Book Title: Swadhyay 1993 Vol 30 Ank 01 02
Author(s): Mukundlal Vadekar
Publisher: Prachyavidya Mandir Maharaja Sayajirao Vishvavidyalay
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'किरातार्जुनीयम् 'भi usat
ધર્મવિજય
મલ્લિનાથ
३०
सद्यः वक्तुम् क्षयात् अपि धर्मरश्मिम् संततिः
साक्षात् स्मर्तुम् क्षय यदि तिग्मरश्मिम् संहतिः
सहति विलोक्य प्रबद्ध पृथुकृतान् अनोदितोऽपि
परिणामरम्यता १२ पाविनी
સગ ૪
संतति निरीक्ष्य निबद्ध पृथक्कृतान् अचोदितोऽपि परिणामरम्यताम् पावनी
२०
२२
સર્ગ ૫
१३
पुष्पलता निहित अविरलं जितश्च भुजम् कंपितेष प्रथम
पुष्पवना विहित १२ अविचलं नुदश्च करम् कंपितानि हरित रेखा अमलयति प्रसक्तिम्
लेखा
धवलयति प्रवृत्तिम्
विवृद्धिकरी विबभूव विधूय
સર્ગ ૬
समृद्धिकरी प्रवभूव विधूत घृतं शुचिभिः
२४
गुरुभिः
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