Book Title: Tarangvati Author(s): Pritam Singhvi Publisher: Parshwa International Shaikshanik aur Shodhnishth PratishthanPage 10
________________ सविस्तर विषयनिर्देश मंगल संक्षेपकार का पुरोवचन ग्रंथकार की प्रस्तावना कथापीठ मगधदेश, राजगृहनगर, कुणिक राजा, नगरसेठ, सुव्रता गणिनी, गोचरी के लिए प्रस्तुत शिष्या, रूपवर्णन, गृहस्वामिनी का विस्मयभाव, धर्मकथा की महिमा, आत्मकथा कहने की आर्या से विनंती और उसका स्वीकार कथामुख वत्सदेश, कौशाम्बीनगरी, उदयन राजा, नगरसेठ तरंगवती का जन्म, बचपन और तारुण्य तरंगवती का जन्म, बचपन, विद्याभ्यास, यौवन, मालिन का आगमन, शरद वर्णन, सप्तपर्ण के पुष्पों का उपहार, तरंगवती की कसौटी वनभोजन के लिए जाने का प्रस्ताव वनभोजन समारंभ प्रबंध, प्रयाण, उद्यानदर्शन, सप्तपर्ण, भ्रमरबाधा, कमल सरोवर, मूर्छा, चेटी द्वारा पूछताछ, तरंगवती का खुलासा चक्रवाक-मिथुन (पूर्वभव का वृत्तांत) गंगानदी, चक्रवाकी, चक्रवाक, वनहस्ती, व्याध विद्ध चक्रवाक, चक्रवाकीविलाप, दहन, दहन के समय चक्रवाकी का विलाप, सहगमन, वृत्तांत की समाप्ति, भावि जीवन के संबंध में निश्चय, चेटी की ओर से आश्वासन प्रियमिलन वनभोजन से वापसी, वैद्यराज का आगमन, ज्वर के प्रकार, विरहावस्था की व्यथा, चित्रपट का अंकन, कौमुदीमहोत्सव, दानप्रवृत्ति, सूर्यास्त, सारसिका को निगरानी का हवाला, प्रियतम को पहचान लेने का प्रस्ताव, स्वप्नदर्शन, स्वप्नफल, तरंगवती को चिंता, सारसिका का प्रत्यागमन सारसिका ने बताया वृत्तांत (चित्रदर्शन, एक अनन्य तरुण प्रेक्षक, तरुण मूच्छित : पूर्वभव स्मरण, चित्रकार की पहिचान, वृत्तांत की समाप्ति,) तरंगवती की मँगनी : अस्वीकार, चेटी का पद्मदेव के आवास जाना, पद्मदेव के दर्शन, संदेशसमर्पण, पद्मदेव का विरहवृत्तांत, चेटी का प्रत्यागमन, पद्मदेव का प्रेम पत्र, तरंगवती काPage Navigation
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