Book Title: Shrut Upasna Yane Sahitya Seva
Author(s): Ramanlal Jaychand Shah
Publisher: Ramanlal Jaychand Shah
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८४
હસ્તાક્ષર
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४५
अाणिपत्यतिथी ससकादिलाबादौसिंगादिशेदन स्वसुबाश्यनिहित्सवासेनासमा विलिंगन ध्यमादिमिनिटे आगमानवधा परीक्षवेसर्वपाववालोरमदानीमध्यमदाबादम्यमाचार से यस्तबमाधिमानिसारीयायासमिसानसातवमानधनानिषाविधायनिकायवक्षातोयरमाचावि
बाकाव्येमागबाध्याय मानपानावरस्यापिका कुमात्र त्यागानिंगीतिनावीमतिमा नियालालमिरपोरपिगीतमनभावसरमप्यक्किमेतीलाममध्योकरस्यानिसिपाखिलल सदारविनितिम समान प्रक्ति कार्यवारणपनिदनियतादोनयरिणामतः संपत्रिका नअन्यदानान्यसमापिबुधविसया वसाहत्या मदोषारमिलयालपुकरायललोनियाधी सान्नही देवतथातायातन्नियोगना मागमतरतयं तहरीशविरुद्ध वामन यातसदिसतम्लामेदार चामात्मनिरपानीसकर्मणाविधिलमुसीबतायोगादिसाहिसारितोगावतमाशपरलोकात धीमानक्सन लवद्रियार्थव्यवमिदमनादिस्यादिपर्यस्व-पक्षिनिस्बालादिभावधिसंयम्बितायदे दिनांगलया सदिाना परिकुर्तव्याराव सावा याविनमनीयार्पसत शनापास्यानेनुमानिय नितमी पारूणाविपाARANAायोगबधामाहर्तत समागोयांत्यसंसददेशनोषध
बालासमिनिसादिक्षायैवंययादित भावसंपन्नतापवादहयःप्रयुकेकरोत्यसनियमतीवीपी
હસ્તાક્ષર सं. १८७०
प.
५वे
मा. अ.

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