________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
शुद्धि
पत्रकम्
भीस्थानास्त्र सानुवाद ३२९ अ
س
प्रत्येक,
२३
Kxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
प्रत्ययवस्थान कहेलु कहेशो
भवो ११. पदार्थनो
संवेदनो १ १२ लांछित २ १० कायिका
विहाररूप २ ९ एकत्रपणाए २ ११ विक्षेप
१ ३ विशेष २२ शेष
प्रकृतियो
प्रत्यवस्थान |३० २ ११ उदयमां सत्तामा कहे
| ३१ २ १ आश्रयति आश्रवंति कहेशो के
पज्जवजाए पज्जवनाए भावो
३३ २६ प्रत्येक पदार्थ ज ३४ १ ८ परियारत्ता यरियाइत्ता संवेदनोमां | ३४ १ ८ हता पभू हंता पभू लाञ्छित
३४१ १२ मनन मननम् कायिकी
अननेति अनेनेति विकाररूप
'गई' ति एकत्वपणाए ३९ २ १ ज्ञान-दर्शननो ज्ञानावरण
दर्शनावरणनो विशेष कहे छे के- ३९ २ १४ दर्शन दर्शनशेष ३७
दृष्टिप्रकृतिओ | ४०१ ६ धारणरूप धारणारूप
XXXXKKKKXXXXXXXXXxxxxxxx
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxsaina
سم
نبي
२४
विपक्ष
३२९
XXXXXXX.
For Private and Personal Use Only