वादित्या.... .... पशुभिः पशूनामोति.... 19 20 पितृभ्य स्वधायिभ्य: 1936 पुनातितेपरिघुतम् .... पष्ठवाट्चमे .... .... 18 27 /पीवोऽअन्नारयिवृधः .... 27/ 23 पुराङ्करस्य .... .... पठवाहोविराज .... 24 13 पुत्रमिपितरौ .... .... { : पुरीष्यासोऽअग्मयः .... पातन्नोऽअश्विना ....... 20 62 पुनन्तुमादेवजनाः .... 19 39 पुरीष्योऽसि .... .... पावकयाय: .... .... 17/ 10 पुनन्तुमापितरः .... 19 37 पुरुदस्म..... .... ..... पावकवर्चार .... .... १२/१०७/पुनरासद्यसदनम् .... 12 39 पुरुष एवेदम् .... .... पावकानसरस्वती .... 20 84 पुनर्जा.... .... .... { 32 . पुरुषमृगश्चन्द्रमसलं .... 18 For Private and Personal Use Only Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir म. पूर्णादविपरीपत .... 3 49 पृथिव्या पुरीषम् .... 14 4 प्रजाप॑तयेपुरुषान् .... Rषणवनिष्टुना .... .... 25 7 पृथिव्या सधस्थात् .... 11 16 प्रजापतित्संभ्रियमाण पूषन्तवव्रते .... .... 34 41 पृथिव्यैस्वाहा.... .... प्रजापतिर्विश्वकर्मामन पूषापञ्चाक्षरेण .... .... 9 32 पृश्निस्तिरश्वीन.... .... प्रजापतिश्चरति.... .... पृच्छामित्त्वात ...... 23 49 पदश्वामरुतलं.... प्रजाप॑तिष्ट्वा .... .... पृच्छामित्त्वापरमन्तम्..... 23 61 पृष्ठीम् राष्ट्रम् .... प्रजापतेन पृथिवीदेवजन्य: .... 1 25 पृष्ठोदिवि.... .... .... 18 73 जाप्तेस्तप॑सा पृथिवीमऽइन्द्रश्च .... 18 18 प्रघासिनः .... .... 3 44 प्रजापतीत्त्वा .... पृथिवीच्छन्द्रलं.... .... 14 19 प्रजापतयेच ..... .... 24| 30 प्रद्विष्णु: पृथियाऽअहम्.... .... 17/67 प्र॒जाप॑तयेत्त्वा .... .... 22 5 प्रतहोचेदमृतन्नु .... ... For Private and Personal Use Only Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अंमे. अ.का. प्रतिक्षत्रेप्रति .... .... 10 प्रथमावाम् .... .... 29/ 7 प्रवायुमच्छा .... .... प्रतिपदसि .... .... 15 8 अनूनंब्रह्मणस्प्पतिम् .... 34 57 प्राजेसुया .... .... 33 प्रतिपथाम् .... .... 1 29 प्रनोयच्छत्त्वर्यमा .... 9 29 पृवीरयाशुचयर .... 33 प्रतिश्रुत्काया.... 19 प्रपर्वतस्य.... .... .... 10/ 19 प्रवौमहेमन्दमानायान् / प्रतिस्पर्श .... .... 13| 11 प्रायमग्मि: .... .... 12/ 34 |प्रोमहेमहिनमः प्रतीचीमारोह .... .... 10 12 प्रवाहांसिसृतम् .... 21 9 प्रसद्यभम्मना .... .... ........ 11 12 प्रमन्महेशवसानाय .... 34| 16 |प्रस्तरेणपरिधिना प्रर्वन्नेहि ..... 11, 15 प्रमुञ्चधन्वन .... .... 16 9 प्रागपायुदगधराक् प्रत्युष्टरक्षः .... .... 11 29 प्रयाभिासिदाश्वाम् 27 27 प्राचीनवर्हिः .... प्रथमाद्वितीयैः .... 20 12 प्रवऽइन्द्रायबृहते .... 33 96 प्राचीमर्नु.... .... .... प्रतवाजिन् For Private and Personal Use Only Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० म० प्राच्यदिशेस्वाहा .... 22/ 24 |प्रेदग्गेज्योतिष्मान् .... 12/ 32 बहिनाम्पिता .... .... प्राणम्मैपाहि .... .... 14 8 प्रेद्धोऽअग्ने .... .... 17/ 76 वाहूमेबलम् .... .... प्राणदाऽअपानदा? .... 17/ 15 प्रेतुब्रह्म .... .... .... 137 वीभत्सायैपौल्कसम् .... प्राणपामेऽअपानपा.... 2034 प्रैतुवाजी.... .... .... 11 46 बृहदिन्द्राय प्राणश्चमेपानव प्रेषेभिः प्रैषान् .... 19 19 बृहन्निदिध्म प्राणायमेव!दा .... प्रोथदश्वोन .... 15 62 बृहस्पतेऽअति .... .... प्राणायस्वाहा 2 बसूर्य्यश्रवसा.... .... 33, 40 बृहस्पतेपरि प्रातरग्निप्रात:.... 34 घण्महाँअसि .... .... 33 39 बृहस्पतेवाजञ्जय बर्हिषदलंपितरर .... 19 55 बृहस्पतेसवितलं.... .... प्रेतांजयतानर 46 बलविज्ञायस्थविर .... 17/ 37 बोर्धामअस्य .... .... प्रातर्जितम् For Private and Personal Use Only Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. अ० म० / अ.का. अ.| मं० / ब्रह्मक्षत्रम्पवते ..... .... 19 5 भगप्रणेतर्भगढ़ .... 34 36 भूभ्याऽआखून् .... .... 24 36 20 ब्रह्मयज्ञानम् .... .... 13 3 भद्रङ्कणेभिलं .... .... 25 21 भरसिभूमिरस्य .... 13 ब्रह्मणस्पतेत्वमस्य .... 34 58 भद्राउतप्रशस्तयर्स .... 15 39 भूर्भुवस्वःसुप्रजा..... ब्रह्मणेब्राह्मणम् .... .... 30 5 भदोनोऽअग्मिराहुंती 15/38 भूर्भुवस्वः .... .... ब्रह्मसूयसमम् .... .... 23 48 भद्रोमेसिपच्च्यवस्व .... 4 34 भूर्भुवस्वोरिव ब्रह्माणिमेमतयः .... 33/ 78 भवतन्नल्समैनसौ .... { 22 60 भेषजमंसि .... ब्राह्मणमद्य .... .... 7 46 भायैदार्वाहारम्.... .... 30 12 मखस्यशिरोसि .... .... ब्राह्मणासपितर .... 29/ ४७|भुज्यु सुपर्ण .... 1842 मधवेस्वाहा .... ब्राह्मणोस्यमुर्खम् .... 31 11 भुवोयज्ञस्य .... .... 1 16 26 मधुनक्तम् .... भगंऽएवभगवान् .... 34 38 भूतायत्त्वा .... .... 1 11 |मधुमतीर्न .... و به د س ه س س ن و هو For Private and Personal Use Only Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 中中中中中中中中中中中中它令哈哈哈哈哈哈哈哈哈哈哈点令9点99 अ० म० मधुमान्नर.... .... .... 13/ 29 मन्यवैयस्तापम्.... .... 30/14 मशकान्केशेलं .... .... 25/ मधुव्वाताऽऋतायते .... 13 27 मय॑िगृह्णाम्यग्रे .... .... 13 1 महाँ 2 इन्द्रौनवदा .... 7 मधुश्चमाधवश्च .... .... 13 25 मयित्यदीन्द्रियम् .... 3827 महाँ 2 इन्द्रोयऽओजसा 7 मायजन्नक्षसे .... .... 27 13 मयीदमिन्द्रः .. 2.10 महाँ 2 इन्द्रोवज्रहस्तर 26 मनसत्काममाकूतिम् .... 39 4 मयु प्राजापत्य? महानाम्न्योरेवत्यः .... मनस्तऽआप्या॑यताम् .... 615 मस्तस्कन्धा महिंत्रीणाम॑वोस्तु .... 3 मनोजूतिज्जैषता .... 2 13 मरतोयस्यहि .... .... 831 महीद्यौः .... .... .... {13 मनोनयेषु . .... 7/17 मरुत्वन्तंवृषभम् .... .... 736 महीनाम्पयौसि.... .... मनोन्वाव्हामहे.... .... 3 53 मरुत्वा 2 इन्द्रः .... 738 महीमूषुमातरम् .... .... मनोमेतर्पयत .... .... 6/31 मम्मीणितेवर्मणा .... 17 49 महोऽअग्ने समिधानस्य 33 17 For Private and Personal Use Only Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ. अ.का. महोऽअर्णसरस्वती.... 20 86 मानोमहान् .... .... 16 15 मित्रश्चमऽइन्द्रश्च .... माच्छन्दः .... .... 14 18 मानोमित्रोवरुणलं .... 25 24 मित्रस्य॑चर्षणीत? .... 11 मातऽइन्द्रते ..... 10 22 मापोमौषधील .... .... 622 मित्रस्य॑मा .... .... माताचतेपिताचतेग्रम् .... 23 24 |माभासंविक्थाएं .... { 3 36 मित्रावरुणाभ्यान्त्वा .... माताचतेपिताचते ..... 23 25 माहिटसीजनिता .... 12102 मित्रोन एहि मातेवपुत्रम् .... 12 61 मावौरिषत् .... .... 12 95 मित्रोनवाक्षरेण.... मात्वाग्मिनयीत् .... 25 ३७|मासुमित्या ..... .... 11 68 मीढुष्टमशिवर्तम मात्वातपत्मियम् .... 25 43 माहिर्भूर्मा ..... .... 1823 मुखदसदस्य .... मान ल्शदसलं.... .... 3 30 मित्र हुवे .... .... 33 57 मुञ्चन्तुमा.... .... मानस्तोकेतनये .... 16 16 मित्र समृज्य.... .... 11.53 मूर्द्धानन्दिवः .... .... 2.0000000 For Private and Personal Use Only Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मूर्द्धाय मूर्धासिराट अ० म० | 14 9 यंक्रन्दसीऽअवसा .... 32 7 यज्ञस्यदोहरूं .... .... ..... .... 14 21 यन्तैदेवीनिऋतिरं .... 12 65 यज्ञाय॑ज्ञावलं .... .... मृगोनभीम: .... .... 18 71 यम्परिधिम् यज्ञे यज्ञमयजन्त .... मेधाम्मेवरुणर..... 32 15 यप्रणतः 122 / यज्ञोदेवानाम् ..... 3.46 यकासको.... .... 23 22 यतेस्वाहा .... यऽआत्मदावलदा 25 13 यकोसको 23 23 यतोयतसमीहसे यइन्द्रऽइन्द्रियम् ..... 2070 यजान.... ..... .... 33, 3 यत्तेगादिग्मिना इमाविश्वा .... .... 17/17 यजुर्भिराप्यन्ते .... .... 19/ 28 यत्तैपवित्रम् .... .... यऽइमेद्यावापृथिवी .... 29 34 यज्जाग्रत ..... .... 34 1 यत्तेसादेमहंसा.... .... यएतावन्तश्च .... 16 63 यय॒िज्ञङ्गच्छ .... .... 8 22 यत्तेसोमदिविज्योतिएं। मोषण ... For Private and Personal Use Only Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir अ-का संहि. 