Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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Page 44
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मूर्द्धाय मूर्धासिराट अ० म० | 14 9 यंक्रन्दसीऽअवसा .... 32 7 यज्ञस्यदोहरूं .... .... ..... .... 14 21 यन्तैदेवीनिऋतिरं .... 12 65 यज्ञाय॑ज्ञावलं .... .... मृगोनभीम: .... .... 18 71 यम्परिधिम् यज्ञे यज्ञमयजन्त .... मेधाम्मेवरुणर..... 32 15 यप्रणतः 122 / यज्ञोदेवानाम् ..... 3.46 यकासको.... .... 23 22 यतेस्वाहा .... यऽआत्मदावलदा 25 13 यकोसको 23 23 यतोयतसमीहसे यइन्द्रऽइन्द्रियम् ..... 2070 यजान.... ..... .... 33, 3 यत्तेगादिग्मिना इमाविश्वा .... .... 17/17 यजुर्भिराप्यन्ते .... .... 19/ 28 यत्तैपवित्रम् .... .... यऽइमेद्यावापृथिवी .... 29 34 यज्जाग्रत ..... .... 34 1 यत्तेसादेमहंसा.... .... यएतावन्तश्च .... 16 63 यय॒िज्ञङ्गच्छ .... .... 8 22 यत्तेसोमदिविज्योतिएं। मोषण ... For Private and Personal Use Only

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