Book Title: Sramana 2013 04
Author(s): Ashokkumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 104
________________ जैन जगत् अखिल भारतीय श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक युवक महासंघ का १३वों राष्ट्रीय महा-अधिवेशन सम्पन्नःअखिल भारतीय श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक युवक महासंघ का युगान्तकारी १३वाँ राष्ट्रीय महा-अधिवेशन परमपूज्य मालवा-भूषण, महातपस्वी आ.श्री नवरत्नसागरसूरीश्वर जी म.सा. के शिष्यरत्न पूज्य मुनि श्री जिनेशरत्नसागर जी म.सा. की पावन निश्रा में १२ कल्याणक भूमि श्री हस्तिनापुर जी तीर्थ में १३ एवं १४ अप्रैल, २०१३ को अपूर्व हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। इसके आयोजक श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक युवक महासंघ (उत्तर भारत) के अध्यक्ष श्री नीरज जैन ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि श्री पंकज सिंह (महासचिव, भाजपा, उत्तर प्रदेश) द्वारा 'युवा' पत्रिका के नवीनतम अंक का विमोचन किया गया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि मेरठ के सासंद श्री राजेन्द्र जी अग्रवाल ने पूज्य श्री जिनेशरत्नसागर जी म.सा. द्वारा लिखित पुस्तक ‘परमात्मा का अभिषेक : एक विज्ञान' का विमोचन किया। सम्पूर्ण आयोजन श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक युवक महासंघ (उत्तर भारत) के आयोजकत्व में सम्पन्न हुआ। अधिवेशन में उत्तर भारत के श्रीसंघ प्रमुखों सहित अनेकानेक गणमान्य महानुभावों ने अपनी सम्माननीय उपस्थिति प्रदान की। डॉ. दिलीप धींग बने निदेशक डॉ. दिलीप धींग (एडवोकेट) अंतर्राष्ट्रीय प्राकृत अध्ययन एवं शोध केन्द्र (इन्टरनेशनल सेंटर फॉर प्राकृत स्टडीज एंड रिसर्च), चेनई के निदेशक मनोनीत किये गये हैं। यह केन्द्र १९८२ में स्थापित जैनविद्या शोध प्रतिष्ठान (रिसर्च फाउंडेशन फॉर जैनोलॉजी) की इकाई है। प्रतिष्ठान के संस्थापक महासचिव कृष्णचंद चोरड़िया ने बताया कि तीन दशक पूर्व इसी प्रतिष्ठान के आरंभिक अनुदान एवं समर्पित प्रयासों के फलस्वरूप मद्रास विश्वविद्यालय में जैनविद्या विभाग की स्थापना हुई थी। सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राजस्थान) द्वारा प्राकृत एवं जैनविद्या में स्वर्णपदक से सम्मानित कवि डॉ. धींग द्वारा लिखित एवं सम्पादित पचास से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। डॉ. दिलीप धींग का पार्श्वनाथ विद्यापीठ द्वारा हार्दिक अभिनन्दन। समग्र जैन चातुर्मास सूची २०१३ हेतु चातुर्मास सूचनाओं का आमन्त्रण जैन समाज की एकता, समन्वय और संगठन की एकरूपता की भावना उत्पन्न करने

Loading...

Page Navigation
1 ... 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114