22 यत्पुरुषव्यदधुर .... 31 10 यदग्मेकानि .... .... 11 यदापोऽअग्न्या इति .... यत्पुरुषेणहविषा .... 31 14 यदत्युपजिविका .... 11 यदानन्दाक्षायणा .... यत्प्रज्ञानम् .... .... 34 3 यदत्ररिप्तम् २यदत्ररितम् .... .... 19 यदिजाग्रत यत्रधाराऽअनपेता .... 1865 यदद्यकच / .... .... 33 35 यदिदिवा ..... .... यत्रवाणा सम्पतन्ति .... 17/48 यदद्यसूर .... .... 33 20 यदिमावाजयन् यत्रब्रह्मच.... .... 20 25 यदश्वस्यकविषदं .... 25 32 यदूर्वध्यमुदरस्य ..... 20 26 |यदायवास .... .... 25 39 यद्ग्रामेयदरैण्ण्ये यत्रौषधी ..... .... 12 80 यदस्याऽअन्हुभेद्याल.... 23 28 यद्दत्तंयत्परा यथेमांवाचम् .... .... 26 2 यदाकूतात .... .... 1858 यद्देवादेवहेडनम् .... यदकन्द __.... .... 29 12 यापिपेष .... .... 19 11 यद्देवास यत्रेन्द्रश्च .... .... For Private and Personal Use Only Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मं० / अ. मं. यद्धविष्य..... M यरिण? .... .... 133 3: यम॑ग्नेकव्यवाहन॒त्वम् 1964 यश्चिदाप .... .... ........ 25 27 यमग्नेपृत्सु .... .... 6 29 यस्तुसर्वाणि .... .... यद्वाजिनः .... 25 31 यमश्श्विनानमुचेलं .... 19 34 यस्तैऽअद्य यद्धातोऽअप .... 23 7 यमश्विनासरस्वती .... 2068 यस्तै अश्व यदाहिष्ठन् .... 26/ 12 यमायत्वाङ्गिरस्वते .... 38 9 यस्तैऽद्रप्सष्कन्.... यन्ताचमेधर्ता .... 18 7 यमायत्त्वामखायत्त्वा ... 37 11 यस्तेरसलं.... यन्त्रीराट् .... 14 22 यमाययमसू .... .... 30 15 यस्तेस्तन: यनिर्णिणजा .... ..... 25 25 यमायस्वाहान्तकाय .... 39 13 यस्माजातम् यन्नीक्षणम् .... 36 यमे दत्तम् .... .... 28 13 यस्मान्नजात .... .... यन्मछिद्रम् .... .... 2 यानाम्भागः.... .... 14 26 |यस्मिन्सर्वाणि .... .... For Private and Personal Use Only Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० में अ० मं० अ.का. यस्मिन्विश्वास .... 20 78 या ओषधीलंपूर्वी .... 12/ 75 यात्रुधामनिपरमाणि.... यस्मिनृचलं ..... .... 34 5 याऽओषधील्सोमराज्ञीर्बह्वी 12 92 यातेधामानिहविषा .... 4 यस्यकोगृहे .... .... 17/ 52 या ओषधील्सोमराज्ञी येनद्यौरुया .... .... यस्य॑प्रयाणम् .... .... 11 6 | विष्टिताएं .... .... 12 93 येनवहसि .... .... यस्यायविश्व .... .... 33 82 |याँ 2 आवह .... .... 8/19 येनासमत्स॒सासह .... यस्यास्तेघोर .... ... 12 64 याम्मेधान्देवगणारे .... 32| 14 येनपावकचक्षुषा यस्येमेहिमवन्त .... 25/ 12 या फलिनीलं .... .... 12 ८९/येनेदंभूतंभुवनम् यस्यैतेयज्ञियर ...... 829 या सेनाऽअभीत्वरी .... 11 ७७|येन्नेषुविविध्यन्ति यस्यौषधी .... .... 12 86 याते अग्ने .... .... 5 8 |येपथाम्पंथि .... याऽऽइषवोयातु .... .... 13 7 यातेंघर्मम् ..... 18 |येभूतानामधि .... For Private and Personal Use Only Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir योगेयोगे ..... .... येरूपाणिप्रति 11 14 रजताहारिणी .... .... येवाजिनम्परि योदेवेभ्य: .... 31 20 स्थवाहणम् .... .... येवामीरोंचने .... .... 13, 8 योन:पिता .... .... 17 27 रथेतिष्ठन्नयति .... .... वृक्षेष .... .... ___ 1658 योभूतानामधिं .... .... 2032 रयिश्चमेराय॑श्चमे .... येषामध्येति ......... 3, 42 योखान्य ..... 3 29 रश्मिनासत्याय .... 15 समाना समनसपितरः 19 45 योर्वःशिवतम .... {36, 16 राजन्तमराणाम् .... येसमाना समनसोजीवा? 19/ 46 रक्षसाम्भागोसि .... 6/16 राईसिप्राचीदिक् ...... योऽअमिव्यवाहन 1965 रोहणम् .... .... .... 5 23 रासिप्राचीदिग्वसंवस्ते योऽअग्मिरग्मेरध्य .... 13 45 रक्षोहणोवई .... .... 5 25 रातिसत्प॑तिम्.... .... येऽअस्मभ्यम् .... .... 11 80 रक्षोहा ..... .... .... 26/ 26 गयावयससवास: For Private and Personal Use Only Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. अ-का 24 रायेनुयम् .... .... 27/ 24 याशतेन .... .... .... यअन्त्यस्य रुचन्नोधेहि ..... .... 1848 याश्चैदमुप .... .... 12 94 यआरासंभम् यातेधान्युिश्मसि .... 6 3 यास्तेऽअग्ने .... .... {13 यान प्रथमम्.... यातेरुदशिवा .... .... {16 4. युक्तेनमनसा .... .... 11 2 यनक्तसीरा यातेहेतिम्मीढुष्टमह.... 16 11 युक्तार्यसविता .... ..... 11 3 यवन्तमिन्द्रा .... यामिषुङ्गिरिशन्त 16 3 यक्ष्वाहिकेशिना 834 यवक्ष्सुरा .... यावतीद्यावापृथिवी .... 38 26 यक्ष्वाहिदेवहू .... .... { / 3. युष्माऽइन्द्रः .... यावाङ्कशा .... .... 711 यजेवाम्ब्रह्म .... .... 11 5 यपत्रस्काऽउत .... यावदिवाएं ........ {12. यञ्जते यञ्जते .... .... .... { येऽअग्मिष्वात्ता? याव्याघ्रंविधुचिकर .... 19 10 यअन्तित्रभ .... .... 23 5 येचेहपितर .... 24 For Private and Personal Use Only Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir =-सपना w येतेपन्थाः ..... 20000000000000000000000000000000 येजनेषु .... .... .... लोमभ्यत्स्वाहा तीर्थानि ..... .... 1661 येनकमाण्यपसः .... 34 2 लोमानिप्रयंति .... 27 रुचंब्राह्मम् .... .... 31 21 वक्ष्यन्तीवेदालं .... .... येत्वाहिहत्य .... 33 63 रुदासत्सृज्य .... .... 11 54 वनस्पतिरवसृष्टएं .... येदेवाऽअग्मिनेत्राएं 9/36 रूपेणवोरूपम् .... .... 7 45 वनस्पतेर्वसृजा.... .... येदेवादेवानाम्.... .... 17/ 13 रेतोमूत्रविजेहाति .... 19/ 76 वनस्पतेविडङ्गर देवादेवेषु ..... .... 17/ 14 रेवतीरमध्वम् .... .... { 6 वनेषुड्यन्तरिक्षम् येदेवासोदिव्येकादश.... 7/19 रोहितोधूम्ररोहितएं .... 24 2 वयन्ते अद्य येन॒ऽऋषयीं .... .... 15/ 49 लाङ्गलम्पीखत् .... 12 71 व्यन्नाम .... येनत्पूर्व ... .... .... 19 51 लोकम्प॒णच्छिद्रम् .... {16 25 वयस्सोम .... For Private and Personal Use Only Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ.का. >. संहि. 25 >>>>>>>>> Gane वयभहित्वा .... .... 8 साकण्वन्त .. 11 58 वस्यस्यदिति .... .... वरुणस्क्षत्रम् .... .... 20 72 वसवस्त्वाच्छन्दन्तु .... 11 65 वर्हवपाओतवेदर .... वरुणत्पाविता .... .... 33 वसवस्त्वाञ्जन्तु.... .... 8 वाचन्तेशुन्धामि वरुणस्योत्तम्भनमसि.... 4 36 वसवस्त्वाधूपयन्तु .... 11 60 वाचस्प्पतयेपवस्व वरूत्रीत्वष्टुं .... .... 13/ 44 वहुँचमेवसतिश्च .... 18 15 वाचस्पतिम् .... वर्षाभिर्ऋतुना .... .... 21 25 वसुब्भ्यऋष्यान् .... 24 27 वाचेस्वाहा .... वर्षाहूतुनाम .... .... 24 38 वसुब्भ्यस्त्वा .... .... 2 16 वाज पुरस्तात्.... वसन्तार्यकपिजलान्.... 24 20 वसूनाम्भागोसि .... 14 25 वाजश्वमे .... .... वसन्ते ऽऋतुना .... 21 23 वोल्पवित्रमसि ..... 1 2 वाजस्यनुप्रसवः .... वसवस्त्रयोदशाक्षरेण .... 9 34 वोल्पवित्रमसिशतारम् 1 3 वाज॑स्यनुप्रैसवे.... .... % 28 62 K. .4. For Private and Personal Use Only Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वार्जस्यमाप्रसव .... 17/ 63 वातायस्वाहा .... .... 22 26 वायोशुक्र .... .... वाजस्येमप्रसव? .... 9 23 वातौवामनोवा .... 9 7 वात्रहत्याय .... .... वाजस्येमाम्प्रसव) .... 924 वाममद्यसवितलं .... 8 6 |विकिरिदविलोहितलं .... वाजायस्वाहा .... .... 3 36 38 वायव्यैर्वायव्या.... .... 19/ 27 |विज्यन्ध : वाजेवाजेवत .... .... 1316 वायुपुनातु .... ..... 35 3 वित्तश्चमेवेद्यञ्च वाजोनल्सप्त .... .... 1832 वायुरंग्रेगा .... 27 31 विदद्यदि.... .... .... वाजोनोअद्य 18 33 वायुरनिलममृतम् ...... 40 15 विद्मातेऽअग्ने वातम्प्राणेनापानेन ..... 25/ 2 वायुष्योपचते .... .... 23/ 13 विद्यञ्चाविद्याञ्च .... वातरम्हाभव .... .... 9 8 वायो पूत? .... .... { 19| 1 विधृतिन्नाभ्या .... वातस्यजृतिम् .... .... 13| 42 वायोयेते.... .... .... 27/32 विधेमतेपरमे .... 000000000000000000000000000000000 For Private and Personal Use Only Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. अ.का. विनऽइन्द्र.... .... .... 118 . { : विवस्वन्नादित्यैष .... 