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२ स्थान
काध्ययने
श्रीस्था
उत्तरकुरुमहद्दमा दो उत्तरकुरुमहद्दमवासी देवा (२), दो चुल्लहिमवंता दो महाहिमवंता दो निसहा नाङ्गसूत्र
दो नीलवंता दो रुप्पी दो सिहरी दो सद्दावाती दो सद्दावातवासी साती देवा दो वियडावाती दो सानुवाद
वियडावातिवासी पभासा देवादो गंधावाती दो गंधावातिवासी अरुणा देवा दो मालवंतपरियागा ॥ १३९ ।।४
दो मालवंतपरियागावासी पउमा देवा दो मालवंता दो चित्तकूडा दो पम्हकूडा दो नलिणकूडा दो एगसेला दो तिकडा दो वेसमणकूडा दो अंजणा दो मातंजणा दो सोमणसा दो विज्जुप्पभा दो अंकावती दो पम्हावती दो आसीविसा दो सुहावहा दो चंदपव्वता दो सूरपव्वता दो णाग
पवता दो देवपव्वया दो गंधमायणा दो उसुगारपव्वया (३),दो चुल्लहिमवंतकुडा, दो वेसमणकूडा, * दो महाहिमवंतकूडा, दो वेरुलियकूडा, दो निसहकूडा, दो रुयगकूडा, दो नीलवंतकूडा, दो उव| सणकूडा, दो रुप्पिकूडा, दो मणिकंचणकूडा, दो सिहरिकूडा, दो तिगिच्छिकूडा, दो पउ
मद्दहा, दो पउमद्दहवासिणीओ सिरीदेवीओ दो महापउमद्दहा दो महापउमद्दहवासिणीओ हिरी| [तो] देवीओ, एवं जाव दो पुंडरीयद्दहा, दो पोंडरीयद्दहवासिणीओ लच्छीदेवीओ, दो गंगापवाय
उद्देशः ३ अपरवर्णनम् ९१-९२९३ सूत्राणि
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। १३९॥
Anamoonam
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