Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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Page 51
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ.का. >. संहि. 25 >>>>>>>>> Gane वयभहित्वा .... .... 8 साकण्वन्त .. 11 58 वस्यस्यदिति .... .... वरुणस्क्षत्रम् .... .... 20 72 वसवस्त्वाच्छन्दन्तु .... 11 65 वर्हवपाओतवेदर .... वरुणत्पाविता .... .... 33 वसवस्त्वाञ्जन्तु.... .... 8 वाचन्तेशुन्धामि वरुणस्योत्तम्भनमसि.... 4 36 वसवस्त्वाधूपयन्तु .... 11 60 वाचस्प्पतयेपवस्व वरूत्रीत्वष्टुं .... .... 13/ 44 वहुँचमेवसतिश्च .... 18 15 वाचस्पतिम् .... वर्षाभिर्ऋतुना .... .... 21 25 वसुब्भ्यऋष्यान् .... 24 27 वाचेस्वाहा .... वर्षाहूतुनाम .... .... 24 38 वसुब्भ्यस्त्वा .... .... 2 16 वाज पुरस्तात्.... वसन्तार्यकपिजलान्.... 24 20 वसूनाम्भागोसि .... 14 25 वाजश्वमे .... .... वसन्ते ऽऋतुना .... 21 23 वोल्पवित्रमसि ..... 1 2 वाजस्यनुप्रसवः .... वसवस्त्रयोदशाक्षरेण .... 9 34 वोल्पवित्रमसिशतारम् 1 3 वाज॑स्यनुप्रैसवे.... .... % 28 62 K. .4. For Private and Personal Use Only

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