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श्रीस्था
भगा. दो अज्जमा, दो सविता, दो तट्टा, दो वाऊ, दो इंदग्गी, दो मित्ता, दो इंदा, दो निरती. दो २ स्थाननाङ्गसूत्र * आऊ, दो विस्सा, दो बम्हा, दो विण्हू, दो वसू, दो वरुणा, दोअया, दो विविद्धी. दो पुस्सा, दो |
काध्ययने सानुवाद अस्सा, दो यमा [२], दो इंगालगा १, दो वियालगा २, दो लोहितक्खा ३, दो सणिच्चरा ४, दो
उद्देशः ३ ॥१३५॥
चन्द्रादिआहुणिया ५, दो पाहुणिया ६, दो कणा ७, दो कणगा ८, दो कणकणगा ९, दो कणगविताणगा
त्यनक्षत्रा१०. दो कणगसंताणगा ११, दो सोमा १२, दो सहिया १३, दो आसासणा १४, दो कज्जोवगा
दिस्वरूपम् १५. दो कब्बडगा १६, दो अयकरगा १७, दो दुंदुभगा १८, दो संखा १९, दो संखवन्ना २०, दो 3 सूत्रम् संखवन्नाभा २१, दो कंसा २२, दो कंसवन्ना २३, दो कंसवन्नाभा २४, दो रुप्पी २५, दो रुपाभासा | २६, दो णीला २७, दो णीलोभासा २८, दो भासा २९, दो भासरासी ३०, दो तिला ३१, दो तिल-* पुप्फवण्णा ३२, दो दगा ३३, दो दगपंचवन्ना ३४, दो काका ३५, दो कक्कंधा ३६, दो इंदगी [वा] ३७, धूमकेऊ ३८, दो हरी ३९, दो पिंगला ४०, [३], दो बुद्धा ४१, दो सुका ४२, दो
१. सूर्यप्रज्ञप्ति सूत्रना टीकाकारे आपेल पाठमां ' इंदग्गी । पाठ छे ते शुद्ध जणाय छे.
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