Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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Page 45
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir अ-का संहि. 22 यत्पुरुषव्यदधुर .... 31 10 यदग्मेकानि .... .... 11 यदापोऽअग्न्या इति .... यत्पुरुषेणहविषा .... 31 14 यदत्युपजिविका .... 11 यदानन्दाक्षायणा .... यत्प्रज्ञानम् .... .... 34 3 यदत्ररिप्तम् २यदत्ररितम् .... .... 19 यदिजाग्रत यत्रधाराऽअनपेता .... 1865 यदद्यकच / .... .... 33 35 यदिदिवा ..... .... यत्रवाणा सम्पतन्ति .... 17/48 यदद्यसूर .... .... 33 20 यदिमावाजयन् यत्रब्रह्मच.... .... 20 25 यदश्वस्यकविषदं .... 25 32 यदूर्वध्यमुदरस्य ..... 20 26 |यदायवास .... .... 25 39 यद्ग्रामेयदरैण्ण्ये यत्रौषधी ..... .... 12 80 यदस्याऽअन्हुभेद्याल.... 23 28 यद्दत्तंयत्परा यथेमांवाचम् .... .... 26 2 यदाकूतात .... .... 1858 यद्देवादेवहेडनम् .... यदकन्द __.... .... 29 12 यापिपेष .... .... 19 11 यद्देवास यत्रेन्द्रश्च .... .... For Private and Personal Use Only

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