8 5 विश्वस्यमूर्द्धन्नधि .... विपासापृथुना .... 11 49 विश्वकर्मन्हविषावर्धनेन 2056 विश्वाऽआशाल.... .... विभक्तारम्हवामहे .... 30 4 विश्वकर्मन्हविर्भावावृधान 17| 22 विश्वानिदेव .... .... विभूसिप्रवाहणलं .... 5 31 विश्वकर्मात्वा .... .... { विश्वारूपाणि .... .... विभूत्रा ......... 22 | 19 विश्वकर्माविमना .... 17/26 विश्वासाम्भुवाम्पते विभ्राबृहत् .... .... 33 30 विश्वकर्माह्यनिष्ठ .... 17 32 विश्वेऽअद्य .... .... विमानऽएषदिवः ...... 17/59 विश्वतश्चक्षुरुत .... .... 17/ 19 विश्वेदेवाऽअशुषु .... 8 विमुच्यध्वम् ......... 12/ 73 विश्वस्मैप्राणार्यापानाय 13| 19 विश्वेदेवालशृणुतेमम् .... 33 11 विश्वस्यकेतु: .... .... 12 23 विश्वेदेवाचमसेफुन्नीत 8 विराज्योतिरधा .... 13 24 विश्वस्यदूतम् .... .... 15 33 विश्वेदेवासऽआर्गत .... 7 विराडसिदक्षिणा 5. 0Gw For Private and Personal Use Only Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० म० भ० मं० / .... .... विश्वेभिल्सोम्यम् .... 33 10 वेदाहमस्य 23 60 व्रतङ्कणुत .... ..... विश्वेषामर्दिति .... 33 16 वेदाहमेतम् .... .... 31 18 व्रतञ्चमऽऋतर्वश्च .... विश्वदिवस्य .... ....{ 25| वेदेनरूपे .... .... 1978 व्रतेनदीक्षामामोति विष्णोल्कम्माणि .... 1. वेदोसियेनं ..... .... 2 21 ब्रीहर्यश्चमे विष्णोरक्रमोसि .... 12 5 वेद्यावेदिलं ..... 19 17 वेशीनान्त्वा .... .... विष्णोरराटमसि.... .... 5 21 वेनस्तत्पश्यन् .... .... 32 8 शश्चमेमय॑श्च ..... .... विष्णोर्नुकम् .... .... 518 वैश्वदेवीपुनती.... .... 19/ 44 शन्तेपरब्भ्यस् .... .... वीतव्हविः .... .... 17 57 वैश्वानरस्यसुमतौ .... 26 7 शन्नोदवी .... .... वीतिहोत्रन्त्वा ..... .... 2 4 वैश्वानरः .... ....{ 26 शन्नोभवन्तु वर्णऽऊमिरसि .... .... 10 2 व्यर्चस्वतीरुर्विया .... 29 30 शन्नोमित्रः .... .... 00000000000000000000000000000000 For Private and Personal Use Only Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. अ.का. शन्नोवात .... .... 36 10 शिल्पावैश्वदेव्यम् ..... शैशिरेण ऋतुना .... शंवातल्शहिते .... 35 8 शिवेनवर्चसा .... .... 16/ 4 श्रार्यन्त इव॒सूर्य्यम् .... 33 शतवः .... .... .... 12 76 शिवोनामांसि .... .... 3/63 श्रीणामुदार .... .... शतमिन्नुशरदई.... .... 25/ 22 शिवोभव.... .... .... 11/46 श्रीश्चंतेलक्ष्मीश्च / शमितानोवनस्पति 21 21 शिवोभूत्वा .... .... 12 17 श्रुधिश्रुत्कर्ण .... शर्मचस्थ .... 11 30 शुक्रन्त्वशुक्रेण .... 4 26 श्वात्रा पिता शर्मास्यवधूतम् .... 314 शुक्रज्योतिश्च .... .... 17/80 श्वात्रास्थ / शार्दन्दद्भिः .... .... 25 1 शुक्रश्चशुचिश्व.... .... 14 6 श्वित्र आदित्यानाम् शारदेनऽऋतुना .... 21 26 शुद्धाललं .... .... 24 3 षडंस्यविष्ठाः .... .... शिरोमेश्रीर्यशएं .... 20 5 शुनसुफाल.... .... 12/ 69 षोडशीस्तोमर .... For Private and Personal Use Only Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ." . . . . . सईधान .... .... 15 36 सम्प्रच्च्य॑वध्वम्.... .... 15/ 53 सदसमिझुवसे .... .... सइषहस्तै .... .... 17 35 सम्बहिरङ्क्ताम् .... 2 22 सक्ष्सीदस्व .... .... संक्रन्दनेना .... .... 1724 सम्भूतिञ्च ..... .... 40 11 सदसृष्टाम्वसुभिर .... सञ्चेध्यस्वाग्ने .... 27/ 2 सम्मासृजामि .... .... 1835 स वागा.... .... संज्ञानमसि .... .... 12 46 संवत्सरोसि .... .... 27/ 55 सदहितार्सि सन्तेपासि.... .... 12/ ११३संवर्चसा.... .... ...... सदहितीविश्श्वसामा.... सन्तेमनः .... .... 6 18 संवाथाम् .... .... 11 31 सायसंवर.... .... सन्तेवायुः .... .... 11 39 |संवाम्मनसि .... 12 58 सजातोगर्भोऽअसि .... सन्त्वम॑ग्मे ..... .... 3 19 सर्शितम्मे ...... .... 11 81 सजूरब्द .... .... सन्धयेजारम् .... .... 30 9 सदर्शितोरश्मिना .... 23| 14 सर्ऋतुभिः .... .... 14.4.00000000000000000000000000000 For Private and Personal Use Only Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir म० अ.का. 28 सजोषाल्इन्द्र G & 10 सन इन्द्राय 17 सर्वाधिसूरि? .... .... 37 सन-पावकलं समख्येदेव्या .... ..... सत्यञ्चमे .......... 5 सनः पितेव .... .... समग्मिरग्मिना.... .... सत्रस्यऋद्धिः.... 52 सनोबन्धु .... समध्वराय .... सत्वन्नोऽअग्मे .... 38 सनोभुवनस्य समास्त्वा सत्वन्नश्चित्रर .... 4 सपर्यंजाच्छक.... समितसङ्कल्पेथाम् सदस॒स्पति॒मद्भूतम् 13 सप्तऋषयाँ .... / 55 समिदनिसूय॑स्त्वा सर्दुवत् .... 34 सप्ततेऽअग्ने .... .... 17 79 समिद्धऽइन्द्रः .... ..... सद्योजात 36 सप्तास्यासन् .... .... 31 15 समिद्धेऽअग्नौ .... .... सधमादः ...... .... 10 7 सप्रथम __.... .... 715 समिद्धोऽअग्मि? For Private and Personal Use Only Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० म० / . . . . . . . समिद्धोऽअग्मिरश्विना॑ 20 55 समुद्रेते .... .... .... 1 36 सर्वेनिमेषा .... .... समिद्धोऽअञ्जन्..... .... 29/ 1 समुद्रेत्वा .... .... .... 12 20 सवितातेशरीराणि .... 35 समिद्धोऽअद्य .... .... 29/ 25 समुद्रोसिन स्वान् .... 1854 सवितातेशरी रेख्भ्यस् .... समिधाग्निम् .... .... { 13 : समुद्रोसिविश्वयंचा .... 533 सवितात्वासवाना॑म् .... समिन्द्रणोमनसा ...... 815 सम्यक्रवन्ति .... .... { 103. सविताप्रथमेहन् .... 39 समुद्रङ्गच्छ .... .... 6 21 सम्म्राउंसिप्रतीची ..... 15 12 सवितावरुणलं .... .... समुद्रस्यत्वा .... .... 17/ 4 सयक्षदस्य .... .... 27/ 15 सवितुस्त्वा .... .... समुद्रादूमि .... .... 17/ 89 |सरस्वतीमनसा.... .... 19 83 सवित्राप्रसवित्रा समुदायत्वा .... .... 38 7 सरस्वतीयोन्याम् .... 19 94 सहदानुम् .... .... समुद्रायशिशुमारान् .... 24 21 |सरोब्भ्योधैवरम् .... 30| 16 |सहरम्या.... .... .... { 13 For Private and Personal Use Only Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir अ० मं० / अ.का. सहस्तोमाएं .... संहि.. सहव्यवाडमय .... 22 16 सिह्यसिमपत्नसाही 5/10 सीसेनतन्त्रम्मनसा .... 29 सहश्चसहस्यश्व.... .... 14 27 सिह्यसिस्वाहा .... 512 सुगड्यन्नई .... .... 25 सहसाजातान् .... ..... 15 2 सिञ्चतिपरि .... .... 2028 सुगावोदेवार .... .... 34 49 सिनीवालीपृथुष्टके .... 34 10 सुजातोज्योतिषा सहस्रशीर्षापुरुष 1 सिनीवालीसुकपर्दा .... 11 56 सुत्राणिपृथिवीम् सहस्रस्यप्रमासि 65 सन्न सिन्धुस्वभृथायोद्यत 8 59 सुनावमारुहेयम् सहस्राणिसहस्रशः .... 16/ 53 सिन्धोरिवप्राध्वने .... 17/ 95 |सुपुणवस्तेमृग? ||सहस्वमेऽअरातिएं .... 12/ 99 सीदत्वम्............. 12| 15 |सुपण्णे पाजेन्या साकंयक्ष्म ..... .... 12 87 सीदहोत.... .... .... 11 35 सुपर्णासिगरुत्मान् .... साविश्वायुर .... .... 1 4 सीरांयुञ्जन्ति ..... .... 12/ 67 |सुप्रजा प्रजा..... .... For Private and Personal Use Only Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मं० अ० मं० / पानमः ........ 2019 38 1000000000.000000000000000000000 सुबर्हिरमि? .... .... 21 15 सुसमिद्धायशोचिष .... 3 2 सोम॑मद्भ्यः सुभूस्वयम्भू.... .... 23 66 सूपस्थाऽअद्यदेव .... 21 60 सोमराजन्विश्वाद सुमित्रियानऽअप { सूर्य एकाकीचरति .... { | सोम॑स्यत्वा सूय॑त्वचसस्थ.... .... 10 4 सोमस्यत्विपिरसि .... सुरावन्तंबर्हिषदम् ..... 19/32 सूयरश्मिर्हरिकेशर .... 17/58 सोमस्यरूपम् .... .... सुवीरोवीरान् .... .... 7 13 सूर्यस्यचक्षुः .... 4 32 सोमानस्वरणम् .... सुषारथिरश्वान् .... .... 34 6 सोऽअग्मि? .... .... 15 42 सोमायकुलुङ्ग.... .... सुषुम्ण सूयं .... 1840 सोम आगतः.... .... 856 सोमायलबान .... .... सुष्टुतिसुमती.... .... 22 | 12 सोमहराजानमवसे .... 9 25 सोमायहसान् .... सुसन्दृन्त्विा .... .... 3 52 सोमः पवते .... .... 