________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir و K देवोवनस्पतिः द्याम्मालेखी ..... .... 543 द्रनसर्पिरसुति .... देव्योवम्यर 4 द्युभिरक्तुभिदं .... .... 34 30 दारोदेवीरन्वस्य .... देहिमेददामिते..... .... 3/50 द्यौ शान्तिः .... .... 36/ 17 |द्विपदायाश्चतुष्पदालं.... देव्या अध्वर्युवस्त्वा .... 23 42 द्यौरासीत् .... ..... 23 24 देविरूपेचरतर .... देव्यामिमाना .... 42 द्यौस्तैपृथिव्यम्.... ... 23 43 देस्तृतीऽअशृणवन् देव्यायधत्रे .... द्यौस्तैपृष्ठम् ..... .... 11 20 धन्वनागा? .... देव्यावश्वयूं .... .... मद्रप्सचस्कन्द ..... .... 13 5 धर्तादिव? .... देव्याहोताराऽऊर्ध्वम् .... 27/ 18 दविणोदा .... .... 26/ 22 धाताराति) देव्याहोताराप्रथमा .... 29 32 द्रापेऽअन्धसस्प्पते .... 16 47 धाना करम्भः.... .... देव्याहोताराभिषा .... 21 18 दुपदादिव .... .... 20 20 धानानारूपम् به For Private and Personal Use Only