Book Title: Tiloypannatti Part 2
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 823
________________ ७६५ ] तिमोयपणती [ गाया : २६५६-२९१ हिमवान् पर्वतका क्षेत्रफलगो-पंचवर-लगि-युग-पर-मस-यतिग्णि-तिपय मंसा य । बारस उणवीस - हिवा, हिमवंत • गिरिस्स राफल ॥२६५६ ३३६८४२१०५२ । । म:-दो, पाप, यून्य, एक, दो, चार, पाठ, छह, तीन और तीन, इस अंक क्रमसे जो संख्या निर्मित हो उतने योजन बोर उश्रीससे भामित बारह भाग प्रमाए हिमवान पर्वतका क्षेत्रफल { ३३६८४२१०५२ यो० } है ॥२६५६॥ दिशा:-पुकरवरद्वीपमें स्थित हिमवान् पर्वतको लम्बाई, दीप सहरा बर्षांत ८ लाख योजन है और विस्तार ४२१00 यो (मा. २८४३ में ) कहा गया है। प्रतः-८०००००x ४२१०- ३३६८४२१:५२११ यो० क्षेत्रफल है। ........ चौदह पर्वतोंसे रुट क्षेत्रफलका निरूपणएवं बरसीवि • हये, पारस -कुम - पम्बयाण पिरफलं । होवि सुगार-दे, धोहस : गिरि - ख - क्षेत्रफलं ॥२६६०।। म:-हिमवान् पर्वतके क्षेत्रफलको चौरासी ( ४ ) से गुणा करनेपर बारह कुलपर्वतोंका एकत्रित क्षेत्रफल होता है। इसमें इवाकार पर्वतोंका क्षेत्रफल भी मिला देनेपर पौवह पर्वतोंसे रुख क्षेत्रफलका प्रमाण होता है ।।२६६०॥ विषार्प :-जम्बूद्वीप सम्बन्धी पर्वतोंको शलाकाएं क्रममाः दो. आठ, बत्तीस, बत्तीस, पाठ भोर दो है। जिनका योग (२+:+३२+३२+++२)-४ होता है, इसीलिए गायामें ८४ से गुणा करनेको कहा गया है । यथा-३३३८४२१०५२x६४२८२९४७३६८४२१M योजन । इगि-युग-पर-अर-करिय-सग-पर-पग-परम--बो कमसो। जोयणया एक्कसो, बोड्स - गिरि - रुड - परिमार्ग ॥२६॥ २८४५४७३६८४२१। ।

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