Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रस्य / विसृपोंविरप्प्सिनुदादायपृथिवीञ्जीवदानुम् // यामैरयश्चन्द्र पू.अ. मसिस्वधाभिस्तामुधीरासोऽअनुदिश्ययजन्ते // प्रोक्षणीरासादयविष्तोत्र धोसि // 28 // [5] प्रत्युष्टुरक्षः // प्रत्त्युष्टुरक्षत्प्रत्त्युष्टाऽअरांतयो / निष्टुप्त रक्षोनिष्टप्ताऽअरातयह // अनिशितोसिसपत्क्नक्षिवा जिनन्त्वा / वाजेद्धयायैसम्मामि // प्रत्युष्ट्ररक्षत्प्रत्युष्टाऽअरांतयोनिष्टृप्तरक्षो / निष्टुप्ताऽअरांतयह // अनिशितासिसपत्क्नुशिवाजिनीन्त्वाबाजेद्धयायै / / सम्माज्मि // 29 // अदित्यैरास्ना / सिविष्ण्णोद्वेष्प्पोस्यूर्जेत्त्वा देब्धेन - त्त्वाचक्षुषावपश्यामि // अग्नेर्जिह्वासिंसुहूर्दैवेभ्योधाम्ने धाम्म्नेमेभवय For Private and Personal Use Only

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