7 21 सोमोधेनुम् .... .... // ////////////////////////////////////////////////////////////////// For Private and Personal Use Only Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandit संहि. 1. अ.का. सोमोराजा .... .... 19 स्वयम्भूरसि .... .... स्वादीन्वास्वादुना .... सौरीबलाको .... .... 24 33 स्वयंाजिस्तन्न्वम् .... स्वाहापूष्णेशरसे .... स्तीर्णबर्हि .... 29 4 स्वराडसिसपत्नहा .... 24 स्वाहाप्राणेब्भ्यः स्तोकानामिन्दु.... 2046 स्वराडस्युदीची.... .... 15/ 13 स्वाहामरुद्भिः .... .... स्थिरोभव.... .... 11/ 44 स्वण्णधर्म स्वाहा .... 1850 स्वाहायज्ञमनसर .... स्योनापृथिविनर्स 1 36 26 स्वय॑न्तोनापेक्षन्त .... 17/68 स्वाहा॑य॒ज्ञम्बरुणलं स्योनासिसुषदासि .... 10 26 स्वस्तिनऽइन्द्रः .... 25 19 स्वाहारुद्रायरुदहूतये .... चश्चमे.... .... .... 1821 स्वाङ्कतोसि .... .... { : स्वैर्दक्षदं .... .... .... .... 22 4 स्वादिष्ठयामर्दिष्ठया .... 26 25 हस चषत् .... स्वतवाँच.... .... .... 17/85 स्वादुषट्सद.... .... 29/ 46 |हरयोघूमकैतवर .... स्वगत्वदिवेभ्य: For Pricate and Personal Use Only Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० म० हविर्धानंयदश्विना .... 19 18 हिर॑ण्ण्यशृङ्गोय- .... 29 20 होत्यक्षत्पेशस्वतील .... न हविष्म॑तीरिमा? .... 6 23 हिर॑ण्ण्यहस्तर .... .... 34 26 होतायक्षत्प्रचेतसा .... 28 हस्तआधार्यसविता .... 11 11 हृदेत्त्वा .... .... .... { 27 29 होतायक्षप्रजाप॑तिम् .... हिङ्कारायस्वाहा .... 22/ 22 7 हेमन्तेनैऋतुना.... .... 21 27 होतायक्षत्समिधाग्निम् 21 हिमस्यत्वा .... .... 17/ 5 होताध्वर्युरावया .... 25 28 होतायक्षत्समिधानम्महत् हिरण्मयेन .... .... 40/ 17 होतायक्षत्तनूनपातमुद्भिदम् 28 25 होतायक्षसमिधेन्द्रम् .... 28 हिरण्यगर्भसम् .... { होत्यक्षत्तनूनपातमृतिभि२८| 2 होत्यक्षत्सरस्वतीम्मेषस्य॑ 21 हिरण्यपाणिलं.... .... 34| 25 होत्यक्षत्तनूनपात् .... 21/ 30 होतायक्षत्सुपेशसासुशिल्पे 28 हिरण्ण्यपाणिमूतये .... 22 10 होत्यक्षत्तिस्रः..... .... { 24 2. होत्यक्षत्सुपेशसई .... हिर॑ण्ण्यरूपाऽउपस.... 10/ 16 होत्यक्षत्त्वष्टौरमिन्द्रम् 28 9 होत्यक्षदपिम्पूषण्वन् For Private and Personal Use Only Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मं० / अ० म० / अ.का साह 31 होतायक्षत्सुरेतसम् .... 21 31 होतायक्षदश्विनौसरस्वती 21 42 होतायक्षहुरोदिशः .... 21 होतायक्षत्सुरेतसन्त्वष्टारम् 28 32 होतायक्षदिडाभिरिन्द्रम् 28 11 होतायक्षदेच्या .... .... { 21 होतायक्षत्स्वाहाकृतीरग्मिम् 28 34 होतायक्षदिन्द्रस्वाहा 28 12 होत्यक्षदर्हिरूपणम्प्रदा 21 33 होतायक्षदग्मिस्वाहा 21 40 होतायक्षदिडेडितलं .... 21 32 होतायक्षदर्हिषीन्द्रम् .... 28 होतायक्षदग्मिस्विष्टकृतम्२१ 47 होतायक्षदिन्द्रमृषभस्य॑ 21 45 होतायक्षद्वनस्पतिम् .... { s होतायक्षदश्विनौछार्गस्य 21 41 होतायक्षदिडेन्यमीडितम् 28 26 होत्यक्षदनस्पतिमभिहि 21, 46 होत्यक्षदश्विनौछार्गस्य / होतायक्षदुषेदिन्द्रस्य .... 28 6 होतायक्षव्यचस्वतील.... 28 28 ___हविषऽआ .... 21 43 होत्यक्षदोजोनवीर्यम् 28 5 होतायक्षनराशसम् .... 28 31 al इयं शुक्लयजुर्वेदान्तर्गतवाजसनेयीमाध्यंदिनीयशाखिनाम् संहिताया अध्यायमंत्राणां संख्यया सहिताकारादिवर्णानुक्र मणिका न्यग्रोध ( वलसाड ) पुरनिवासिना शुक्लावटंककल्ल्याणजीतनुजवल्लभरामशर्मणा संकलिता / For Private and Personal Use Only Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीगणेशायनमः // श्रीसरस्वत्यैनमः // श्रीवेदपुरुषायनमः // गणनाथ। सरस्वतीरविशुक्रबृहस्पतीन् // पंचैतान् संस्मरेन्नित्यंवेदवाणीप्रवर्तते॥१॥ अथानुवाक्सूत्रम् // इषेत्वेका, वसोःपवित्रंतिस्रो, ऽग्नेव्रतपते सप्त, पवित्रे स्थोढे, शासितिस्रो, धृष्टिरसिशर्मासिद्धिकी, देवस्यत्वा तिस्रो, देवस्य / त्वापंच, प्रत्युष्टरक्षस्तिस्रो, दशैकत्रिशत् // हरिःॐषेत्त्वा // इषेत्त्वो जेत्त्वाचायवस्त्थदेवोवः सविताप्राप्पयतुश्श्रेष्ठतमायकर्मणुऽआप्प्याय | द्धमग्न्याऽइन्द्रायभागम्प्र॒जाव॑तीरनमीवाऽअयुक्ष्म्मामा स्तेन ईशतमाघ / सोढुवाऽअस्म्मिन्गोप॑तौस्यातबह्वीर्यजमानस्यपशून्पाहि // 1 // [1] For Private and Personal Use Only Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वसोत्पवित्रम् // वसोत्पवित्रमसिधौरसिपृथिव्यसिमातरिश्चनोघर्मोसि विश्वधाऽअसि // परमेणधाम्नादृष्हस्वमाह्वाम्मतियज्ञपतिर्षीित् // 2 // बसोत्पवित्रम् // बसोत्पवित्रमसिशतधारंवसोत्पवित्रमसिसहस्रधारम् // देवस्त्त्वासवितापुनातुबसोत्पवित्रेण शतधारणसुप्प्वाकामधुक्षः॥३॥सा विश्चायुः॥ साविश्चायुत्साविश्वकर्मासाविश्वधोया८ // इन्द्रस्यत्त्वा / भागसोमेनानिम्मिविष्णौहव्यरक्ष // 4 // [3] अग्नेबतपते / व्रतञ्च / रिष्ष्यामितच्छकेयन्तन्मेराद्धयताम् // इदमहमनतात्सत्त्यमुपैमि॥५॥ कस्त्वा / युनक्तिसत्त्वायुनक्तिकस्म्मैत्त्वायुनक्तितस्म्मैत्त्वायुनक्ति॥ कर्म For Private and Personal Use Only Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वायवाम् // 6 // प्रत्युष्टुरक्षः॥ प्रत्युष्टुरक्षटप्प्रत्युष्टाऽअरातयो / नेष्ट्रप्त रक्षोनिष्टुप्ताअरातयह // उर्छन्तरिक्षमन्वॉम // 7 // धूरसि ।धू बंधूर्वन्तुन्व॒तंम्योसम्मान्धर्वतितन्व॒यंचयन्धू मह // // देवानाम | सिवन्हितमु सस्त्रितमुम्पप्रितमञ्जुष्टतमन्देवहूतमम् ॥८॥अहुतमसि। हविर्द्धानन्दृहस्वमाह्वातियज्ञपतिर्वार्षीत् // विष्ण्णुस्त्त्वाक्रमतामुरुधा / तायावृहत रक्षोयच्छन्ताम्पञ्च // 9 // देवस्यत्त्वा / सवितु प्रसवेश्चिनों / बाहुभ्याम्पूष्ण्णोहस्ताभ्याम् // अग्नयेजुष्टङ्गलाम्म्यग्ग्नीषोमांब्भ्याक्षुष्ट हामि // 10 // भूतायत्त्वा // भुतायत्त्वानारातयेस्वरभिविख्येषन् For Private and Personal Use Only Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. पू.अ. हन्तान्दु-पृथिव्यामुळन्तरिक्षमन्न्वेंमिपृथिव्यास्त्त्वानाभौसादयाम्म्यदि त्याऽउपस्त्ग्ग्ने हव्यरक्ष // 11 // [7] पवित्रेस्त्थह // पवित्रेस्त्थोबै Pण्णव्यौसवितुर्व-प्रसुवऽउत्त्पुनाम्म्यच्छिद्रेणपुवित्रैणसूर्यास्यरश्म्मिभिः // देवीरापोऽअग्ग्रेगुवोऽअग्ग्रेपुवोग्यममद्ययज्ञन्नयताग्नेयज्ञपति सुधातु यज्ञपतिन्देवयुवम् // 12 // युष्म्माऽइन्द्रः॥युष्म्माऽइन्द्रोवृणीतवृत्रतूथ्य यूयमिन्द्रमवृद्धिंवृत्रतूर्येप्प्रोक्षितास्त्थ // अग्नयेत्त्वाजुष्टम्प्रोक्षाम्यग्नीषो / गाभ्यान्त्वाजुष्टम्प्रोक्षामि॥ दैव्यायकर्मणेशुन्धद्वन्देवयज्यायैयद्वोशुद्धा 'जग्नुरिदंवस्तच्छुन्धामि // 13 // [2] शम्मासि // शर्मास्यवधू For Private and Personal Use Only Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दित्यास्त्त्वग्ग्वेत्तुदिवस्वम्भुनीरसिधिषणासिपार्वतेयीप्रतित्वापतीवेत्तु धान्यमसि // 19 // धान्यमसि / धिनुहिदेवान्प्राणायत्त्वोदानायत्त्वाच्या नायत्त्वा // दीग्र्घामनुष्प्रसितिमायुषेधान्देवोवसविताहिरण्यपाणि प्रतिगृभ्णात्त्वच्छिद्रेणपाणिनाचक्षुषेत्त्वामहीनाम्पयोसि // 20 // [3] देवस्य॑त्त्वा / सवितुःप्प्रेसवेश्चिनोर्बाहुब्भ्याम्पूष्ण्णोहस्तांब्भ्याम् // संघ || पामिसमापऽओषधीभिल्समोषधयोरसैन // सरेवतीर्जगतीभित्पृच्च्य न्तासम्मधुमतीमधुमतीभित्पृच्च्यन्ताम् // 21 // जनयत्त्यैत्वा / संय्यौमीदमग्नेरिदमग्नीषोमयोरिषेत्त्वाघम्मोसिविश्वायुरुरुप्रथाऽउरु For Private and Personal Use Only Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहिप्रथस्वोरुतैयज्ञपतिहप्प्रथतामुग्निष्ठेत्त्वचुम्माहित सीहेवस्त्त्वासविता प्र.अ. श्रेपयतुवर्षिष्ठेधिनाके // 22 // माझे ॥