Book Title: Tiloypannatti Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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चश्मो महाया
दोनों विभंग नदियोंकी मध्यम लम्बाई
पण प्रत्र-छप्पण-पण-धुग, प्रक· कमे बारसानि अंसा य । मरुजले सीवरे, पतंब
वी
गामा : २७२१-२७३१ |
-
—
२५५६८५ । १२२ ।
पार्म
आई श्री
अर्थ :- मजला और सीतोदामे से प्रत्येकको मध्यम लम्बाई पाँच, आठ, यह पाँच, पाँच और दो. इस अंक कमसे जो संख्या उत्पन्न हो उससे बारह भाग अधिक अर्थात् २५५६०५ प्रमाण है ।। २७२६ ।
योजन
२५५८०४
११६१३२५५६८५२ योजन |
दोनों नदियोंकी अन्तिम और दो देशों की प्रादिम लम्बाई
पण छुप्पण-पण पंचप-वो दिय माहवारीहि बहिय-सपं । भागा - इबु दिजए, अतिल्लाविल्ल बोहत ॥२७३०॥
॥२७२६॥
-
[ ७३३
२५५५६५ | २१३
म :- उपर्युक्त दोनों नदियोंकी अन्तिम और शङ्खा तथा वत्सकावती नामक दो विजयों ( क्षेत्रों ) की मादिम लम्बाई पाँच, छह पथि पाँच, पाँच और दो, इस अंक क्रमसे जो संख्या उत्पन्न
हो उससे एकसी बहत्तर भाग अधिक अर्थात् २५५५६५३१३ योजन प्रमाण है ।।२७३०।।
२५५६८५३३
• ११६ - २५५४६५३१३ योजन |
=
दोनों देशोंकी मध्यम लम्बाई
इणि अणव-भ-परण-युग भागा ता एव मम्भ-वीहतं ।
संखाए 'वच्छकावर्ष बिजए पोक्क परिमाणं ।। २७३१।।
४५८४-२५०१०१३३ योजन
१. वि. बमकरवदि, क. पा. पम्पकादि ।
२५०६८१ । ३३
शङ्खा एवं इत्सकावती क्षेत्रमेंसे प्रत्येकको मध्यम लम्बाई एक. आठ, नौ, शुन्य, पle और दो, इस अंक क्रमसे जो संख्या निर्मित हो उससे एकसी बहत्तर भागसे अधिक मर्यात्
एवं
२५०१०११३ योजन है ।। २७३१।।
२५५५६५३३