Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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Page 53
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. अ.का. विनऽइन्द्र.... .... .... 118 . { : विवस्वन्नादित्यैष .... 8 5 विश्वस्यमूर्द्धन्नधि .... विपासापृथुना .... 11 49 विश्वकर्मन्हविषावर्धनेन 2056 विश्वाऽआशाल.... .... विभक्तारम्हवामहे .... 30 4 विश्वकर्मन्हविर्भावावृधान 17| 22 विश्वानिदेव .... .... विभूसिप्रवाहणलं .... 5 31 विश्वकर्मात्वा .... .... { विश्वारूपाणि .... .... विभूत्रा ......... 22 | 19 विश्वकर्माविमना .... 17/26 विश्वासाम्भुवाम्पते विभ्राबृहत् .... .... 33 30 विश्वकर्माह्यनिष्ठ .... 17 32 विश्वेऽअद्य .... .... विमानऽएषदिवः ...... 17/59 विश्वतश्चक्षुरुत .... .... 17/ 19 विश्वेदेवाऽअशुषु .... 8 विमुच्यध्वम् ......... 12/ 73 विश्वस्मैप्राणार्यापानाय 13| 19 विश्वेदेवालशृणुतेमम् .... 33 11 विश्वस्यकेतु: .... .... 12 23 विश्वेदेवाचमसेफुन्नीत 8 विराज्योतिरधा .... 13 24 विश्वस्यदूतम् .... .... 15 33 विश्वेदेवासऽआर्गत .... 7 विराडसिदक्षिणा 5. 0Gw For Private and Personal Use Only

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