Book Title: Vajsaney Samhita Mantranamkaradya Anukramanika
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Page 17
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ० मे. अ.का. इष्कृतिमिवर .... .... 12 83 ईशानायपरस्वतस् .... 24 28 उत्थायवृहती .... इष्टोऽअग्मिराहुतलं ..... 1857 ईशावास्यमिदम् .... 40 1 उत्सक्थ्याऽअव.... .... इष्टोयज्ञ ..... .... 18 56 उच्छुक्माऽओषधीनाम् 12 82 उत्सादेभ्य: .... .... ..... 851 उत्तनोहिर्बुध्न्यः .... 34 53 उक्ता सञ्चराऽएता .... / इहैवाग्मेऽअधि .... .... 27/ 4 उतम्मास्य .... .... 915 ऊक्ता संञ्चराऽएतार ईडितोदेवैर्हरिवाम् .... 20 38 उतेदानीम् .... ..... 34 17/ सुनासीरीयो ईदृक्षासऽएतादृक्षास.... 17 84 उत्क्राममहते .... .... 11 21 उक्थेभिर्वृत्रहन्तमा ईदृान्याहङ्क .... .... 17/ 81 उत्तानायाम .... .... 34 14 उखाङ्कणोतु ईड्यश्चासि ... .... 29| 3 |उत्तिष्ठन्नोजसा .... .... 839 उक्षासमुद्र) ..... ईन्तिासहं .... .... 29, 21 उत्तिष्ठब्रह्मणस्प्पते ..... 34 56 उग्रलोहितेन .... For Private and Personal Use Only

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