मा सिंबिक्थाऽअतमेरुद्रु / ज्ञोतमेरुर्यजमानस्यप्प्रजाभूयात्रितायत्त्वाहितायत्त्वैकुतायत्त्वा // 23 // [3] देवस्यत्त्वा / सवितुरप्प्रेसवेश्चिनोंर्बाहुब्भ्याम्पूष्ण्णोहस्ताभ्याम् // आददेवरकृतन्देवेभ्य इन्द्रस्यवाहुरसिदक्षिणसहस्रभृष्टिल्शततेजाबायु / रसितिग्मतेजाद्विषतोबधः // 24 // पृथिविदेवयजुनि // पृथिविदेवयज : न्योषद्धयास्तमूलम्माहिसिपंचजङ्गच्छगोष्ठानवर्षतुतेद्यौबंधानदेवसवि तत्परमस्याम्पृथिव्या शतेनुपाशैोस्म्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्द्धिष्म्मस्तमतो / For Private and Personal Use Only Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मामाक् // 25 // अपाररुम् // अपा ररुम्पृथिव्यैदेवयजनावद्ध्यासंबन गच्छगोष्टानंवर्षतुतेद्यौवधानदेवसवितत्परमस्याम्पृथिव्या शतेनुपाशै | योस्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्दिप्म्मस्त्तमतोमामौक् // अररोदिवम्मापप्तोतु / सस्तुद्याम्मास्केन्द्रजङ्गच्छगोष्टानं वर्षतुतेद्यौर्बधानदेवसवितत्परमस्या / पृथिव्या शतेनुपाशैर्यो स्म्मान्द्वेष्ट्रियश्चयन्द्विष्मस्तमतोमामौक Em26 // गायत्रेणत्त्वा // गायत्रेणत्त्वाच्छन्दसापरिगृह्णामित्रैष्टुभेनत्त्वाच्छ न्दसा परिगृह्णामिजागतेनत्त्वाच्छन्दसापरिगृह्णामि // सुक्ष्म्माचासिंशि वाचासिस्योनाचासिसुषदाचास्यूजस्वतीचासिपय॑स्वतीच // 27 // पुरा 1440404400000000000000000000000000 For Private and Personal Use Only Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रस्य / विसृपोंविरप्प्सिनुदादायपृथिवीञ्जीवदानुम् // यामैरयश्चन्द्र पू.अ. मसिस्वधाभिस्तामुधीरासोऽअनुदिश्ययजन्ते // प्रोक्षणीरासादयविष्तोत्र धोसि // 28 // [5] प्रत्युष्टुरक्षः // प्रत्त्युष्टुरक्षत्प्रत्त्युष्टाऽअरांतयो / निष्टुप्त रक्षोनिष्टप्ताऽअरातयह // अनिशितोसिसपत्क्नक्षिवा जिनन्त्वा / वाजेद्धयायैसम्मामि // प्रत्युष्ट्ररक्षत्प्रत्युष्टाऽअरांतयोनिष्टृप्तरक्षो / निष्टुप्ताऽअरांतयह // अनिशितासिसपत्क्नुशिवाजिनीन्त्वाबाजेद्धयायै / / सम्माज्मि // 29 // अदित्यैरास्ना / सिविष्ण्णोद्वेष्प्पोस्यूर्जेत्त्वा देब्धेन - त्त्वाचक्षुषावपश्यामि // अग्नेर्जिह्वासिंसुहूर्दैवेभ्योधाम्ने धाम्म्नेमेभवय For Private and Personal Use Only Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandit जुषेयजुषे // 30 // सवितुस्त्त्वां / प्रसवऽउत्त्पुनाम्म्यच्छिद्रेणपवित्रणसू यस्यरश्म्मिभिः // सवितुर्व प्रसवऽउत्पुनाम्म्यच्छिद्रेणपवित्रेणसूर्य : स्यरश्म्मिभिः // तेजोसिशुक्रमस्य॒मृतमसिधामुनामासिप्रियन्देवानाम || नाधृष्टन्देवयजनमसि // 31 // [3] // 10 // इतिश्रीवाजसनेयसंहि तायांप्रथमोऽध्यायः // 1 // श्रीवेदपुरुषायनमः // अनुवाक्सूत्रम् // कृष्ण्णोसिषड, ग्नेवाजजित्तिस्रो, मयीद मग्नीषोमयोः पंचका, वग्नेद धायो चतस्रः, संवर्चसापंचा, ग्नयेकव्य वाहनायषद, सप्तचतुस्त्रि शत् // हरिः कृष्ण्णोसि // कृष्ण्णौस्याखरेष्टुोग्नयैत्वाजुष्टम्प्रोक्षामिवेदि For Private and Personal Use Only Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. रसिवर्हिषेत्त्वाजुष्टाम्प्रोक्षामिवर्हिरसिचुग्ग्भ्यस्त्वाजुष्टम्प्रोक्षाम्म्यदित्यैव्यु न्दिनम् // 1 // अदित्यैट्युन्दनमसि / विष्ण्णौस्तुपोस्यूर्णम्म्रदसन्त्वास्त णामिस्वासस्त्थान्देवेभ्योभुवपतये स्वाहाभुवनपतयेस्वाहाभूतानाम्पतये / स्वाहा // 2 // गंधर्वस्त्वा / विश्वावसुपरिदधातुविश्श्वस्यारिष्टयैयज / मानस्यपरिधिरस्य॒ग्निरिडईंडितः // इन्द्रस्यबाहुरेसिदक्षिणोविश्श्वस्या, रिष्टयैयजमानस्यपरिधिरस्युग्निरिड इंडित? // मित्रावरुणौत्त्वोत्तरतः परि धत्तान्ध्रुवेणुधर्माणाविश्चस्यारिष्ट्रयैयजमानस्यपरिधिरस्य॒ग्निरिडऽइंडित Il // 3 // बीतिहात्रन्त्वा / कवेद्युमन्तु समिधीमहि // अग्नेबृहन्तमद्धरे / For Private and Personal Use Only Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Kin 4 // सुमिदेसि // सुमिदसिसूर्यस्त्वापुरस्तात्पातुकस्यांश्चिदुभिश स्त्यै // सवितुर्बाहूस्त्य॒ऽऊणम्म्रदसन्त्वास्तृणामिस्वासस्थ्थन्देवेभ्यऽआ त्त्वावसवोरुद्राऽआदित्त्यासंदन्तु // 5 // घृताच्यसि / जुहूर्नाम्म्नासे / दम्पियेणधाम्नाप्पियन्सदुऽआसौंदघृताच्यस्युपभृन्नाम्म्नासेदम्प्रियेणधा / म्नाप्पिय सऽआसौदघृताच्यसिद्धवानाम्नासेदम्प्रियेणधाम्नाप्पियन्स / दऽआसीदप्रियेणधाम्म्नाप्रिय सदऽआसींद ॥ध्रुवाऽअसदनृतस्युयोनौ / ताविष्ण्णोपाहिपाहियज्ञम्पाहियुज्ञप॑तिंपाहिमांय्यजन्यम् // 6 // [6] अग्नेबाजजित् // अग्नेबाजजिबान्त्वासरिष्ष्यन्तंबाजुजितुसम्मा For Private and Personal Use Only Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू.अ. संहि.मि // नोंदेवेभ्य: स्वधापतृभ्य:सुयमैमेभूयास्तुमस्कन्नमुद्य // 7 // अस्वन्नमुद्य / देवेब्भ्य आज्यसम्ध्रियासमङ्क्षिणाविष्ण्ण्णोमात्त्वावऋमि / वसुमतीमग्नेतेच्छाया मुप॑स्त्थेषविष्ण्णोस्त्थानमसीत इन्द्रोंवीर्य्यमक णोद्धोद्धर आस्त्थात् // 8 // अग्ग्नेवे? // अग्नेबेर्होत्रंबे त्यमव॑तान्त्वा / द्यावापृथिवीऽअवृत्त्वन्द्यावापृथिवीस्विष्टकृडेवेन्भ्य इन्द्र आज्येनहविषा | भूत्स्वाहासज्योतिषाज्ज्योतिः // 9 // [3] मयीदम् // मयीदमिन्द्र इन्द्रियन्दधात्त्वस्म्मात्रायोमुघवानल्सचन्ताम् // अस्माकै सन्त्वाशिषः 7 सत्त्यान-सन्त्वाशिष उपहूतापृथिवीमातोपमाम्पृथिवीमाताह्वयतामुग्ग्निरा 0000000000000000000000000000000000 For Private and Personal Use Only Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandit ग्नीधात्स्वाहा // 10 // उपहूतोद्यौ? // उपहूतोद्यौष्प्पुितोपुमान्द्यौष्प्पि ताहयतामग्निराग्नीधात्स्वाहा // देवस्य त्वासवितुरप्रसवेश्चिनौर्बाहुब्भ्या म्पूष्ण्णोहस्ताभ्याम् // प्रतिगृह्णाम्म्युग्नेष्ट्वास्येनप्पाश्नामि // 11 // एतन्ते / देवसवितर्य्यज्ञम्प्राहुर्वृहस्प्पतयेब्रह्णणें // तेन॑य॒ज्ञमवते यज्ञपति, न्तेनुमामव // 12 // मनोजुतिः // मौजूतिर्जुषतामाज्यस्यबृहस्पति द्रुज्ञमिमन्तनोत्त्वरिष्टुंग्यज्ञसमिमन्दधातु // विश्वेदेवासऽडुहमादयन्ता मों 3 म्प्रतिष्ठ // 13 // एषातेऽअग्नेसमित्तयाबर्द्धस्वचाचप्प्यायस्व // वर्द्धिषी महींचव्यमाचप्प्यासिषीमहि // अग्नेबाजजिबान्त्वाससृवा For Private and Personal Use Only Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. संबाजुजित सम्मामि // 14 // [5] अग्नीषोमयोरुजितिम् // अग्नीषो प्र-अ. मयोरुजितिमनूजेषवाजस्यमाप्प्रसुवेनुप्पोहामि // अग्नीषोमौतमपनुदतां / योस्मान्द्वेष्ट्रियञ्चधयन्द्विष्म्मोघाजस्यैनम्प्रसवेनापोहामि // इन्द्राग्ग्न्यो रुजितिमनूज्जेषवाजस्यमा प्रसवेनुप्पोहामि // इन्द्राग्नीतमपनुदतां / योस्मान्वेष्टियञ्चव्यन्द्विष्म्मोवाजस्यैनम्प्रसवेनापोहामि // 15 // वसु भ्यस्त्वा / रुद्रेभ्यस्त्त्वादित्येभ्यस्त्त्वासआनाथान्द्यावापृथिवीमित्रावरु || णोत्त्वावृष्ट्यांवताम् // ध्यन्तुबयोक्त रिहाणामरुताम्पृषतीर्गच्छत्वशानिर्भूत्वादिवङ्गच्छतौनोवृष्टिमावह // चक्षुष्प्पाऽअग्नेसिचक्षुम्#पाहि | For Private and Personal Use Only Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir In 16 // यम्परिधिम् // यम्परिधिम्पुर्यवेत्थाऽअग्नेदेवपणिभिर्गुह्य / समान // तन्तऽएतमनुजोषम्भराम्म्येषनेत्त्वदेपचेतयाताऽअग्नेणियम्पा थोपीतम् // 17 // सवभागास्थ // सवभागास्त्थेषाबृहन्त / प्रस्तरेष्ठापरिधेयाश्चदेवा // इमांबाचमुभिविश्चैगृणन्तऽआसद्यारिम्मन्छ / हिर्षिमादयद्धृस्वाहाबाट् // 18 // घृताचीस्त्थर // घृताचीस्त्थोधुयो / पातम्सुम्म्नेस्त्थ सुम्म्नेमांधत्तम् // यजनमश्चत उपचयज्ञस्य॑शिवेसन्ति / ष्ठस्वस्विष्टेमेसन्तिष्ठस्व // 19 // [5] अग्नेदब्धायो / शीतमपाहिमादि : द्योपाहिप्पर्सित्यपाहिदुरिष्ट्रयैपाहिदुरन्याऽअविषन्न-पितुफेणुसुषदायो / .000000000000000000000000000000000 For Private and Personal Use Only Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू.