________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ.का. संहि. अ० मं० / पर्वमानलं.. .... .... 19 42 पाहिनोऽअग्मएकया.... 27 43 पुनर्न पितर .. १०॥पवित्रैणपुनीहि .... 1940 पितानोऽसिपितान.... 37 20 पुनर्मनपुनरायु: .... पवित्रेस्थोवेष्णव्यौ ..... { : पितुन्नुस्तोषम् .... .... 34 7 पुनस्त्वादित्या.... .... पशुभिः पशूनामोति.... 19 20 पितृभ्य स्वधायिभ्य: 1936 पुनातितेपरिघुतम् .... पष्ठवाट्चमे .... .... 18 27 /पीवोऽअन्नारयिवृधः .... 27/ 23 पुराङ्करस्य .... .... पठवाहोविराज .... 24 13 पुत्रमिपितरौ .... .... { : पुरीष्यासोऽअग्मयः .... पातन्नोऽअश्विना ....... 20 62 पुनन्तुमादेवजनाः .... 19 39 पुरीष्योऽसि .... .... पावकयाय: .... .... 17/ 10 पुनन्तुमापितरः .... 19 37 पुरुदस्म..... .... ..... पावकवर्चार .... .... १२/१०७/पुनरासद्यसदनम् .... 12 39 पुरुष एवेदम् .... .... पावकानसरस्वती .... 20 84 पुनर्जा.... .... .... { 32 . पुरुषमृगश्चन्द्रमसलं .... 18 For Private and Personal Use Only