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(ज़िन्दगी की पाठशाला)
सोचते मत रहिए.
आज को इस तरह जिएँ कि वह कल के लिए यादगार बन जाए। बड़े काम की तलाश करते रहने की बजाय छोटा काम ही सही, शुरू कर दीजिए। समाधान के लिए प्रयत्न कीजिए, वरना आप स्वयं ही समस्या बन जाएँगे। स्वयं को सदा इस ढंग से पेश कीजिए कि उससे जयादा अच्छे तरीके से पेश कर पाना आपके लिए सम्भव न हो। उस समय विशेष शांत रहिए, जब कोई अपना गुस्सा आप पर निकालने लगे। हम अपने कर्मचारी के साथ इतने धैर्य और शांति से पेश आएँ कि वह अपने कर्त्तव्य के लिए सहज प्रेरित रहे।
शुरू
कीजिए
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