अ. संहि. नौस्वाहाबाडुग्नयेसंवेशपतयेस्वाहासरस्वत्त्यैयशोभुगिन्यै स्वाहा // 20 // वेदोसि // वेदोसियेनत्त्वन्दॆववेददे॒वेभ्यो दोभवस्तेनुमावेदोभूया l देवोगातुविदोगातुष्ठित्त्वागातुमित // मनसस्पतऽहमन्देवय॒ज्ञस्वाहावा / तधाः // 21 // सम्बर्हि? // सम्बर्हिरलाहुविषांघृतेनुसमादित्यै / सुभित्सम्मुरुद्भिः // समिन्द्रोविश्चदेवेभिरङ्कान्दुिध्यन्नभौगच्छतुयत्स्वा हा // 22 // कस्त्वा // कस्त्वाविमुञ्चतिसत्त्वाविमुञ्चतिकस्म्मैत्वावि, चतितस्म्मैत्वाविमुञ्चति // पोषायुरक्षसाम्भागोसि // 24 // [4] संव सा // संवर्चसापय॑सासन्तनूभिरगन्महिमनसासहशिवेन // त्वष्टासुद। For Private and Personal Use Only Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit नोविदधातुरायो माटुंतन्योयद्विलिष्टम् // 24 // दिविविष्ण्णुः॥ द्विविधि ष्णुऱ्याकस्तजागतेनुच्छन्दसाततोनि कोयोस्म्मान्द्वेष्ट्रियञ्चव्यन्छि सम्मोन्तरिक्षेधिष्ष्णुर्यक्रस्तुत्रैष्टुभेनच्छन्दसाततोनिभक्तीयोस्म्मान्वे / ष्ट्रियञ्चव्यन्द्विष्म्मपृथिव्यांधिष्ण्णुर्व्यवस्तगायत्रेणच्छन्दसाततोनि भक्तोयोस्म्मान्द्वेष्ट्रियञ्चव्यन्द्विष्ष्मोस्म्मादन्नादस्यैप्रतिष्ठायाऽअगन्म स्व-सञ्ज्योतिषाभूम // 25 // स्वयम्भूरसि // स्वयम्भूरैसिश्श्रेष्ठौर रिम्मर्वरोंदाऽअसिवोंमेदेहि // सूर्य्यस्यावृतमन्न्वावर्ते // 26 // अग्ने गृहपते / सुगृहपतिस्त्वयाग्नेहङ्ग्रहपतिनाभूयासम्सुगृहपतिस्त्वम्मयाग्ने, For Private and Personal Use Only Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatrth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit गृहपतिनाभूया // अस्त्थुरिणौगार्हपत्यानिसन्तुशत हिमात्सूय॑स्या प्र.अ. 10 तमन्वावर्ते // 27 // अग्नेव्रतपते / व्रतर्मचारिपन्तदशकन्तन्मेराधी दमहंग्याएवास्म्मिसोस्म्मि // 28 // [5] अग्नयेकव्यवाहनाय / / स्वाहासोमायपितृमतेस्वाहा ॥अपहताऽअसुगुरक्षासिवेदिषदः // 29 // येरूपाणि // येरूपाणिप्रतिमुञ्चानाऽअसुरालसन्त स्वधयाचरन्ति // परापुरोनिपुरोयेभरन्त्य॒ग्निष्टॉल्ोकात्प्रणुदात्युस्म्मात् // 30 // अत्रपि तर // अपितरोमादयद्धंय्यथाभागमावृषायद्धम् // अमीमदन्तपितरों यथाभागमावृषायिषत // 31 // नमोवपितरोरसायनोवलपितरत्शोषो / For Private and Personal Use Only Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यनोवतपितरोजीवायुनमावलपितरत्स्वधायैनमोवपितरोघोरायनौवह पितरोमुन्न्यवेनमावलपितरतपितरोनमोवोगृहान पितरोदत्तसुतोव-पितरो दिष्म्मत पितरोधासऽआधुत्त // 32 // आधत्त / पितरोगभङ्कुमारम्पु वरस्रजम् // यथेहपुरुषोसत् // 33 // ऊर्जुम्वहन्ती // ऊर्जम्बर्हन्ती / रमृतङ्कृतम्पय-कीलालंपरिस्रुतम् // स्वधास्त्थेतर्पयतमेपितृन् // 34 // [6] इतिश्रीवाजसनेयसंहितायांद्वितीयोऽध्यायः // 2 // श्रीवेदपुरुषा यनमः // अनुवाक्सूत्रम् // समिधाग्निम्, भूर्भुवःस्वश्चतुष्का, वग्निज्यों तिर्दै, उपप्रयन्तषडिशति, भूर्भुवः स्वःश्चतस्रो, गृहामात्तिस्रः, प्रघासिनः For Private and Personal Use Only Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि.पंच, पूर्णादर्विद्वे, ऽअक्षन्नमीमदन्तषडे, पतेसप्त, दश // 10 // त्रिषष्टीः // पू.अ. 11 हरिः समिधाग्निम् // सुमिधाग्निन्दुवस्यतघृतैर्बोधयतातिथिम् // आस्म्मिन्हुव्याजुहोतन // 1 // सुसमिद्धायशोचिर्षे / घृतन्तीव हो / तन // अग्नयेजातवेदसे // 2 // तन्त्वा / समिद्भिरङ्गिरोघृतेनवर्द्धयाम, सि // बृहच्छौंचायविष्ठ्य // 3 // उपत्वा / ग्नेहविष्म्मतीघृताचीर्य्यन्तु / हर्य्यत // जुषस्वसमिधोमम // 4 // [4] भूर्भुव: // भूर्भुव॒त्स्व? रिवभूम्नापृथिवीर्ववरिम्म्णा // तस्यास्तेपृथिवीदेवयजनिपृष्ठेग्निमन्नादम | 11 नाड्यायादधे // 5 // आयम् // आयङ्गौःपृश्निरक्रमीदसदन्मातरम्पुर? nil For Private and Personal Use Only Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पितरश्चप्पयंत्स्वः॥६॥ अन्तश्चरति / रोचनास्यप्पाणादेपानती // alव्यक्ख्यन्महिषोदिवम् // 7 // त्रिशद्धामं // त्रिशद्धामुबिराजतिया / पतङ्गायधीयते // प्रतिवस्तोरहद्यमिः // 8 // [8] अग्निज्योतिः॥ अग्निज्योतिज्ज्योतिरग्निःस्वाहासूोज्ज्योतिज्योतित्सूर्यत्स्वाहा अग्निवर्चीज्ज्योतिर्बर्चुत्स्वाहासूर्योबच्चोंज्ज्योतिर्वस्वाहा।ज्यो / तित्सूर्य्यत्सूर्योज्ज्योतित्स्वाहा // 9 // सुजूर्दैवेन / सवित्रासजूराव्ये / / न्द्रवत्या // जुषाणोऽअग्निर्धेतुस्वाहा // सृजूदेवेनसवित्रासजूरुषसेन्द्रव-l त्या // जुषाण?सूर्योवेत्तुस्वाहा // 10 // [2] उपप्प्रयन्तोऽअद्धरम् // For Private and Personal Use Only Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Do संहि. उपप्प्यन्तोऽअद्भुरम्मन्बोचेमाग्नये // आरेऽअस्म्मेचशृण्वते // 11 // 12 अग्निर्मूर्द्धा / दिवः ककुत्पति-पृथिव्याऽअयम् // अपारेतो७सिजि al वति // 12 // उभावाम् // उभावामिन्द्राग्नी आहुवद्धयाऽउभाराधसः सहमादयद्धयै // उभादाताराविषारयीणामुभावाजस्यसातयेहुवेवाम् / Em13 // अयन्तै // अयन्तेयोनिन॒त्वियोयतोजातोऽअरौचथा॥ तानन्ने मऽआरोहाथांनोबर्द्धयारयिम् // 14 // अयमिह / प्रथमोधायिधातृभि होतायजिष्ठोऽअद्धरेष्ष्वीड्य // यमनवानोभृगवोविरुरुचुर्धनेषुचित्रवि भ्वंविशेविशे // 15 // अस्यप्प्रत्नाम् // अस्यप्प्रनामनुद्युत शुक्रन्दु For Private and Personal Use Only Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दुहु अन्हेय॥ पय: सहस्रसामृर्षिम् // 16 // तनुपाऽअग्ने / सितन्त्वम्मे / पाह्यायुर्दाऽअग्नेस्यायुम्मैदेहिव)दाऽअग्नेसिव मेदेहि // अग्नेयन्मत न्वाऽऊनन्तन्मऽआपेण // 17 // इन्धानास्त्वा / शत हिमायुमन्तु समि धीमहि // वयस्वन्तोवयस्कृतसहस्वन्तत्सहस्कृतम् // अग्नसपत्नुदम्भ नमदब्धासोऽअदाभ्यम् // चित्रावसोस्वस्तितेपारमशीय // 18 // स . न्त्वम् // सन्त्वम॑ग्नेसूर्यस्युब,सागथात्समृर्षीणास्तुतेन // सम्प्रिये / णधाम्म्नासमहमायुषासंबर्चसासम्प्रजयासरायस्प्पोणग्मिषीय // 19 // अन्धस्त्थ // अन्धस्त्थान्धीवोभक्षीयमहस्थमहोवोभक्षीयोर्जुस्त्थोनंबो 白白哈哈哈哈哈哈哈哈哈哈哈099999999999999 For Private and Personal Use Only Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandie पू संहि. भक्षीयरायस्प्पोषस्त्थरायस्प्पोपंवोभक्षीय // 20 // रेवतीरमद्धम् // 113 रेवतीरमद्धमुस्म्मिन्न्योनावस्म्मिन्नगोष्ट्रेस्मिल्लोकेस्म्मिन्क्षये // इहैव // 3 स्तमार्पगात् // 21 // सहितासि / विश्वरूप्यूर्जामाविंशगौपत्त्येन // उपत्त्वाग्नेदिवेदिवेदोषावस्तङ्घियावयम् // नमोभरन्तु एमसि // 22 // राजन्तमद्धराणाम् // राजन्तमद्धराणाङ्गोपामृतस्यदीदिविम् // बर्द्ध / मान; स्वेदमे // 23 // सन: // सन:पितेवेसूनवेग्नेसूपायनोभव // सचे स्वानहस्वस्तये // 24 // अग्नत्त्वम् // अग्ग्लेत्त्वन्नोऽअन्तमा 13 उतत्राताशिवोभवावरूत्थ्यः ॥वसुरग्निर्वसुश्श्रवाऽअच्छानक्षिधुमत्तम For Private and Personal Use Only Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रयिन्दा ॥२५॥तन्त्वा // तन्त्वांशोचिष्ठदीदिवत्सुम्नायनूनमीमहेसखिं भ्य:॥सनोबोधिश्श्रुधीहवमुरुष्ष्याणोऽअघायत?समस्म्मात् ॥२६॥इड एहि॥इडएह्यदित एहिकाम्म्याऽएत॥ मर्यिवत्कामधरणम्भूयात्॥२७॥ सोमानस्वरणम् / कृणुहिब्रह्मणस्प्पते // कक्षीवन्तुय्यऽऔशिजः // 28 // योरेवान् // योरेवान्योऽअमीवुहावसु वित्पुष्ट्रिवर्द्धन // सन:सिषक्तुय / स्तुर? // 29 // मान // मानत्शम्सोऽअररुषोधूर्तिःप्प्रणमत्य॑स्य // रक्षाणोब्रह्मणस्प्पते // 30 // महिंत्रीणाम् // महिंत्रीणामोस्तुयुक्षम्मि ! त्रस्याय॒म्म्ण? // दुराधर्षवरुणस्य // 31 // नहितेषाम् // नहितेषाममा | For Private and Personal Use Only Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. चनना सुबारणेषु // ईशरिपुरघशब्स // 32 // तेहिंपुत्रासोऽअदित -अ. प्रजीवसेमाय // ज्योतिर्यच्छन्त्यजस्रम् // 33 // कदाचन / स्तुरीर 3 सिनेन्द्रसश्चसिदाशुषे // उपोपेन्नुमघवन्भूयऽइन्नुतेदानन्देवस्यपृच्च्यते / // 34 // तत्सवितु? // तत्सवितुर्वरेण्यम्भगर्गोदेवस्यधीमहि // धियो / योन:प्प्रचोदयात् // 35 // शतम् // 100 // परितेदुडभोरथोस्म्माँ 2 अश्नोतुविश्चतः // येनुरक्षसिदाशुषः ॥३६॥[२६]भूर्भुवः ॥