Book Title: Sramana 2013 04
Author(s): Ashokkumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 25
________________ 18 : श्रमण, वर्ष 64, अंक 2 / अप्रैल-जून 2013 १६. पद्मपुराण, कृष्णद्वैपायन, कलकत्ता १९५७। १७. पनवणासुत्त, सम्पा., मुनि पुण्यविजयजी,महावीर जैन विद्यालय, मुम्बई १९६९। १८.प्रश्नव्याकरणसूत्र, सम्पा. प्रवर्तक श्री अमर मुनि जी म., पद्म प्रकाशन, नरेला मण्डी, दिल्ली २००८। १९. भगवद्गीता, सम्पा. डॉ. हरिश्चन्द्र मणि त्रिपाठी, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, १९९०। २०. महाभारत, पं. रामनारायणदत्त शास्त्री, गीता प्रेस, गोरखपुर १९९४। २१. वायुपुराण, कृष्ण द्वैपायन, कलकत्ता १९५९। २२. विष्णुपुराण, सम्पा. पं. थानेशचन्द्र उप्रेति, परिमल प्रकाशन, दिल्ली १९८६। २३. श्रीभागवत महापुराण, गोविन्द भवन कार्यालय, गीता प्रेस, गोरखपुर १९९९। २४. शास्त्री, देवेन्द्र मुनि शास्त्री,भ. अरिष्टनेमि और श्रीकृष्णः एक अनुशीलन, तारक गुरु जैन ग्रंथालय, उदयपुर १९७१। . २५. शास्त्री,राजेन्द्र मुनि, जैन साहित्य में श्रीकृष्णचरित, तारक गुरु जैन ग्रंथालय, उदयपुर १९९१। २६.सिंह, डॉ. शंभूनाथ, जैन साहित्य में कृष्ण का सवरूप, श्रमण, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी, जनवरी-मार्च २००९। २७. हरिवंशपुराण, सम्पा. डॉ. पन्नालाल जैन, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली१९७८। ****

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