Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वायवाम् // 6 // प्रत्युष्टुरक्षः॥ प्रत्युष्टुरक्षटप्प्रत्युष्टाऽअरातयो / नेष्ट्रप्त रक्षोनिष्टुप्ताअरातयह // उर्छन्तरिक्षमन्वॉम // 7 // धूरसि ।धू बंधूर्वन्तुन्व॒तंम्योसम्मान्धर्वतितन्व॒यंचयन्धू मह // // देवानाम | सिवन्हितमु सस्त्रितमुम्पप्रितमञ्जुष्टतमन्देवहूतमम् ॥८॥अहुतमसि। हविर्द्धानन्दृहस्वमाह्वातियज्ञपतिर्वार्षीत् // विष्ण्णुस्त्त्वाक्रमतामुरुधा / तायावृहत रक्षोयच्छन्ताम्पञ्च // 9 // देवस्यत्त्वा / सवितु प्रसवेश्चिनों / बाहुभ्याम्पूष्ण्णोहस्ताभ्याम् // अग्नयेजुष्टङ्गलाम्म्यग्ग्नीषोमांब्भ्याक्षुष्ट हामि // 10 // भूतायत्त्वा // भुतायत्त्वानारातयेस्वरभिविख्येषन् For Private and Personal Use Only

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