भूर्भु वहस्व-सुप्रजाप्रजाभि स्यासुवीरॊवीरैःसुपोषल्पोषैः // नय्यप्पुजा म्मैपाहिशस्यपशून्मेपाह्यर्थय॑पितुम्मैपाहि // 37 // आगन्म / विश्च For Private and Personal Use Only Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वैदसमुस्म्मब्भ्यंवसुवित्तमम् // अग्नेसम्म्राडभियुम्नमुभिसहुऽआयच्छ स्व // 38 // अयमग्निः // अयमग्निर्गृहपतिर्गार्हपत्यहप्रजायावसुवि त्तमः // अग्ग्नेगृहपतेभियुम्नमुभिसहऽआयच्छस्व // 39 // अयमग्निः // अयमग्निःपुरीष्ष्योरयिमान्पुष्टिवर्द्धन // अग्नैपुरीष्ष्याभियुम्नमभिसह / / Misआयच्छस्व ॥४०॥[४]गृहामा।बिभीतमापद्धमूर्जुम्बिभ्रतऽएमसि॥ ऊर्जाम्बिधंद्वत्सुमनात्सुमेधागृहानैमिमनसामोदमान // 41 // येषाम द्धयेति / प्रवसन्न्येपुसौमनसोबहुः // गृहानुपह्वयामहेतेनीजानन्तुजानुतः Nin42 // उपहूताऽइह / गावउपहूताऽअजावयः // अथोऽअन्नस्यकीलाल For Private and Personal Use Only Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. उपहूतोगृहेषुन // मायवत्शान्त्यैप्रपद्येशिवशग्म शंथ्योशंथ्यो पू.अ. १५॥॥४३॥[प्रघासिनोहवामहे॥मुरुतश्श्चरिशादसह॥करम्भेणंसुजोषस ॥४४॥यद्वा // यद्बामेयदरण्येयत्सभायांव्यदिन्द्रिये॥ यदेनश्चकुमावय। मिदन्तदवयजामहेस्वाहा // 45 // मोपूर्णः॥मोपूर्ण इन्द्रात्रेपृत्सुदेवैरस्तिहि / मातेशुष्म्मिन्नवया? // महश्चिद्यस्यमीढुषोयध्याहविष्मतोमरुतोवन्द तगी? // 46 // अक्वन्न्कर्मकर्मकृत:सहवाचामयोभुवा // देवेभ्यस्क / म्मकृत्त्वास्तुम्प्रेतसचाभुवः // 47 // अवभृथनिचुम्पुण। निचेरुरसिनिचुम्पु 15 2 // अव॑देवैर्दुवकृतमेनीयासिषमवमत्त्यैर्मयंकृतम्पुरुराव्णोदेवरिष For Private and Personal Use Only Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir //////////////////////////////////////////////////////////////////// स्प्पाहि // 48 // [5] पूर्णादवि // पूर्णादविपरापतसुपूर्णापुनुरापत // बस्नेवविक्रीणावहाऽइषमूर्ज शतक्रतो॥ 49 // देहिमे // देहिमेददामि तेनिमेधेहिनितेंदधे // निहारश्चहरोसिमेनिहारनिहराणित॒स्वाहा // 50 // अक्षन्नमीमदन्त // अक्षन्नमीमदन्तुह्यवप्रियाऽअधूषत // अस्तोपतुस्वभा / नवोधिप्पानविष्टयामतीयोजान्विन्द्रतेहरी // 51 // सुसन्दशन्त्वा // सुस दृशन्त्वाव्यम्मघवन्न्वन्दिषीमहि // प्रनूनम्पूर्णबन्धुरस्तुतोयासिघशाँ 2 अनुयोजान्विन्द्रतेहरी // 52 // मनोनु // मनोन्वाह्वामहेनाराश सेनस्तो / मन // पितॄणाञ्चमन्मभिः // 53 // आनः॥ आनंऽएतुमनपुनस्क्रत्त्वे, For Private and Personal Use Only Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दक्षायजीवसे // ज्योक्चसूय॑न्दृशे // 54 // पुनन // पुन पितरोम पू.अ. 16 नोददातुदैव्योजन // जीवम्बात सचेमहि // 55 // व्यसौमवतेतव / / मनस्तुनूषुबिभ्रत // प्र॒जाव॑न्तहसचेमहि // 56 // एषते / रुद्रभागास / हस्वस्त्राम्बिकयात षस्वस्वाहेषतरुद्रभागऽआखुस्तैपशु? // 57 // अवै / रुद्रम् // अवरुद्रमंदीमह्यवदेवन्द्रयम्बकम् // यानोवस्यसुस्करद्यान, श्रेयसुस्करद्यांनोव्यवसाययात् // 58 // भेषजमसि / भेषजङ्गवेश्चा यपुरुषायभेषजम् // सुखम्मेषार्यमुष्ष्यै // 59 // त्र्यम्बकंग्यजामहे / / सुगन्धिम्पुष्ट्रिवर्द्धनम् // उवारुकमिवबन्धनान्मृत्योर्मुक्षीयमामृतात् // 台中中中中中中中中中中中中中中中999999白白合合合令。 For Private and Personal Use Only Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir त्र्यम्बकंय्यजामहेसुगन्धिम्पतिवेदनम् // उर्वारुकमिवबन्धनादितोमुक्षीय मामुतः // 60 // एतते / रुद्रावसन्तेनपुरोमूजवतोतीहि // अवततध वापिनाकावसकृत्तिवासाऽअहिंसन्न शिवोतीहि // 61 // व्यायुषचम दग्नेस्कश्यपस्यन्यायुषम् // यद्देवेषुत्र्यायुषन्तन्नोऽअस्तु यायुषम् // 6 // शिवोनाम // शिवोनामासिस्वर्धितिस्तेपितानमस्तेऽअस्तुमामाहि.सी // निवर्तयाम्म्याय॑षन्नाधायप्रजननायरायस्प्पोषोयसुप्प्रजासत्वायसुवीया यि // 63 // 10 // [7] इति श्रीवाजसनेयसंहितायांतृतीयोऽध्यायः॥ ॥३॥श्रीवेदपुरुषायनमः॥ अनुवाकसूत्रम् // एवंडे, महीनाम्पयश्चतस्त्र, For Private and Personal Use Only Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू.अ. संहि. आकृत्या, ऋक्सामयो, ढिकी, व्रतंकृणुतषडे, षतेचतस्रो, वस्व्यसितिस्र, 17 एषतेदे, शुक्रत्वाचतस्रो, दित्यास्त्वगष्टौ, दशसप्तत्रिशत् // 10 // हरिः ॐएदम् // एदमगन्मदेवयजनम्पृथिव्यायत्रदेवासोऽअर्जुषन्तुधि : श्चै // ऋक्सामान्भ्यासुन्तरन्तीय ब्रायस्प्पोषणसमिषामदेम // इमाऽआपुत्शमुमेसन्तुदेवीरोषधेत्राय॑स्वस्वर्धितेमैनहिसी // 1 // आपो अस्मान् // आपोऽअस्म्मान्मातरःशुन्धयन्तुघृतेननोघृतप्प्व:पुनन्तु॥ विश्चहिरिप्रम्वहन्तिदेवीरुदिदाभ्यत्शुचिरापूतऽएमि // दीक्षातपसो 17 स्तनूरसितान्त्वांशिवाशग्माम्परिंदधेमुद्रं वर्णम्पुष्ष्यन् // 2 // [2] For Private and Personal Use Only Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नमः // अनुवाकसूत्रम् // तेजोसिपंचामयएकाहिंकारायद्वेतत्सवितुर्दश विभूर्मात्रैकाकायदेआब्रस्त्रियोदशशेषादेकैकोन्नविशतिश्चतुस्त्रि-शत् // हरिः ॐतेजोसिशुक्रममृतमायुष्ष्पाऽआयुर्मेपाहि // देवस्यत्वासवितुः प्रसवेश्चिनोर्बाहुब्भ्याम्पुष्ष्णोहस्ताब्भ्यामाददे // 1 // इमामगृभ्णन् // इमामगृभ्णन्त्रशुनामृतस्यपूर्वऽआयुषिविदथेषुकड्या // सानोऽअस्म्मि : न्त्सुतऽआबभूव ऋतस्यसामन्त्सुरमारपन्ती // 2 // अभिधाऽअसि // अभिधाऽअसिभुवनमसियन्तासिंधुर्ता // सत्वमुग्निवैश्वानरसप्पथसङ्ग च्छस्वाहाकृत॥३॥ स्वगात्वा / देवेभ्य:प्रजापतयेब्रह्मन्नश्चम्भ For Private and Personal Use Only Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि.न्त्स्यामिदेवेभ्य-प्रजापतयेतेनराळ्यासम् // तम्बधानदेवेभ्य: पूजा उ.अ. पतयेतेनराहि // 4 // प्रजापतयेत्वा // प्रजापतयेत्वाजुष्टम्प्रोक्षामी 22 न्द्रिाग्निब्भ्यान्त्वाजुष्टम्प्रोक्षामिवायवैत्वाजुष्टम्प्रोक्षामिविश्वेन्भ्यस्त्वादेवे / भ्योजुष्टम्प्रोक्षामिसबैभ्यस्त्वादेवेभ्योजुष्टम्प्रोक्षामि // योऽअवन्तुञ्जि / घiसतितमब्भ्यूमीतिवरुणत्पुरोमत्त पुरश्चा // 5 // [5] अग्नये / / स्वाहा // अग्नयेस्वाहासोमायस्वाहापाम्मोदायस्वाहासवित्रेस्वाहाबाय / वस्वाहाविष्णवेस्वाहेन्द्रायस्वाहाबृहस्प्पतयेस्वाहामित्रायस्वाहावरुणाय | 11 स्वाहा // 6 // [1] हिङ्कारायस्वाहा // हिङ्करायुस्वाहाहिङ्कृतायस्वा / For Private and Personal Use Only Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हाक्रन्दतेस्वाहावऋन्दायस्वाहाप्पोथतेस्वाहाप्रपोथायुस्वाहागुन्धायुस्वा हाँग्घ्रातायुस्वाहानिविष्टायुस्वाहोपविष्टायस्वाहासन्दितायस्वाहाबलगते स्वाहासीनायुस्वाहाशयांनायुस्वाहास्वप॑त॒स्वाहाजाग्ग्रंतुस्वाहाकूजतेस्वा हाप्पबुद्धायुस्वाहाविज़म्भमाणायस्वाहाधिवृत्तायस्वाहासम्हानायस्वाहो / पस्त्थिताय॒स्वाहाय॑नायस्वाहाप्पायणायस्वाहा // 7 // यतेस्वाहा // यते स्वाहाधावतुस्वाहोद्रावायस्वाहोद्रुतायस्वाहाशूकारायस्वाहाशूकृतायस्वा हानिषण्णायस्वाहोत्थितायस्वाहाजवायस्वाहाबलीयस्वाहाविवर्तमानायु स्वाहाविवृत्तायुस्वाहाविधूवानायस्वाहाविधूतायस्वाहाशुश्रूषमाणाय For Private and Personal Use Only Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्वाहाशृण्वतेस्वाहेक्षमाणायुस्वाहेक्षितायस्वाहाबीक्षितायुस्वाहाँनिमेषाय उ.अ. स्वाहायदत्तितस्म्मस्वाहायत्पिबतितस्म्मस्वाहायन्म॒त्रकरोतितस्म्मस्वा 22 हाकुर्वतेस्वाहाकृतायस्वाहा // 8 // [2] तत्सवितुः // तत्सवितुर्वरे Mण्यम्भगर्गोदेवस्यधीमहि // धियायोन:प्रचोदयात् // 9 // हिरण्यपा: मणिमुतये / सवितारमुपह्वये // सचेत्तौदेवतापदम् // 10 // देवस्युचे। तितह // देवस्यचेततोमहीम्प्रसवितुर्हवामहे // सुमतिठसत्यराधसम् // Min 11 // सुष्टुतिसुमतीवृधः // सुष्टुति सुमतीवृधौराति सवितुरी 11 महे // प्रदेवार्यमतीविर्दै // 12 // राति सत्पतिम् // राति सत्प॑तिम्म For Private and Personal Use Only Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सवितारमुपह्वये // आसवन्देववीतये // 13 // देवस्यसवितु? // देव, स्यसवितुर्मतिमासुवंधिश्चदेव्यम् // धियाभगम्मनामहे // 14 // अग्निस्तोमैन / बोधयसमिधानोऽअमर्त्यम् // हव्यादेवेषुनोदधत् // // 15 // सहव्यवाट् / सहव्यवाडमय॑ऽशिग्दृतश्चनौहित // अग्निर्द्धि / यासमृण्वति // 16 // अग्निदूतम्पुरोदधेहव्यवाहमुपब्रुवे // देवाँ 2 आसा दयादिह // 17 // अजीजनोहिपर्वमानसूयविधारेशमनापय गोजी / रियारव्हमाणत्पुरन्ध्या // 18 // [9] विभूर्मात्रा / अभूपित्राश्चों / सिहयोस्यत्यौसिमोस्यासिसतिरसिवाज्यसिवषासिनृमाऽअसि // For Private and Personal Use Only Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | उ.