Book Title: Tiloypannatti Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 826
________________ - - - - - गाथा : २९६७-२६६८ ] घउत्थो महाहिगारो [ GEE सिंगोवा :-पुरुकरबरद्वीप स्थित प्रत्येक क्षेत्रों का क्षेत्रफल १. परतोष-४२८५०३५१४१ वर्ग योजना क्षेत्रफल । २. हेमवतक्षेत्र-१५१२४१४.५७६७१ , ३. हरिक्षेत्र-१८४६६५६२३०६६ ॥ ॥ , ४, विदेहकेव-२७३६६६२४६२२UE , , ५. रम्पककेत्र-६८४६६५६२३०६६ ॥ ॥ ॥ । ६. हैरण्यवत-७१२४१४०५७६७१४ , ७. ऐरावतक्षेत्र-४२८१०३५१४ ॥ पुष्कराके जाम्बूढीप प्रमाण खण्डभार मंदाकिनाका योकारवर । तफलं किण्वंतं, एकरस • सयापि मसीही ।।२९१७॥ १९८४ प :--जम्बूद्वीप सम्बन्धी क्षेत्रफलके प्रमाणसे पुष्करार्षद्वीपका क्षेत्रफल करनेपर ग्यारहसौ पौरासी ( १९८४ ) खण्ड प्रमाण होते हैं ।।२०६७।। शिवा :-पुष्करवरद्वीप के बाह्य सूची व्यास ( ४५ लाख ) के वर्ग से उसीके अभ्यन्तर सूची ग्यास ( २६ साल) के वर्गको घटाकर अम्बूढीपके व्यासके वर्गका भाग देनेपर ११५४ साताकाएं प्राप्त होती हैं। अर्थात् पुष्करवर दोपफे जम्बूद्वीप पराबर ११८४ बण्ड होते हैं। यपा(४००००.२-२१.०००). १०००००२११४ खण्ड। मनुष्योंकी स्थितिका निरूपण-- पेलि मासुत्तर - परिपंतं तस्स संघण - बिहोला । मनुवा मामुसोच के - अब्बाइन्म - सह - पोयेसु ॥२९६८।। एवं विष्णासो समतो। प्र :-दो समुद्रों और अकाद्वीपोंके भीतर मानुशेसर पर्वत पर्यन्त मनुष्यक्षेपमें ही मनुष्य रहते है। इसके मागे वे ( उम्र ) मानुषोतर पर्वतका उल्लंघन नहीं करते ।।२९६८।। इसप्रकार विन्यास समाप्त हुआ।

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