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पार्श्वनाथ विद्यापीठ समाचार : 95 परीक्षा के आधार पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागियों में श्री राकेश कुमार मिश्र (प्रथम), डॉ. अनुराधा पाठक एवं सुश्री दीपिका (द्वितीय), डॉ. सन्तोष कुमार मिश्रा एवं सुश्री सावित्री (तृतीय), को क्रमश: तीन हजार, दो हजार एवं एक हजार का पुरस्कार एवं डॉ. के. आर. चन्द्रा सम्पादित प्रकृत-हिन्दी कोश की एक-एक प्रति भी भेंट की गई। इस २१ दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन १२ मई को संस्कृत के शीर्षस्थ विद्वान एवं इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, वाराणसी के परामर्शदाता प्रो. कमलेश दत्त त्रिपाठी ने किया। २ जून को समापन समारोह के मुख्य अतिथि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर यदुनाथ दूबे एवं सभापति प्रो. महेन्द्रनाथ राय, प्रमुख कला संकाय, का.हि.वि.वि.रहे। कार्यशाला के आयोजन हेतु पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री रमेशचन्द्र बुरड, सभापति डॉ. शुगन चन्द जैन, श्री धनपतराज भंसाली एवं सचिव श्री इन्द्रभूति बुरड के संरक्षकत्व में एक आयोजन समिति का गठन किया गया। था। डॉ. अशोक कुमार सिंह कार्यशाला निदेशक, श्री
ओम प्रकाश सिंह, डॉ. नवीन कुमार श्रीवास्तव एवं डॉ. राहुल कुमार सिंह, सहसंयोजक, श्री राजेश कुमार चौबे एवं दयाशंकर सिंह, वित्त-प्रबन्धक, महेन्द्र लुणावत, डॉ. श्रीनेत्र पाण्डेय एवं डॉ. रुचि राय प्रचार समिति से तथा श्री राकेश सिंह भोजन व्यवस्थापक के रूप में जुड़े रहे। द्रव्य, गुण, पर्याय पर डॉ. जयन्द्र सोनी, आस्ट्रिया, का व्याख्यानः पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी द्वारा आयोजित 'द्रव्य, गुण, पर्याय' विषयक एक दिवसीय व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में ‘इन्सबुक विश्वविद्यालय' आस्ट्रिया के डॉ. जयन्द्र सोनी ने कहा कि जैन दर्शन के अनुसार गुण और पर्याय को द्रव्य से अलग नहीं किया जा सकता। सत्ता उत्पाद-व्यय-ध्रौव्य संयुक्त है। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए दर्शन एवं धर्म विभाग, बी.एच.यू. के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. ए. के. राय ने कहा कि जैन दर्शन में 'द्रव्य' शब्द अनेकार्थक है। इस अवसर पर मुनिश्री प्रशमरति विजय जी ने जैन धर्म की दृष्टि से द्रव्य, गुण, पर्याय के महत्त्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ. राहुल सिंह (समन्वयक), प्रो. एस. विजय कुमार, प्रो. उर्मिला चतुर्वेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर डॉ. रुचि राय, डॉ. जयन्त उपाध्याय, श्री ओमप्रकाश सिंह, श्री राजेश चौबे उपस्थित थे।