Book Title: Tiloypannatti Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 837
________________ ___८१० ] पामा - २५६५ पातरम्मिदोरा पातरमि माने २४७६ २३१६ गा। भाषा सं. पहिराणि गोये माबिरा दिन तल्ली विसहियापुकार प्रमुबी भाजणी अस्सनमुक्कावर ७०७ मास्सग्वीवो तार " तारम ५२६ यस मुगन्हिसि 15 पासपुर मुक्काम १२.४ सपुरो मिहपुरी २३२६ मह रद तिरिए पसरं प्राइमद तिरिय पसरे मह को मिमुरदेवो १२२५ मह रिणशियणपरेस महतोसकोसिस मह वस्थिरएभाएग २४५५ मन्मतारखेदोदो मभिहाणे म सोमा माभियोगपुरीहितो पममं पासीदिमुख अमरारमिरथम मा अमवस्तार नाही पपया सक्रीसो पमिदमों तदेवो भरविणामा परजिसरिदातर परमल्लिांतराने परसंमबिमाविणा पवणय घडलममायो मकर विवहसमुम्भव प्रवरविरहस्मते मबराए तिमिसगुहा प्रबरासाराम भवरा हिमुहे मानिस मथसपिरिण उस्मपिरिण गाथा मासपणयबाउनहग २०१७ मस्सयमकसह १२॥ प्रासादियोसहि प्ररसोदी मगसोदो भारतिमुशी २३१२ मरणमादि बिदिसा २५३५ महागजुत्ताकुलहीण राजा१५५६ परिशदाएपदा सम्वे ime प्रणिपाहिमामधिमा १.५ मणिमतिमासू सवर २७७२ प्रणुतणुकाणे परिणमा मदाहाए पुस्मे ५५ अणुबमस्वस एव प्रणा एवस्सि मम पस्कोणं अण्णं बह गये माणे बिबिहा भमा प्रत्तो पारण मुखियो १५३७ परिव सवरणमुरासो १४३८ परिय सभा अंधारं माविमोवाण माणं परिमाराईटबदा वे मदिरेगल पमाणे १२७२ प्रदिरेयस्म पमाएं पर बिहादो १०४ मदासम्म सायर पशिषविदेह प्रसंग पमाणेहि अपराजियापिहाणा प्रविमो जीवाण मध्यविसिकरण गंगा सम्भतरपरिमाए प्रमंतरवाहिर मम्मनमार्ण १८५ २७ २६५६ २०१७ २२२९ २५१४ Y८६ ४६ કરે, २८.1 घबसयिणीएए पवतप्पिणीए दुस्सम प्रवसेस काम सपए पबसे सवारगमरमें अबसवणलामो २५८६ १७१६ मह पमपाकट्ठी १२११ महमवेदोमो पाह मरहस्यमुहाग पाहमिरा देवा ७१७ पाइया इच्या गुरिदा २०१० महमा गिरि रिसाणं १७७४ पाहमा दुमपमुई भहना दुपएप्पी 1080 , दुक्याटीणि महवा हो हो कोमा महमा ममाहीहिं १० पहवा दोरे सिंह मह विषयविति मतो महबतिय परविण मह साहिए की माह सिरिमायमूपी पहिच तिषियनर ४८२ सकायारा बिजपा भबसे सेस' चउनु अविराहिए और मधुकाए १०५२ बिराहिश जीने १.४० १.४१

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