Book Title: Shasan Jay Pataka Author(s): Zaverchand Ramchand Zaveri Publisher: Zaverchand Ramchand Zaveri View full book textPage 5
________________ शुद्धिपत्रकम् पृ. पं. अशुद्धम् शुद्धम् १२ १७ व्यदयस्पर्शित्वे व्युदयस्पर्शित्वे १५ १५ तानासामुपधानी मन्त्र "तनासामुपधानी मन्त्र "इतिष्टकासु लुक् च मतोः" इतिष्टकासु लुक् चमतोः" २९ २" ते स्वाभिमतं तच "स्वाभिमतं प्रिंटरः-रामचंद्र येसू शेडगे, निर्णयसागर प्रेस, ___ २६-२८ कोलभाट स्ट्रीट, मुंबई नं. २ पग्लिशरः-सवेरचंद रामचंद झवेरी, जैन दहेरासरपासे नवसारी. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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