अ. संहि. ययुर्नामासिशिशु मास्यादित्यानाम्पत्वान्विहिदेवोऽआशापालाऽएतन्दे / वेभ्योश्चम्मेधायप्प्रोक्षितरक्षतेहरन्तिरिहरमतामिहधृतिरिहस्वधृति 22 स्वाहा // 19 // [2] कायस्वाहा // कायस्वाहाकस्म्मैस्वाहाकतम / स्म्मस्वाहास्वाहाधिमाधीताय॒स्वाहामन:प्रजापतयेस्वाहांचित्तं विज्ञाता। यादित्यैस्वाहादित्यैमुखैस्वाहादित्यैसुमृडीकायैस्वाहासरस्वत्यैस्वाहासर / स्वत्यैपाव॒काय॒स्वाहासरस्वत्यैबृहृत्यैस्वाहापूष्ष्णेस्वाहापूष्ष्णेप्प्रपत्थ्याय : स्वाहांपुष्ष्णेनुरन्धिषायस्वाहात्वष्ट्रेस्वाहात्वष्टेतुरीपाय॒स्वाहात्वष्ट्रपुरुरूपाय 93 स्वाहाविष्णवेस्वाहाविष्णवेनिभूयपास्वाहाविष्णवेशिपिविष्टायस्वाहा // For Private and Personal Use Only Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Faln 20 // विश्ौदेवस्य / नेतुर्मबुरीतसुख्यम् // विश्चौरायऽईषुद्धय / तिद्युम्नंबृणीतपुष्ष्यसेस्वाहा // 21 // [1] आब्रह्मन् // आब्रह्म / बाहमणोद्ब्रह्मवर्चसीजायतामाराष्ट्रराजन्युत्शूरऽइषव्योतिव्याधीमहार थोजायतान्दोग्ग्धीधेनुर्बोढानडानाशुश्सप्तित्पुरन्धिोषोजिष्ष्णूरथेष्टाः || सभेयोयुवास्ययजमानस्यवीरोजायतान्निकामेनिकामेन पर्जन्यौवर्षतु, फलवत्योनऽओषधयल्पच्यन्तांय्योगक्षेमोन कल्प्पताम् // 22 // [1] प्राणायस्वाहा / पानायस्वाहाव्यानायुस्वाहाचक्षुषेस्वाहाश्श्रोत्रीयस्वाहा बाचेस्वाहामनसेस्वाहा // 23 // [1] प्राच्यदिशे / स्वाहाच्च्यिदिशे For Private and Personal Use Only Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्वाहादक्षिणायैदिशेस्वाहाच्च्यिदिशेस्वाहाप्रतीच्यदिशेस्वाहाच्च्यिदि उ.अ. शेस्वाहोदीच्च्यैदिशेस्वाहाच्च्यिदिशेस्वाहो यदिशेस्वाहा च्यैदिशेस्वा 22 हावाच्यैदिशेस्वाहाच्च्यिदिशेस्वाहा // 24 // [1] अद्भय स्वाहावाद्य स्वाहोदकायस्वाहातिष्ठन्तीभ्य: स्वाहास्रवन्तीभ्यत्स्वाहास्यन्दमाना। भ्युलस्वाहाकूप्प्याब्भ्य: स्वाहासूद्याभ्यत्स्वाहाधाऱ्यांब्भ्यत्स्वाहार्ण वायुस्वाहासमुद्रायस्वाहासरिरायस्वाहा // 25 // [1] वायुस्वाहा / / धूमायस्वाहाब्भ्रायस्वाहामेघायस्वाहाविद्योतमानायुस्वाहास्तुनयंतेस्वाहा 14 वस्फूर्जतेस्वाहावर्षतुस्वाहाववर्षतेस्वाहोग्गंवर्षतुस्वाहाशीग्गंवर्षतुस्वाहो For Private and Personal Use Only Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit www.kcbatrth.org कहतेस्वाहो हीतायस्वाहाप्पुष्ष्णुतेस्वाहाशीकायतेस्वाहाप्पुष्ष्पाब्भ्यत्स्वा / हाहादुनींब्भ्यत्स्वाहानीहारायस्वाहा // 26 // [1] अग्नयेस्वाहा // अग्नयेस्वाहासोमायस्वाहेन्द्रायस्वाहापृथिव्यैस्वाहान्तरिक्षायस्वाहादिवे / / स्वाहादिग्भ्यःस्वाहाशाब्भ्यत्स्वाहोव्यदिशेस्वाहाच्च्यैिदिशेस्वाहा // // 27 // [1] नक्षत्रेब्भ्यत्स्वाहा // नक्षुत्रियेभ्यत्स्वाहाहोरात्रेभ्यः / स्वाहार्द्धमासेब्भ्यत्स्वाहामासंब्भ्यत्स्वाहे ऋतुब्भ्यत्स्वाहाति॒वेभ्यत्स्वाहा संवत्सरायस्वाहाद्यावापृथिवीभ्याएंस्वाहाचन्द्रायस्वाहासूOयुस्वाहा रश्म्मिन्भ्यत्स्वाहावसुभ्यत्स्वाहारुद्रेभ्यत्स्वाहादित्येभ्यत्स्वाहामुरु For Private and Personal Use Only Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यत्स्वाहाधिश्चेभ्योदेवेभ्यत्स्वाहामूलैब्भ्यत्स्वाहाशाखाब्भ्यत्स्वाहा बनस्प्पर्तिब्भ्यत्स्वाहापुष्पैन्भ्यत्स्वाहाफलैब्भ्यल्स्वाहौषधीब्भ्यत्स्वाहा। Lilm 28 // [1] शतम् // 1300 // पृथिव्यै स्वाहा // पृथिव्यै स्वाहान्त रिक्षायस्वाहादिवेस्वाहासूर्य्यायस्वाहाचन्द्रायस्वाहानक्षत्रेभ्यत्स्वाहायर | स्वाहौषधीभ्यत्स्वाहावनस्प्पतिभ्यत्स्वाहापरिप्प्लुवेब्भ्युल्स्वाहाचराच रब्भ्यत्स्वाहासरीसृपेन्भ्यत्स्वाहा // 29 // [1] असंवेस्वाहा // असवे , स्वाहावर्सवेस्वाहाविभुवेस्वाहाविवस्वतेस्वाहांगणश्श्रियेस्वाहागणपतये स्वाहाभिभुवेस्वाहाधिपतयेस्वाहाशुषायस्वाहासम्सीयस्वाहाचन्द्राय 000000000000000000000000000000000 For Private and Personal Use Only Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्वाहाज्योतिषस्वाहामलिम्म्लुचायस्वाहादिवापतयतेस्वाहा // 30 // Male 1 ] मधवेस्वाहा // मर्धवेस्वाहामाधवायुस्वाहांशुक्रायस्वाहाशुच येस्वाहानभसेस्वाहानभुस्यायस्वाहेषायुस्वाहोर्जायस्वाहासहसेस्वाहासह स्यायस्वाहातपसेस्वाहातपस्यायस्वाहाहसस्प्पतयेस्वाहा // 31 // [1] बाजायस्वाहा / प्रसुवायुस्वाहापिजायस्वाहाऋतवेस्वाहास्वःस्वाहा / मुर्भेस्वाहाव्यश्चविनेस्वाहान्त्यायस्वाहान्त्यायभौवनायस्वाहाभुवनस्युपत / येस्वाहाधिपतयेस्वाहाप्प्रजापतयेस्वाहा // 32 // [1] आयुर्व्यज्ञेन / कल्प्पता/स्वाहाप्पाणोयज्ञेनकल्प्पतास्वाहापानोयज्ञेनंकल्प्पताई For Private and Personal Use Only Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit उ.अ. स्वाहाच्यानोयज्ञेनकल्प्पतास्वाहोदानोयज्ञेनैकल्प्पतास्वाहासमानो , यज्ञेनकल्प्पतास्वाहाचक्षुर्व्यज्ञेनकल्प्पतास्वाहाश्श्रोत्रंथ्यज्ञेनंकल्प तास्वाहाबाग्ग्यज्ञेनकल्प्पतास्वाहामनायज्ञेनकल्प्पता/स्वाहात्मा / यज्ञेनकल्प्पतास्वाहाब्रह्मायज्ञेनकल्प्पतास्वाहाज्योतिर्व्यज्ञेनक | ल्प्पतास्वाहास्वयंज्ञे कल्प्पता/स्वाहापृष्ठंय्यज्ञेनकल्प्पतास्वाहा / यज्ञोयज्ञेनकल्प्पतास्वाहा // 33 // एकस्म्मैस्वाहाद्वाभ्याएं स्वाहा : शतायुस्वाहैकशतायुस्वाहाव्युष्टयैस्वाहास्वग्र्गायुस्वाहा // 34 // [1] 16 इतिश्रीवाजसनेयसंहितायांद्वाविंशोऽध्यायः॥२२॥ श्रीवेदपुरुषायनमः॥ For Private and Personal Use Only Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ण्वसू // दुल्शन्सोमारिपुः // 82 // तान // तानु आवोढमश्चिना रयिम्पिशङ्गसन्दृशम् // धिष्ष्ण्यावरिवोविदम् // 83 // पावकानः // पावकानुत्सरस्वतीबाजेभिर्वाजिनीवति // यज्ञंधष्टुंधियावसुः // 84 // चोदयित्रीसूनृतानाम् // चोदयित्रीसूनृतांनाञ्चतन्तीसुमतीनाम् // यज्ञ न्दिधेसरस्वती // 85 // महोऽअण्ण: // महोऽअर्णसरस्वतीप्प्रचेतयति केतुना // धियोविश्चाधिराजति // 86 // इन्द्रायाहि / चित्रभानोसु ताऽइमेत्वायवः // अण्ण्वीभिस्तनापूतासः // 87 // इन्द्रायाहि / धियेषितोधिप्रजूतत्सुतावत // उपब्रमाणिवाघत // 88 // इन्द्रा For Private and Personal Use Only Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatrth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandir संहि.योहि // इन्द्रायाहितूतुजानुऽउपब्रह्माणिहरिव // सुतेदेधिष्ष्वनुश्चनपू.अ. 158 // 89 // अश्चिनापिबताम् // अश्चिनापिबताम्मधुसरस्वत्यासजोषसा // 20 इन्द्रःसुत्रामावृत्रहाजुषतासोम्म्यम्मधु // 90 // [ 11 ] इति / श्रीवाजसनेयसंहितायांविंशोऽध्यायः // 20 // श्रीवेदपुरुषायनमः // For Private and Personal Use Only Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandit // इदं पुस्तकं 1867 स्य 25 तमराजनियमानुसारेणांकयित्वाऽस्य पुस्तकस्य पुनर्मुद्रणाद्यधिकाराः प्रकाशयित्रा स्वायत्तीकृताः सन्ति // पुस्तक मिलनेका ठिकाणाहरिप्रसाद भगीरथजी, कालकादेवीरोड़-रामवाड़ी-मुंबई. ////////////////////////////////////////////////////////////////// For Private and Personal Use Only Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir KIINANREDEDEMAND PURANJAN // इति श्रीवाजसनेयसंहितापूर्वविंशतिःसमाप्ता॥ HIGHERMA REARRIORARERPRERARARIERRRRRRRRRRRRRRRRRARIARSeaPat हाला For Private and Personal Use Only Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailasagarsuri Gyanmandir तत्त्वामृत P-12313 राश श्रीहंसविजयजी जैन फ्री लायब्ररी वडोदरा. For Private and Personal Use Only