Book Title: Sthanang Sutram Sanuvadasya
Author(s): Sudharmaswami, Abhaydevsuri
Publisher: Abhaydevsuri

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Page 376
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobaith.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandie शुद्धि पत्रकम श्रीस्थानापत्र पानुवाद ३३० देवना xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx परिचट्टे परियट्टे विविधे त्रिविधे 'कावादि शब्द काढो नाखवो ज्ञानना आठ कालादि आठ ज्ञानना ३०५ २१. थाय भवपत्ययिक भवप्रत्ययिक ३१८ दवना ३२० नाशा नाश करता करतो आदिग्धकलबि आदिग्धक्लीब ३२१ २७ उ बासादि उपवासादि ३२३ पाम्या पामवा ३२४ २ ७-९ बावीश त्रेवीश १ ५ बावीश क्षेत्रसमासनी मोटी | * आ शुद्धिपत्रमा केटलीक भूलो मुद्रणकार्यने अंगेनी नोंधी छे. टीकामांत्रेवीशजणावेल छे, जे योग्य जणाय छे एक पा ज्ञानअर्हत् अर्हतर्नु श्रावकना श्रावकना मरणमा संविलष्ट मरणमा संक्लिष्ट संयतपणोन संयतपणाने निषध निषेध इच्छावाळी इच्छवाळो वेलयानां वलयोनां अभितीण- अभितोणवखतेक खते XxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxKKKKKKKKKK ३३० For Private and Personal Use Only

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